चंद्र महादशा में अन्य ग्रहों की अंतर्दशा प्रभाव

चंद्र महादशा का समय 10 वर्ष का होता है. इस दशा का प्रभाव जातक पर जब होता है तो वह कुछ चंद्रमा के गुण धर्म के द्वारा प्रभावित रहता है. चंद्रमा कुंडली में किस प्रकार से स्थित है इन सभी बातों का असर चंद्र महादशा के दौरान व्यक्ति को देखने को मिलता है. चंद्रमा की महादशा के दौरान अन्य ग्रहों की अंतरदशाएं भी व्यक्ति को प्राप्त होती हैं. इन सभी अंतरदशाओं में चंद्रमा का ग्रहों से संबंध एवं कुंडली अनुसार ग्रहों की स्थिति दशा काल पर अपना असर डालने वाली होती है. 

चंद्र महादशा परिणाम लग्न के आधार पर

चंद्रमा की महादशा जन्म लग्न के आधार पर व्यक्ति को अलग-अलग तरह का असर दिखाती है. उदाहरण के लिए जिस जातक का जन्म मेष लग्न में हुआ है उसे वैसा फल नहीं मिलेगा जैसा कि वृष लग्न में जन्मे व्यक्ति को मिलेगा.  चंद्र महादशा का असर कई कारकों पर निर्भर करता है. दस सालों तक चंद्र काल का फल है व्यक्ति को लग्न के आधार पर ही प्राप्त होता है. 

चन्द्रमा की महादशा में चन्द्रमा की अन्तर्दशा

चंद्रमा की महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा किसी के जीवन में एक सकारात्मक समय हो सकता है यदि यह शुभ स्थिति का चंद्रमा हो.  इस दौरान बहुत प्रगति होती है. व्यक्ति भौतिक सुख-सुविधाओं, समृद्धि और महिलाओं के साथ का आनंद ले सकता है. व्यक्ति के अपनी माता के साथ संबंध घनिष्ठ होते हैं. व्यक्ति अपनी इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम होता है. बहुत सारे सकारात्मक पक्ष सात में आते हैं . चंद्रमा के द्वारा व्यक्ति को कुछ बाधाओं का भी सामना करना पड़ता है. समाज में बहुत सम्मान और प्रसिद्धि मिलती है. कला और रचनात्मक क्षेत्र जैसे संगीत, कविता आदि के प्रति भी झुकाव बढ़ता है. इस दशा के दौरान आध्यात्मिक यात्राएं भी होती हैं.

चंद्र महादशा में मंगल की अंतर्दशा

चन्द्रमा की महादशा में मंगल की अन्तर्दशा, कठिनाइयों और बाधाओं से  प्रभावित होती है. क्रोध एवं बेचैनी अधिक रह सकती है. कुछ धन प्राप्ति एवं हानि संभव है लेकिन साथ ही, कार्यक्षेत्र पर व्यक्ति को वृद्धि का अनुभव होता है. कड़ी मेहनत इस दशा में बेहद अच्छे परिणाम देती है. इस अवधि में व्यक्ति को जन्म या मूल स्थान से दूर रहना पड़ सकता है. माँ और अन्य परिवार और रिश्तेदारों के साथ भी कुछ अनबन बनी रह सकती है. यह दशा मुख्य रूप से स्वास्थ्य पर अपना प्रभाव डालती है. पेट, रक्त की अशुद्धता और चिंता से संबंधित समस्याओं का अनुभव अधिक रह सकता है

चंद्र महादशा में राहु अंतर्दशा

चंद्रमा में राशि दशा अनुकूलता की कमी का कारक होती है. राहु और चंद्र ग्रह एक दूसरे के शत्रु हैं. यहां राहु व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है ऎसे में मन चंद्रमा का राहु से प्रभवैत होनामानसिक शांति की कमी और अनावश्यक भय को दिखाता है. चंद्र महादशा में राहु अंतर्दशा के दौरान आर्थिक स्थिति में गिरावट भी देखी जा सकती है. व्यक्ति व्यथित और अकेला महसूस कर सकता है. व्यापार में भी उलटफेर देखने को मिल सकते हैं. इस अवधि के दौरान खान-पान की आदतें भी प्रभावित होती हैं और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे कि बुखार, मानसिक परेशानी और गलत दवाओं के कारण संक्रमण जैसी दिक्कतें परेशान कर सकती हैं.

चंद्र की महादशा में बृहस्पति की अंतर्दशा

चंद्रमा में बृहपति का आगमन अनुकूल असर दे सकता है.  इस दशा के समय पर धन और सुख प्राप्ति का योग अच्छा दिखाई देता है. दोनों ही ग्रह शुभ माने गए हैं अत: दशा क्रम में एक साथ होने पर कुछ शुभता भी देते हैं.  विलासिता, वस्त्र, आभूषण और अन्य भौतिक सुख-सुविधाओं पर बहुत अधिक खर्च भी होता. चन्द्रमा की महादशा में बृहस्पति की अन्तर्दशा अवधि में कुछ आध्यात्मिक यात्रा भी हो सकती हैं. विद्या और बुद्धि को बल मिलता है. नवीन चीजों से जुड़ते हैं प्रयासों से परीक्षा में अच्छे परिणाम भी प्राप्त कर पाते हैं. सेहत पर वसा की अधिकता का प्रभाव हो सकता है. जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और व्यक्ति मित्रों और संगति में भी समय व्यतीत करता है. इसके अलावा, इस अवधि के दौरान धन की संभावनाओं में भी सुधार होता है.

चंद्र की महादशा में शनि की अंतर्दशा

चंद्रमा में शनि महादशा का समय कमजोर स्थिति को दिखाता है. शनि एक पाप ग्रह है इसलिए चंद्रमा की महादशा में शनि की अंतर्दशा की अवधि स्वाभाविक रूप से जीवन में कुछ चुनौतियों का कारण बन सकती है. शनि विलंब – देरी को दिखाने वाला ग्रह है इसलिए लक्ष्यों और उपलब्धियों को पूरा करने में कुछ बाधाएं देखने को मिल सकती हैं, जिससे निराशा और परेशानी हो सकती है. व्यक्ति कठोर भाषा का उपयोग कर सकता है स्वभाव में अस्थिरता मौजूद रहती है. व्यक्ति कुछ अधिक तर्कशील हो जाता है. समाज में बदनामी के भी योग बन सकते हैं. माता का स्वास्थ्य या उनके साथ आपका संबंध इस दशा के प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल सकता है. कुछ व्यसन भी विकसित होने लगते हैं. 

चंद्र की महादशा में बुध की अंतर्दशा

चंद्रमा में बुध की दशा मिलेजुले परिणाम देने वाली होती है. वैसे चंद्रमा बुध को अपना मित्र मानता है लेकिन बुध चंद्रमा के प्रति शत्रु भाव रखता है लेकिन दोनों शुभ ग्रह हैं इसलिए चंद्रमा की महादशा में बुध की अंतर्दशा का समय अधिकतर समय कुछ सकारात्मक असर देने में सहयोग करता है. चंद्रमा मन है और बुध बुद्धि तो इस समय बुद्धि कुछ चंचल दिखाई दे सकती है. करियर और आय की संभावनाओं में बहुत वृद्धि होती है. व्यक्ति जीवन के सुख भोगता है. बुध के कारण संचार-तर्क क्षमता में काफी सुधार होता है. वाद-विवाद में भाग लेने के लिए यह एक अच्छा समय हो सकता है.  निर्णय लेने में कुछ जल्दबाजी दिखा सकता है ऎसे में कई बार चीजें विपरित भी होती हैं.  व्यक्ति अपनी बुद्धि और ज्ञान का उपयोग करता है, उसे सफलता और खुशी की प्राप्ति होती है. आर्थिक स्थिति में भी अच्छी वृद्धि संभव दिखाई दे सकती है, इस समय पर त्वचा से संबंधित विकार परेशानी दे सकते हैं. 

चंद्र की महादशा में केतु की अंतर्दशा

चन्द्रमा की महादशा में केतु की अन्तर्दशा चिंता एवं मानसिक तनाव को दिखा सकती है. ट्रैवल का समय भी अधिक देखने को मिल सकता है. इस समय शरीर में कष्ट और मन की शांति की कमी के कारण दिक्कत अधिक हो सकती है.  ज्योतिष में चंद्रमा पर केतु की छाया को ग्रहण माना गया है और यह चंद्रमा के ऊपर अशुभ प्रभाव डालता है व्यक्ति इस अवधि में मानसिक रूप से परेशान रहता है. धन हानि और परिवार के मुद्दे भी बड़े दिखाई देने लगते हैं.  प्रेम और सौहार्द का माहौल भी इस समय प्रभावित होता है. कुछ बेकार के भय भी व्यक्ति को परेशान करके रखते हैं, 

चंद्र महादशा में शुक्र की अंतर्दशा

चंद्रमा में शुक्र दशा का समय अनुकूल ही दिखाई पड़ सकता है चाहे इन दोनौं ग्रहों के मध्य मित्रता का अभाव हो किंतु दशा का असर ग्रह के शुभ प्रकृति का होने के कारण सकारात्मक रुप से मिल सकता है.  आर्थिक रुप से ये समय अच्छे परिणाम दे सकता है जीवन में भौतिक सुख सुविधाओं को पाने का भी समय होता है. व्यक्ति जीवन में सुविधाओं का आनंद लेता है. चंद्र महादशा में शुक्र की अंतर्दशा के दौरान मानसिक विचारधारा में इच्छाओं की काफी वृद्धि होती है. अचानक लाभ भी संभव होता है. इस अवधि के दौरान नए रिश्ते बनते हैं प्रेम एवं सहयोग की भावना भी बढ़ती है. व्यक्ति अपनों के साथ भी काफी समय व्यतीत कर सकता है. रचनात्मक गतिविधियों में रुचि लेने का समय होता है. कला, कविता, संगीत, सौंदर्य प्रसाधन, सौंदर्य, गहने आदि के प्रति रुजान बढ़ता है. 

चन्द्रमा की महादशा में सूर्य की अन्तर्दशा

चंद्रमा में सूर्य की अंतरदशा मिलेजुले प्रभाव देने वाली होती है. एक शीतल ग्रह है तो दूसरा अग्नि तत्व युक्त ग्रह है. यह समय बहुत संतुलित भी दिखाई दे सकता है. इस समय माता-पिता की ओर से सहयोग की प्राप्ति हो सकती है.दोनों ग्रह एक-दूसरे के मित्र हैं इसलिए चंद्रमा महादशा में सूर्य की अंतर्दशा की इस अवधि के दौरान जीवन में मान सम्मान भी प्राप्त होता है. काम की अधिकता एवं परिश्रम भी रहता है. व्यक्ति जीवन में बेहतर स्थिति प्राप्त करता है और कई चीजों में उसे अधिकार भी मिलते हैं सामाजिक रुप से लोगों के साथ जुड़ने का अवसर अधिक होता है. शत्रुओं को परास्त करने में सक्षम होता है. स्वभाव में अहंकारी, गर्व एवं दूसरों पर हावी होने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है, ऎसे में विवाद या दूरी का असर भी झेलना पड़ सकता है. 

(Stylerecap)