यंत्र शास्त्र में बीसा यंत्र को प्रमुख स्थान प्राप्त है, विभिन्न यंत्रों की श्रेणी में बीसा यंत्र भी कई प्रकार के हो सकते हैं. यंत्र की अलौकिक शक्तियां साधक की कामना की पूर्ति करने में समर्थ होती हैं. यंत्र अक्षय निधि है जिससे व्यक्ति बहुत कुछ प्राप्त कर सकता है. बीसा यंत्र मनोवांछित सफलता प्रदान करने वाला तथा भय, झगड़ा, लड़ाई इत्यादि से बचाव करने वाला माना जाता है. इस यंत्र को किसी भी प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है चाहे तो इसे मंदिर में स्थापित कर सकते हैं या पर्स अथवा जेब में भी रख सकते हैं.

तंत्र से संबंधित कार्यों में भी इस यंत्र का उपयोग किया जाता है. भागवत में यंत्र को इष्ट देव का स्वरूप बतलाया गया है और इसी प्रकार नारद पुराण में भी बीसा यंत्र को भगवान विष्णु के समान पूजनीय कहा गया है. बीसा यंत्र में कोई भी जड़वाया जा सकता है इसमें रत्न प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं, कुण्डली में अशुभ योगों की अशुभता में कमी लाने हेतु इस बिसा यंत्र का उपयोग किया जा सकता है.

बीसा यंत्र निर्माण | Beesa Yantra Formation

तंत्र, मंत्र और यंत्र अभीष्ट सिद्धियों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इस यंत्र की चल प्रतिष्ठा होती है बीसा यंत्र को किसी शुभ मुहूर्त्त जैसे दीपावली, नवरात्रों, रवि-पुष्य, गुरु-पुष्य, धनतेरस इत्यादि समय शास्त्रोक्त विधि से तैयार किया जाना चाहिए. शुभ मुहूर्त में इस यंत्र को भोजपत्र पर या धातु पर अष्टगंध स्याही अगर, तगर, केसर, गौरोचन, कस्तूरी, कुंकुम, लालचन्दन, सफेद चन्दन से बनाना चाहिए.

बीसा यंत्र का निर्माण भोजपत्र पर करके इसे दाहिने हाथ में धारण करने से कई प्रकार की समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है. धन प्राप्ति हेतु लक्ष्मी बीसा यंत्र के सम्मुख कल्मल गट्टे की माला से “श्रीं ह्रीं क्लीं लक्ष्मी देव्यै नमः” अथवा “श्रीं ह्रीं श्रौं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।” का पाठ करना चाहिए.

बीसा यंत्र पूजन एवं स्थापना | Beesa Yantra Worship

बीसा यंत्र की स्थापना विग्रह, दुकान या व्यापार के स्थान पर ईशान कोण के पश्चिम मुख की ओर करना चाहिए. व्यवसाय में स्फलता पाने के लिए, सर्वकार्य सिद्धि हेतु, मनोवांछित फलों की प्राप्ति के लिए स्वास्तिक बीसा यंत्र को भोजपत्र या सफेद कागज पर लाल रंग की स्याही से लिखकर पूजन स्थल पर रखना चाहिए.

विधि-विधान से ह्रीं श्रीं क्लीं क्लूं अर्द्ध नमः मंत्र का एक माला जप नित्य करें, सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. बीसा यंत्र को चांदी, ताम्रपत्र या भोजपत्र इत्यादि किसी में भी बनाकर उसका नियमित पूजन करने एवं और श्रीसूक्त का पाठ करने से बाधाएं दूर होती हैं तथा सफलता की प्राप्ति होती है.

बीसा यंत्र लाभ | Benefits of Beesa Yantra

धन के अत्यधिक अपव्यय से बचने के लिए लक्ष्मी बीसा यंत्र धारण किया जा सकता है केमद्रुम योग, दरिद्र योग आदि योग होने पर लक्ष्मी बीसा यंत्र बहुत लाभकारी होता है. बीसा यंत्र का प्रभाव चमत्कारी रुप से व्यक्ति पर असर दिखाता है. यह असीम वैभव, श्री, सुख और समृद्धि देता है.  ऐसे लोग, जिन्हें परिश्रम करने पर भी अभीष्ट फल की प्राप्ति नहीं होती, पदोन्नति में बाधा आ रही हो या प्रभुत्व के विकास में बाधाओं का सामना कर रहे हों उनके लिए बीसा यंत्र शीघ्र एवं अभीष्ट फल प्रदान करने वाला होता है.

जीवन साथी के साथ संबंधों में तनाव होना एवं पारिवारिक कलह का व्याप्त रहना इत्यादि में पुखराज युक्त बीसा यंत्र धारण करने से तुरंत लाभ की प्राप्ति होती है. बीसा यंत्र कई प्रकार के होते हैं जिसमें अधिकतर समस्याओं से बचाव के लिए यह कारगर सिद्ध होते हैं.