लाल किताब कुण्डली के पहले घर मे राहु की अन्य ग्रहों से युति | Rahu’s Conjunction With Other Planets In The First House of Lal Kitab

राहु और सूर्य | Rahu and Sun

राहु के साथ सूर्य के पहले घर में होने पर कुण्डली की अनुकूल स्थिति खराब होती है यहां इनकी युति होने पर ग्रहण की स्थिति उत्पन्न होती है. राहु के साथ सूर्य का संबंध इस घर के फलों में कमी आएगी और सेहत या स्वभाव में कुछ न कुछ परेशानियां बनी रह सकती हैं.

लाल किताब में यह युति पहले घर में जातक को मानसिक परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. पहले घर में अगर राहु और सूर्य के समय अगर मंगल पांचवें या नौवें घर में हो तो यह व्यक्ति की नेत्र दृष्टि पर असर डाल सकता है.

राहु और चंद्रमा | Rahu and Moon

लाल किताब कुण्डली के पहले खाने में राहु के साथ चंद्रमा को होना मानसिक चिंताओं और मन में दुविधाओं को को लाने वाला होता है. यहां राहु चंद्रमा को खराब भी कर सकता है.

जातक को यह युति का साथ व्यक्ति के लिए मानसिक संताप और चिंता का कारण बनता है. शुद्धता मे मिलावट की सी स्थिति इस युति संबंध में देखी जा सकती है. माता-पिता के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.

राहु और मंगल | Rahu and Mars

लाल किताब कुण्डली में राहु के साथ मंगल का होना पहले घर में फल में एकता लाता है मिलकर एक दूसरे पर्भाव देते हुए फल देते हैं. राहु का फल अलग नहीं होता वह अलग से कोई फल नहीं देता है. राहु और मंगल के पहले घर में होने पर मंगल का उस पर अधिपत्य बना रहता है वह मंगल के प्रभावों के साथ ही है, उसके साथ वह शून्य रूप में अपने को दर्शाता है.

राहु और बृहस्पति | Rahu and Jupiter

इस घर में राहु और बृहस्पति के होने पर व्यक्ति में दानशीलता आती है. जातक अपनी कर्मठता से अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने में प्रयासरत रहता है. जीवन की सभी विपदाओं को सहने की क्षमता उसमें रहती है. वह चाहे गरीब घर में पैदा हो पर अपने लिए कमाई के साधन बना ही लेता है.

इन ग्रहों पर अगर किसी दूसरे अशुभ ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो या राशि के अनुरूप कोई ग्रह मंदा हो रहा हो तो जातक को अपने पिता की स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों को झेलना पड़ सकता है. उतार-चढावों से उभरते हुए जीवन को समझने में सक्षम होता है. जातक को शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इनसे संबंधित उपाय करने से लाभ मिलता है.

राहु और बुध | Rahu and Mercury

लाल किताब कुण्डली के पहले खाने में राहु के साथ बुध का होना इनके गुणों को प्रभावित करने वाला होता है. फल में अनुकूलता नहीं मिल पाती है. इनके साथ होने पर जातक को कुछ न कुछ परेशानी झेलनी ही पड़ती है. पहले घर में बैठे यह दोनों मंदा फल देंगें.यह दोनों का साथ बिगडे़ हुए रईसजादे के जैसा होता है.

जहां कोई नियम नहीं माने जाते और मन की बात को ही पूरा करने की लत लगी होती है. इनके पहले हर में होने पर जातक को मानसिक शारीरिक कष्ट, मन का विचलित होना, परदेस गमन इत्यादि बातों की स्थिति से दो चार होना पड़ सकता है. उजाड़ जैसी हालात की ओर उन्मुख हो सकता है. खर्चे या अचानक होने वाले व्यय बढ़ जाएंगे.

राहु और शुक्र | Rahu and Venus

लाल किताब कुण्डली में खाना नम्बर एक में राहु और शुक्र की युति संबंध जातक के साथी के लिए अनुकूल नहीं माने जाते हैं. पुरूषों की कुण्डली में यदि यह पहले घर में हो तो पत्नी को मानसिक तनाव और कष्ट को झेलना पड़ सकता है. किसी न किसी बात पर तनाव की स्थिति बनी रह सकती है जिसके प्रभावस्वरूप यह स्थिति जातक के लिए हानिकारक ही होती है.

दिमागी परेशानियों से त्रस्त होने पर जीवन में सुख का अभाव बना रह सकता है. इसके प्रभाव से जातक को स्वयं भी अनेक प्रकार कि व्यक्तिगत परेशानियों को झेलना पड़ सकता है. स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी रहती है जो कि संतान पर भी प्रभाव डालने वाली हो सकती है.

राहु और शनि | Rahu and Saturn

लाल किताब कुण्डली के पहले घर में राहु के साथ शनि का होन अएक गर्म और उग्र स्वरूप को दिखाता है. राहु और शनि का एक साथ होना अच्छे फलों का प्राप्ति में रूकावट का कारण बनता है. जातक के सौम्दर्य में कमी आती है मन: स्थिति को सभी के समक्ष नहीं बताएगा और सभी कुछ छुपाव में होगा.

यदि शनि मंदा हो तो राहु के जैसा फल देता है. राहु शनि से पहले घर में हो तो अच्छा नहीं माना जाता है. यहां शनि पहले घर में मंदा हो जाएगा. भाग्य की ओर से सुख में कमी को झेलना पड़ सकता है.