ज्योतिष और अंक ज्योतिष का आपसी संबंध कैसे डालता है आप पर असर

ज्योतिष एक बेहद विस्तृत विषय है जिसके अंदर अनेकों प्रकार की विद्याएं मौजूद होती हैं. इन सभी के मध्य कुछ संबंध भी देखने को मिल सकता है. इसमें अंक ज्योतिष का असर भी देखने को मिलता है. अंक ज्योतिष और वैदिक ज्योतिष के मध्य ग्रहों का संबंध बेहद मिलता है. ज्योतिष अनुसार सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शनि, शुक्र, राहु, केतु का असर जिन राशियों पर होता है तथा जो इनके गुण होते हैं वहीं तथ्य अंक ज्योतिष अनुसार भी दिखाई देते हैं. अंक ज्योतिष अनुसार यह सभी ग्रह किसी न किसी रुप से जुड़े होते हैं. हर अंक का स्वामित्व जिस ग्रह को मिलता है उसके अनुसार उसके परिणामों को देखा जा सकता है. 

अंक और ज्योतिष अनुसार ग्रहों का प्रभाव 

ज्योतिष की कई शाखाएं हैं और अंक ज्योतिष ज्योतिष की उन शाखाओं में से एक है. यह ग्रहों के साथ मेल बनाती है तथा दुनिया भर में व्यापक रूप से प्रचलित भी है. ज्योतिष शास्त्र मानव जीवन पर ग्रहों के प्रभाव पर आधारित है उसी प्रकार अंकशास्त्र कहता है कि प्रत्येक ग्रह के लिए एक अंक होता है. एक विशेष अंक वास्तव में किसी विशेष ग्रह का प्रतिनिधि पाता है. इस अंकों के खेल में ग्रहों की भूमिका बेहद अग्रीण होती है. इन अंकों के आधार पर व्यक्ति अपने जीवन पर होने वाले स्वभाव पर पड़ने वाले असर को देख सकता है. 

सूर्य ग्रह अंक 1

सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में नेतृत्व और शक्ति का प्रतिक माना गया है. इसे अंकशास्त्र में 1 अंक को सूर्य ग्रह का स्वामित्व प्राप्त होता है. सूर्य का प्रभाव ज्योतिष में सिंह राशि के लिए स्वामित्व को पाता है. अब इस ग्रह के प्रभाव दोनों में ही समान रुप से देखने को मिल सकते हैं. नेतृत्व, दृढ़ इच्छाशक्ति, सकारात्मकता और वर्चस्व की दौड़ अंक एक वालों में तथा ज्योतिष में सिंह राशि वालों में देखने को मिलती है. व्यक्ति को महत्वाकांक्षी होने का गुण मिलता हैं. बाधाओं को पार कर लेने का गुण और शीर्ष पर पहुंच जाने की इच्छा शक्ति भी प्राप्त होती है. 

चंद्रमा ग्रह अंक 2

ज्योतिष में चंद्रमा को वृष राशि का स्वामित्व प्राप्त है और वहीं अंक 2 को चन्द्रमा का स्वामित्व प्राप्त होता है. अंक 2 और ग्रह चंद्रमा का असर व्यक्ति में दयालुता, भावनात्मकता, कोमलता, द्वंद्व की स्थिति भी देखने को मिल सकती है. इस अंक का ज्योतिष के साथ चंद्रमा का मेल होने पर यह दोनों स्थानों पर काफी भावुकता पूर्ण बनाएगा. सौम्य और विनम्र, कलात्मक व्यक्तित्व प्रदान करने वाला होता है. इच्छाशक्ति के बदले भावनाओं से अधिक प्रभावित दिखाई देते हैं. दूसरों से प्रभावित हो जाने वाले तथा पोषण को लेकर भी इनक प्रभाव बहुत होता है. 

बृहस्पति ग्रह अंक 3

ज्योतिष में बृहस्पति का प्रभाव ज्ञान के कारक रुप में है और अंक 3 में बृहस्पति ग्रह को स्वामित्व प्राप्त होता है. इन दोनों की स्थिति का प्रभाव व्यकित्व में विस्तार के गुण भी देने वाला होता है. बृहस्पति का प्रभाव भाग्यशाली और आध्यात्मिक गुण देने वाला होता है. अंक 3 वाले लोग चरित्र और व्यक्तित्व के बहुत अच्छे निर्णायक होते हैं, यही चीज ज्योतिष अनुसार बृहस्पति के गुणों में देख सकते हैं.  

राहु ग्रह अंक 4

ज्योतिष अनुसार राहु की स्थिति और अंक ज्योतिष में 4 अंक को राहु का स्वामित्व प्राप्त होता है. राहु का असर अराजकता और भौतिकवाद के प्रति लिप्सा देने वाला होता है. यह वित्त और धन का अंक बनकर इच्छाओं में वृद्धि को दिखाने वाला होता है. जीवन में कई अचानक होने वाले घटनाक्रम जीवन को बदल देने वाले होते हैं. इच्छाओं की कमी नहीं होती है. अंक 4 वाले व्यक्ति ईमानदार, संतुलित और व्यावहारिक होते हैं. इसी का प्रभाव ज्योतिष में राहु की भ्रामकता को दिखाने वाली होती है. इस अंक और ज्योतिष अनुसार व्यक्ति सांसारिक चीजों में उलझा हुआ भी होता है. 

बुध ग्रह अंक 5

बुध ग्रह को ज्योतिष अनुसार बुद्धि का ग्रह माना गया है, अंक ज्योतिष में 5 अंक को बुध का स्वामित्व प्राप्त होता है. ऎसे में बुध से मिलने वाले फलों को दोनो रुपों में देखने को मिलता है. बुध का असर व्यक्ति को बुद्धिमान, कुशाग्रता और पारिवारिक रुप से सुख प्रदान करता है. इसका असर व्यक्ति को वाचाल बनाता है, मित्रों के मध्य आकर्षक बनाता है. मिलनसार गुणों के कारण अंक 5 हो या मिथुन कन्या राशि वाले लोग आसानी से दोस्त बना लेते हैं. इस कारण से दोनों ही स्थानों पर बुध का समान प्रभव देखने को मिलता है. 

शुक्र ग्रह अंक 6 

शुक्र का असर वृष और तुला राशि के लिए मुख्य होता है. अंक ज्योतिष अनुसार 6 अंक को शुक्र का स्वामित्व प्राप्त होता है. जब राशियों एवं अंक की बात आती है तो व्यक्ति शुक्र के गुणों से समान रुप से प्रभावित होता है. प्यार, जुनून, रोमांस की शक्ति विलासितापूर्ण जीवन शैली पसंद करेंगे और गुणवत्ता से शायद ही कभी समझौता करेंगे. सुंदरता और प्रेम की स्थिति की प्राप्ति होना बहुत अच्छा होता है. व्यक्ति इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए काफी प्रयासशील बना रह सकता है. 

केतु ग्रह अंक 7

केतु को अंक 7 का स्वामित्व मिलता है और ज्योतिष में यह केतु भाव स्थान के अनुसार एवं राशि में स्थित होने के अनुसार अपना प्रभाव देने वाला होता है. सहज और आध्यात्मिक रुप से यह ग्रह ज्योतिष और अंक का असर दिखाता है. व्यक्ति में गुढ़ कार्यों की ओर अधिक ध्यान रहता है कई बार जादू-टोने के प्रति गहरा झुकाव होता है. केतु का प्रभाव अंतर्ज्ञान और दूरदर्शिता का लाभ देने वाला होता है. अंक ज्योतिष और वैदिक रुप से केतु इसी तरह से अपना असर दिखाता है.

शनि ग्रह अंक 8 

ज्योतिष अनुसार शनि मकर एवं कुंभ राशि का स्वामी होता है और अंक ज्योतिष में शनि अंक 8 का स्वामित्व पाता है. शनि का असर व्यक्ति को संघर्षशील, धीमा एवं कर्म पर आश्रित भी बनाता है. व्यक्ति अपने कार्यों से जीवन में सफलता की ओर आगे बढ़ता है. सेवा काम को लेकर गहरी और बहुत तीव्र प्रकृति भी होती है. संवेदनशील गुण भी प्राप्त होते हैं. अंक 8 पर भी और इन राशियों पर समान रुप से शनि अपना असर दिखाता है. 

मंगल ग्रह अंक 9

ज्योतिष अनुसार मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामि होता है. अंक ज्योतिष अनुसार मंगल अंक 9 का स्वामी होता है. मंगल ग्रह का असर व्यक्ति को शक्ति संपन्न, क्रियात्मक, गतिशील, सुधारक, क्रोधी एवं साहसी होने का गुण देता है. उदारता एवं परोपकारिता के गुण भी व्यक्ति को इसके द्वारा प्राप्त होते हैं. कुछ मामलों में अहंकार भी दिखाई देता है, लेकिन खुद को दृष़ रुप से स्थापित करने में सफल होते हैं.