गर्भपात के योग | Yogas for Abortion

संतान के प्रश्न में कई बार प्रश्न कुण्डली में गर्भपात होने के योग भी बने होते हैं. योग बहुत से हैं आपको मुख्य योगों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. बाकी आप प्रश्न कुण्डली का जितना अभ्यास करेंगें, आपकी प्रश्न कुण्डली पर पकड़ मजबूत होती जाएगी. गर्भपात होने अथवा ना होने के योग हैं :- 

(1) प्रश्न कुण्डली में द्वादशेश शुभ ग्रहों से दृष्ट अथवा युक्त होकर केन्द्र में हो तो गर्भपात होता है. 

(2) प्रश्न कुण्डली में पंचम भाव में पाप ग्रह हों और लग्नेश पाप ग्रहों के साथ हो तो गर्भपात होता है. 

(3) प्रश्न कुण्डली में पाप ग्रहों के साथ चन्द्रमा का इत्थशाल हो तो गर्भपात होता है.  

(4) प्रश्न कुण्डली में वक्री लग्नेश का चन्द्रमा अथवा पाप ग्रहों से इत्थशाल हो तो गर्भपात होता है. 

(5) प्रश्न कुण्डली में पंचमेश त्रिक भावों में पाप ग्रहों से दृष्ट या युक्त हो तो गर्भपात होता है. 

(6) प्रश्न कुण्डली में पंचमेश, पंचम भाव तथा लग्नेश एकादश भाव में हो गर्भपात नहीं होता है. 

(7) प्रश्न कुण्डली में नवमेश तथा पंचमेश केन्द्र तथा त्रिकोण स्थान में शुभ ग्रहों से दृष्ट हों या युत हों तो प्रसव सकुशल होता है. 

(8) प्रश्न कुण्डली में पंचम भाव और पंचमेश पर शुभ ग्रहों का प्रभाव हो तो गर्भ सामान्य रहता है. किसी प्रकार की परेशानी नहीं आती है. 

(9) प्रश्न के समय कुण्डली के आठवें भाव में यदि मंगल स्थित है तो गर्भपात होता है. चन्द्रमा का मंगल से इत्थशाल हो तब भी गर्भपात होता है. 

(10) द्वादशेश यदि अपोक्लिम भावों में स्थित है तो गर्भस्थ शिशु की मृत्यु होती है. यदि लग्नेश भी अपोक्लिम भावों में स्थित हो तब भी गर्भस्थ शिशु को पीडा़ होती है. 

(11) पंचम तथा अष्टम भाव का किसी भी प्रकार का संबंध बन रहा है तो संतान हानि होगी.  

गर्भ के प्रश्न से ही जुडा़ दूसरा प्रश्न यह भी है कि पैदा होने के बाद शिशु कैसा रहेगा. कई बार पैदा होने के बाद नवजात शिशु को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन परेशानियों से जुडे़ कुछ योग प्रश्न कुण्डली में दिखाई देते हैं. यह योग हैं. 

(1) यदि प्रश्न कुण्डली में शुक्र और सूर्य आठवें भाव में स्थित हों तब नवजात शिशु की मृत्यु हो जाती है. 

(2) प्रश्न कुण्डली में लग्न से 2,8 तथा 12 वें भाव में पाप ग्रह हों तो शिश की मृत्यु हो जाती है. 

(3) प्रश्न कुण्डली में द्वादशेश पाप ग्रह होकर दग्ध हो तथा वह अपोक्लिम भाव में हो तो नवजात शिशु की मृत्यु हो जाती है या स्त्री का गर्भपात हो जाता है. (दग्ध से अर्थ है ग्रह सूर्य के साथ हो)

(4) प्रश्न कुण्डली में द्वादशेश पाप ग्रहों से युत होकर अपोक्लिम भाव में हो तो नवजात शिशु मृत्यु को पाता है. 

(5) प्रश्न कुण्डली में द्वादशेश शुभ ग्रहों से दृष्ट अथवा युत हो और केन्द्र में स्थित हो तो नवजात शिशु जीवित रहता है. 

(6) प्रश्न कुण्डली में चन्द्रमा शुभ ग्रहों से दृष्ट अथवा युत हो तो शिशु दीर्घायु होता है. 

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