कर्क लग्न का पांचवां नवांश वृश्चिक राशि का होता है. जातक गम्भीर, प्रखर बुद्धि का आदर्शवादी, उत्साही व चंचल प्रकृति का होता है. इस नवांश वाले जातक सौम्य प्रकृति के होते हैं. इस नवांश का स्वामी मंगल है और यह एक जलतत्व की राशि में होने से जातक तुनक मिजाजी, स्पष्टवक्ता होता है जातक के बोलने का अंदाज दुसरों के लिए कष्ट कारक भी बन सकता है क्योंकि यह प्रतिक्रिया बहुत जल्दी करते हैं अत: इनकी यह प्रतिक्रिया कठोर हो सकती है जिस कारण दूसरे इनसे आहत भी हो सकते हैं.

यह मजबूत कंधे, तीखे नैन-नक्श, हष्ट-पुष्ट शरीर वाले होते हैं. इनकी आवाज में आकर्षण और आत्मविश्वास होता है और यह मुंहफट भी हो सकते हैं. इनकी प्रकृति काफी गोपनीय,गंभीर और शांत होती हैं जिस करण इनके मन की थाह ले पाना मुशकिल होता है.

यह अपने विचारों को जल्द से दूसरों के समक्ष नहीं रखते काफी विचारशील रहते हैं और मन में अनेक बातें सोचते रहते हैं. उपरी तौर पर यह काफी मजबूत दिखते हैं और आंडबर रहित होते हैं. इसलिए कभी कभी लोग इन्हें ठीक प्रकार से समझ नहीं पाते हैं.

इस नवांश के प्रभाव स्वरूप व्यक्ति में योद्धा होने के गुण होते हैं वह अपने लक्ष्यों को पाने के लिए जूझारू बना रहता है. किसी भी काम को करने में वह प्रयासरत रहते हुए अपने काम को पूरा करने की लगन इनमें खूब होती है. स्वभाव में किसी भी वस्तु को पाने की जब ललक पैदा होती है तो जातक में बदले की भावना भी उत्पन्न हो सकती है.

इनकी यह आदत दुर्भाग्यपूर्ण हो सकती है जिस कारण इन्हें लोगों से दूरी भी झेलने वाली होती है. इन्हें प्यार, खुशी और विश्वास जो इन्हे इनके प्रियजनों से मिलना चाहिए था उससे दूर भी कर सकता है. यदि यह अपने भीतर क्रोध और विद्वेष को दूर करने का प्रयास करें तो इनका व्यक्तित्व और भी अधिक बेहतर रूप से सामने आ सकता है.इनमें असाधारण इच्छा शक्ति होती है जिस कारण यह अपने प्रयासों में सफलता भी पा लेते हैं.

यह लोग जटिलताओं से बचने के लिए गम्भीर रह सकते हैं इनका व्यक्तित्व रहस्यमय हो सकता है कुछ पता चल पाना आसान नहीं होता है. इनकी प्रकृति उतार-चढ़ाव वाली इनके मूड को समझ पाना मुशकिल है. यह लोग सभी से उदारता की भावना से प्रेम करते हैं और मददगार भी होते हैं.

जातक शक्तिशाली व स्पष्टवादी होता है जिसके कारण लोगों से ठीक से पटती नहीं है. ये गुप्त तथा कठिन विषयों को जानने की कोशिश में लगे रहते हैं गूढ़ विषयों में अध्ययन की चाह रखते हैं. अपने नियमों और सिद्धान्तों के पक्के होते हैं और संघर्ष करने से पिछे नहीं हटते हालांकि, यह शिकायत कर सकते हैं कि सहयोगी ही इनके तनाव का सबसे बड़ा कारण व अटकाव हैं.

इस नवांश से प्रभावित होने पर जातक अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने वाला होता है और जीवन का आनंद लेने की चाह रखता है. इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रहती हैं, जिस कारण यह बीमारी से जल्द ही निजात पा लेते हैं.

इनमें जोखिम लेने की प्रवृत्ति खूब होती है इसलिए इन्हें दुर्घटनाओं के प्रति सावधान रहना चाहिए तथा इन्हे उचित सावधानियां लेने की जरूरत रहती है. यह अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से बचते हैं जो इनका एक और कमजोर पक्ष हो सकता हैं जिस कारण मानसिक दबाव बना रह सकता है इसलिए अपने को सीमित न रखें अपनी इच्छाओं को भी दूसरों के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास करें.

जातक कि चाह रहती है की दूसरे लोग इन्हे जाने व समझे, परंतु अपनी शर्तो तथा बुद्धिमता को सर्वश्रेष्ठ मानने के कारण ही अन्य लोगों के साथ इनका तालमेल सही नहीं बैठ पाता है और यह शीघ्र ही असन्तुष्ट व दुःखी हो जाते है. शक्ति के प्रशंसक व कड़े प्रतियोगी होते है. इन्हें अपनी उपेक्षा बर्दास्त नहीं होती है. यह अपने व्यक्तित्व के बल पर ही अपने शत्रुओं को हावी नहीं होने देते हैं.