भद्रिका दशा को बुध की दशा के रूप में जाना जाता है इस दशा की कुल अवधि पांच वर्ष की मानी गई है. यह दशा शुभ ग्रह की दशा होती है इसलिए इस दशा में जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. यह दशा परिवार में स्नेह एवं प्रेम की वृद्धि करती है. व्यक्ति को अपने लोगों का साथ एवं सहयोग प्राप्त होता है और खुशी की प्राप्ति होती है.

बुध से संबंधित इस दशा में जातक को बुध ग्रह से संबंधित फलों की प्राप्ति होती है. जातक की बुद्धि शुद्ध होती है और उसे सही गलत का भान हो पाता है. बुध बुद्धि, विद्या, वेदांत, धर्म,  ग्रंथ कर्ता, संस्कृत व्याकरण आदि को प्रदान करने वाले होते हैं. इस दशा में जातक का मन भगवान में लगता है. ईश्वर प्रेम पैदा होता है, जातक आध्यात्मिक ऊंचाइयों को छूने वाला होता बनता है. इसी के साथ सभी ग्रहों के लिए गणना का अपना नज़रिया होता है.

बुध ग्रह को मुख्य रूप से वाणी और बुद्धि का कारक कहा गया है अत: जातक अपनी बुद्धि तथा वाणी कौशल से कठिन परिस्थितियों को अपने अनुकूल बना लेने में काफी हद तक सफल हो सकता है. इस अवधि में जातकों की वाणी तथा व्यवहार अनुकूल ही होता है जिसके फलस्वरूप जीवन में लाभ प्राप्त होता है. जातक अपनी बुद्धि कौशल के बल पर अपना काम निकलवा लेना जानता है और लोगों के मध्य सम्मान भी पाता है.

बुध को ज्योतिष में तटस्थ अथवा नपुंसक ग्रह मानता है या स्त्री ग्रह माना जाता है. मनुष्य के शरीर में बुध मुख्य रूप से वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करता है. कन्या राशि में स्थित होने से बुध सर्वाधिक बलशाली हो जाते हैं इसमें बुध को उच्चता प्राप्त होती है. इसके अतिरिक्त मिथुन राशि भी इन्हीं की राशि है इसमें स्थित होने से भी इन्हें अधिक बल की प्राप्ति होती है. बुध के मजबूत होने से जातक को वाचाल्य, बुद्धि कौशल एवं व्यवहार का ज्ञान होता है.

दिमागी रूप से गंभीर मसलों को सुलझाने की योग्यता पाता है. कूटनीति से पूर्ण कामों को अंजाम देता है. इसके शुभ फल द्वारा जातक सांसारिक जीवन में सफलता पाता है. नीच का बुध या क्षीण बुध के कारण इसकी दशा में जातक को अनेक कठिनाईयां झेलनी पड़ सकती हैं. पेट, गले या नर्वस तंत्र से संबंधित समस्याओं, त्वचा के रोग, अनिद्रा, मनोवैज्ञानिक रोग जैसी बिमारियों से प्रभावित हो सकता है.

बुध के लिए स्वर्ण का दान तथा हरी वस्तुओं का दान करने से लाभ मिलता है. बुध ग्रह से सम्बन्धित वस्तुओं का दान करने से पीड़ा में कमी आ सकती है. बुध की दशा में सुधार हेतु बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए. गाय बुध की दशा में सुधार के लिए विष्णु सहस्रनाम का जाप भी उत्तम माना जाता है. तुलसी में जल देने से बुध की दशा में सुधार होता है. अनाथों एवं गरीब छात्रों की सहायता करने से लाभ मलता है. बुधवार के दिन गणेशजी के मंदिर में लड्डुओं का भोग लगाना चाहिए. शाराव, अण्डा, मांस का सेवन न करें, जीवन में स्थिरता लाएं, एक जगह टिककर काम करने का प्रयास करना चाहिए.