ज्योतिष में होरा को तीन रूपों में विभाजित किया गया है. होरा से आशय इस बात का है कि किसी भी राशि के दो समान हिस्सों में विभाजन से लिया गया है.प्रत्येक राशि तीस अंशों की होती है और किसी राशि के पहले 15 अंश उसकी पहली होरा को बताते हैं और दूसरे 15 अंश उसका दूसरी होरा को बताते हैं. विषम राशि का पहली होरा सूर्य की होती है व सम राशियों की प्रथम होरा चंद्रमा की मानी गई है. इसलिए होरानुसार ग्रहों के फलों में अंतर देखा जा सकता है.

राश्यंश होरा की उपयोगिता | Use Of Rashyansha Hora

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरू, शुक्र और शनि की होरा में अनेक प्रकार के फलों की प्राप्ति होती है.

सूर्य-सूर्य की होरा में | Sun-Sun Hora

सूर्य यदि अपनी ही होरा में हो तो यह स्थिति के फलस्वरूप जातक के व्यवहार में क्रोध की अधिकता देखी जा सकती है वह उद्दंड व्यवहार कर सकता है. पित्त की अधिकता रहने से पित्तरोग हो सकता है. नेत्र रोग परेशान कर सकते हैं या दृष्टि में कमी रह सकती है.

सूर्य-चंद्रमा की होरा में | Sun-Moon Hora

यदि सूर्य चंद्रमा की होरा में स्थित हो तो जातक को रोगों से लड़ने की क्षमता प्राप्त होती है वह निरोगी रहता है. शत्रुओं का उस पर प्रहार नहीं होता ओर उनसे हीन रहता है. अतिथियों का आदर सत्कार करने की चाह उसमें रहती है. वह दूसरों की निंदा नहीं करता है. कुल की प्रसिद्धि बढा़ने वाला होगा तथा स्वभाव से विनम्र होता है.

मंगल सूर्य की होरा में | Sun - Mars Hora

कुण्डली में यदि मंगल सूर्य की होरा में हो तो जातक योद्धा, लडा़कू, हिंसक प्रवृत्ति का हो सकता है. जातक साहसिक कामों को करने में जोश के साथ लगा रहता है. उसे रोग का भय अधिक बना रह सकता है तथा पित्त दोष का प्रभाव भी अधिक रह सकता है.

मंगल चंद्रमा की होरा में | Mars-Moon Hora

मंगल के चंद्रमा की होरा में होने पर जातक में साहस खूब रहता है साथ ही वह विनम्र स्वभाव का भी होता है. जातक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है वह धन से युक्त होता है. व्यवहार में कुशलता का अच्छा समावेश रहता है जिससे लोग उससे प्रभावित रहते हैं.

बुध सूर्य की होरा में | Mercury - Sun Hora

यदि बुध सूर्य की होरा में स्थित हो तो व्यक्ति में बौद्धिक क्षमता उन्नत होती है. वह अपनी योग्यता का कुशलता पूर्वक उपयोग करता है. सम्मान से रहने वाला और सुख की चाह में प्रयासरत रहता है. क्रोध अधिक होता है और चतुरता का भाव भी रहता है. शौर्य की कमी हो सकती है. साथ ही जातक किसी व्यसनों से ग्रस्त भी रह सकता है.

बुध चंद्रमा की होरा में | Mercury - Moon Hora

बुध ग्रह अगर चंद्रमा की होरा में है तो जातक भाग्य में वृद्धि पाता है. उसमें मेधावी योग्यता रहती है और वह अपने कामों में संपूर्णता को दर्शाता है. गुणवान होता है तथा मनोविनोद की प्रवृत्ति वाला होता है.

बृहस्पति सूर्य की होरा में | Jupiter -Sun Hora

बृहस्पति के सूर्य की होरा में होने पर जातक में क्रोध और अभिमान की अधिकता हो सकती है. स्वभाव में लालच जागृत हो सकता है तथा कलह करने वाला हो सकता है. बोलने में परेशानी हो सकती है. या वह अपने कर्मों में कुछ गलत करने की ओर भी अग्रसर हो सकता है.

बृहस्पति चंद्रमा की होरा में | Jupiter -Moon Hora

बृहस्पति के चंद्रमा की होरा में होने पर जातक को भाग्य का साथ मिलता है, उससे विद्वानों लोगों तथा गुरू की संगती मिलती है. धन धान्य की पूर्ति बनी रहती है तथा दूसरों का हितैषी भी रहता है.

शुक्र सूर्य की होरा में | enus-Sun Hora

शुक्र का सूर्य की होरा में होने पर जातक की दृष्टि प्रभावित हो सकती है. मूर्खता पूर्ण आचरण करने वाला हो सकता है. उग्रता लिए हुए होता है. कर्त्तव्यों को पूरा न कर सके.

शुक्र चंद्रमा की होरा में | Venus - Moon Hora

शुक्र के चंद्रमा की होरा में होने पर जातक लोकप्रिय बन सकता है. कला में रूचि रखने वाला हो सकता है. धनवान और इछाओं से भरपूर रहता है. लोगों का प्रिय तथा वाक कुशल होता है.

शनि सूर्य की होरा में | Saturn-Sun Hora

सूर्य का शनि की होरा में होने पर जातक के शत्रुओं में वृद्धि होती है. वह कटु व निर्दयी भी हो सकता है. किसी भी कार्य में न्याय का पक्ष समझते हुए आगे बढ़ता है.

शनि चंद्रमा की होरा में | Saturn-Moon Hora

शनि के चंद्रमा की होरा में होने पर जातक के स्वभाव में चालाकी का भाव रह सकता है. वह अपने काम को निकलवाना जानता है. अपने कार्यों द्वारा लोगों के समक्ष नाम भी पाता है. लोकप्रिय और जनप्रतिनिधि बनता है.