प्रवासी के घर वापसी के योग | Yoga of Migrant Person to Return Home

खोये व्यक्ति के संबंध बहुत से सवाल प्रश्नकर्त्ता द्वारा पूछे जाते हैं. इन प्रश्नों का बारी-बारी से तथा समझदारी से उत्तर देना चाहिए. प्रश्न कुण्डली में खोये व्यक्ति के घर वापिस आने के लिए बहुत से योग दिए होते हैं. आइए उन योगों का अध्ययन करें. 

घर वापसी के योग |Yoga of Return Home

(1) प्रश्न कुण्डली में लग्नेश तथा चन्द्रमा केन्द्र से अन्य भाव में स्थित हों और केन्द्रस्थ ग्रह से ईशराफ कर रहें हों तो प्रवासी घर के लिए चल पडा़ है. 

(2) प्रश्न कुण्डली में लग्न, तृत्तीय तथा अष्टम भाव में सभी ग्रह हों तो प्रवासी घर के लिए चल दिया है. 

(3) प्रश्न कुण्डली में सप्तम भाव में बली चन्द्रमा स्थित हो तब प्रवासी घर के लिए चल दिया है. 

(4) प्रश्न कुण्डली में लग्नेश, 2,3,8 या 9 वें भाव में स्थित हो तो प्रवासी घर के लिए चल दिया है. 

(5) प्रश्न कुण्डली में चर लग्न हो और उस पर पाप ग्रहों की दृष्टि हो तो प्रवासी घर वापिस चल पडा़ है. 

(6) यदि आठवें भाव में चन्द्रमा स्थित हो और केन्द्र में शुभ ग्रह स्थित हैं तो प्रवासी लाभ सहित वापिस आएगा. 

(7) यदि आठवें भाव में चन्द्रमा स्थित है केन्द्र में पाप ग्रह है तो सभी कुछ लुटाकर वापिस आएगा. 

(8) यदि लग्न में चन्द्रमा स्थित हो और उसका लग्नेश से इत्थशाल हो तो प्रवासी वापिस आ जाएगा. 

(9) यदि बारहवें भाव में चन्द्रमा हो और लग्नेश से इत्थशाल हो तो भी प्रवासी अथवा खोया व्यक्ति घर वापिस आ जाएगा.     

(10) प्रश्न के समय चन्द्रमा कहीं भी अच्छी हालत में स्थित हो तो प्रवासी घर आ जाएगा. 

(11) यदि सारे ग्रह 1,2,3 भावों में स्थित हैं तो खोया व्यक्ति वापिस आ जाएगा. 

(12) यदि 1,2,3 में केवल शुभ ग्रह हैं तो खोया व्यक्ति वापिस आ जाएगा. 

(13) यदि बृहस्पति तथा शुक्र एक साथ 1,2 या 3 भाव में स्थित हैं तो खोया व्यक्ति वापिस आ जाएगा. 

(14) यदि 11वें भाव में सूर्य, बुध तथा शुक्र स्थित हो तो प्रवासी वापिस आ जाएगा. 

(15) यदि त्रिकोण भाव में बुध तथा शुक्र स्थित है तो प्रवासी वापिस आ आएगा. 

(16) द्वि-स्वभाव लग्न है और सभी ग्रह पणफर भावों में स्थित है खोया व्यक्ति अथवा प्रवासी वापिस आ जाएगा. 

(17) यदि लग्नेश लग्न में बैठे ग्रह से इत्थशाल करता है तो भी प्रवासी वापिस आ जाएगा. 

(18) यदि लग्नेश 2 या 8 भाव में बैठा है और दशमेश या दशम भाव में स्थित ग्रह से इत्थशाल कर रहा हो तो भी वापसी के योग बनते हैं. 

(19) यदि लग्नेश वक्री होकर चन्द्रमा को देखे तो भी वापसी के योग बनते हैं. 

घर वापिस ना आने के योग | |Yoga of No Return Home

(1) प्रश्न कुण्डली में चर लग्न हो और लग्न का स्वामी लग्न को देख रहा हो या चर लग्न शुभ ग्रहों से दृष्ट हो. 

(2) प्रश्न कुण्डली में स्थिर लग्न अथवा द्वि-स्वभाव लग्न हो और वह अपने स्वामी ग्रह या शुभ ग्रह से दृष्ट अथवा युत हो. 

(3) यदि प्रश्न कुण्डली में चतुर्थ तथा दशम भाव में शुभ ग्रह स्थित हैं तो प्रवासी अथवा खोया व्यक्ति वापिस आने की इच्छा नहीं रखता है.  

(4) चन्द्रमा यदि शुभ कर्त्तरी में है तो प्रवासी दोस्तों से घिरा है और आने की इच्छा नहीं रखता है. 

(5) चन्द्रमा यदि पाप कर्त्तरी में है तो शत्रुओं से घिरा है और वापिस आने में बाधा है. 

(6) यदि बारहवें भाव में सूर्य, बुध तथा शुक्र हैं तो वापिस नहीं आएगा. 

(7) यदि लग्नेश 1,2,3,11 या 12 वें भाव में स्थित है और केन्द्र में पाप स्थित है तो प्रवासी वापिस नहीं आएगा. 

(8) यदि लग्नेश दूसरे अथवा आठवें भाव में बैठकर चतुर्थ या सप्तम भाव में बैठे ग्रह से इत्थशाल करे तो प्रवासी वापिस नहीं आएगा. 

विदेश गए व्यक्ति के योग | The sum of the individual foreign

प्रश्नकर्त्ता के कई प्रश्न विदेश गए व्यक्ति के सन्दर्भ में होते हैं कि वह कब तक वापिस आएगा. आएगा या कभी नहीं आएगा. वह विदेश में कैसा होगा आदि कई प्रकार के प्रश्न होते हैं. सर्वप्रथम आपको विदेश गए व्यक्ति के वापिस आने के योग बता रहें हैं कि वह कब तक लौटेगा. 

(1) प्रश्न कुण्डली के लग्न में स्थित शुभ ग्रह जिस समय कुण्डली के तृतीय भाव में पहुंचता है उस समय प्रवासी घर लौटता है. 

(2) प्रश्न कुण्डली में सर्वाधिक बली ग्रह लग्न से जितने भाव दूर होगा उस संख्या को 12 से गुणा करें. भाग करने पर जो गुणनफल आता है उतने दिनों में प्रवासी घर आता है. माना गुरु कुण्डली का सर्वाधिक बली ग्रह है और लग्न से छठे भाव में स्थित है. लग्न से छठे भाव तक छ: संख्या आती है. अब छ: को 12 से गुणा करेंगें. गुणा करने पर गुणनफल 72 आता है. इसका अर्थ है कि प्रवासी विदेश से 72 दिनों बाद वापिस आएगा. 

(3) प्रश्न कुण्डली में सप्तमेश जिस समय लग्न में पहुंचता है या लग्नेश से इत्थशाल करता है, उस समय प्रवासी घर वापिस आता है. 

(4) प्रश्न कुण्डली के चतुर्थ भाव में चर राशि में बुध, गुरु और शुक्र हों तो प्रवासी शीघ्र घर आता है. 

(5) प्रश्न चण्डेश्वर के अनुसार प्रश्न कुण्डली में यदि चन्द्रमा सर्वाधिक बली ग्रह है तो कुछ दिनों में प्रवासी वापिस आ जाएगा. यदि सूर्य बलवान है तो उतने माह में प्रवासी घर आएगा. यदि गुरु बली है तो उतने वर्षों में प्रवासी घर आएगा. यदि मंगल बली है तो 8 माह में वापिस आता है. बुध बली है तो 1 माह में वापिस आता है. शुक्र बली है तो 1 वर्ष में आता है. राहु अथवा केतु के बली होने पर 6 माह में प्रवासी घर लौटकर आता है. 

उपरोक्त प्रश्नों के अतिरिक्त प्रश्नकर्त्ता के प्रश्न प्रवासी की सेहत अथवा कष्ट को लेकर भी होते हैं. आइए विदेश गए व्यक्ति के कष्ट में रहने के योगों का आंकलन करें. 

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