अर्बुदा देवी मन्दिर | Arbuda Devi Temple | Arbuda Devi Mandir | Arbuda Devi

राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित नीलगिरि की पहाड़ियों की सबसे ऊँची चोटी पर बसे माउंट आबू पर्वत पर स्थित अर्बुदा देवी का प्राचीन मंदिर. यह मंदिर माता के प्रमुख शक्ति स्थलों में गिना जाता है. यह देवी यहाँ की अराध्य देवी हैं मां अबुर्दा देवी को यहां पर अधर देवी, अम्बिका देवी के नाम से पुकारा जाता है. अबुर्दा माता का मंदिर एक प्राकृतिक गुफा के रुप में निर्मित है, जहां माता की जोत निरंतर जलती रहती है जहां माता के दर्शन हो पाते हैं.

इस धार्मिक स्थल के पास ही मन्दाकिनी नदी बहती है और अन्य तीर्थ हैं भी हैं. मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों का रास्ता है इस मार्ग से गुजरते हुए अनेक मनोहर दृश्य दिखाई पड़ते हैं जो भक्तों एवं सैलानियों के हृदय पर एक अमिट छाप छोड़ते हैं. यहाँ के नयनाभिराम दृश्य औरभक्ति का माहौल मन मोह लेता है.

अर्बुदा देवी मन्दिर पौराणिक संदर्भ | Mythological References of Arbuda Devi Temple

इस स्थान का विशिष्ट धार्मिक महत्व भी है जिसके अनुसार अर्बुद नामक सांप के नाम पर इसका नाम अर्बुदा पडा़. ऋषि वशिष्ठ ने अर्बुदा को वरदान दिया था कि तुम सभी देवी देवताओं के साथ यहां निवास करोगे. मान्यता है कि माता दुर्गा यहां अर्बुदा देवी के रूप में प्रकट हुई, इसलिये इसका नाम अर्बुदा पड गया.

देवी की इस पावन भूमी जहाँ जाकर सभी मनुष्य माता का सानिध्य प्राप्त करते हैं. यह एक ऐसा पवित्र स्थल जहाँ देवी कि महिमा देखने को मिलती है. जहाँ का पौराणिक इतिहास धार्मिक संदर्भ में बहुमूल्य है ऐसा स्थान जहाँ से विभिन्न धार्मिक उल्लेख प्राप्त होते हैं और जहाँ जाकर भक्त एक सुखद अनुभूति को प्राप्त करता है. इस स्थान से जुड़ा है यह ऐसा ही पवित्र धाम जो देवी के प्रमुख मंदिरों में अपना विशेष स्थान रखता है.

अबुर्दा देवी का यह मंदिर भारत के प्रमुख शक्ति मंदिरों में से एक है जहां आकर सभी श्रद्धालु अपनी समस्त चिंताओं से मुक्त हो माँ की शरण प्राप्त करता है. मंदिर में देवी की एक झलक पाने के लिए भारी भीड़ जमा होती है. माँ के दर्शनों को पाकर भक्त कृतार्थ हो जाता है तथा माँ के आशीर्वाद को ग्रहण करता है जिससे उसके सभी दुख व चिंताएं दूर हो जाती हैं.

अर्बुदा देवी मन्दिर महत्व | Significance of Arbuda Devi Temple

यह मंदिर मांउट आबू के प्रमुख पवित्र दर्शनीय स्थलों में से एक है. यहां का सौंदर्य इस बात से और भी निखर जाता है ओर बरबस ही लोग यहाँ खिंचे चले आते हैं. मंदिर का अनुपम सौंदर्य सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है जिस कारण हर व्यक्ति एक न एक बार तो इस मंदिर में आने की इच्छा रखता ही है. माँ के दर्शनों को पाकर श्रद्धालु अपनी सभी कष्टों को भूल जाते हैं व हर चिंता तथा संकट से मुक्त हो जाते हैं .

यहाँ चैत्र पूर्णिमा तथा विजयादशमी के अवसरों पर धार्मिक मेलों का आयोजन होता हैं जिसमें देश विदेश के अनेक लोग भाग लेने के लिए आते हैं. माँ के दरबार में हर समय माता की ज्योत प्रज्जवलित रहती है जो भक्तों में एक नयी ऊर्जा शक्ति का संचार करती है जिससे भक्तों में धार्मिक अनुभूति जागृत होती है तथा जीवन की कठिनाइयों से पार पाने की क्षमता आती है. यहां आने वाला भक्त जीवन के इन सबसे सुखद पलों को कभी भी नहीं भूल पाता और उसके मन में इस स्थान की सुखद अनुभूति हमेशा के लिए अपनी अमिट छाप छोड़ जाती है.