लाल किताब कुण्डली के तीसरे घर में सूर्य का शुक्र, शनि, राहु और केतु का संबंध | Relation of Sun With Venus, Saturn, Rahu and Ketu In The THird House of Lal Kitab

सूर्य और शुक्र | Sun and Venus

सूर्य और शुक्र की युति टेवे के तीसरे घर में बनने से व्यक्ति की भावनाएं और इच्छाएं अनियंत्रित सी रह सकती हैं. वह दोहरे जीवन की चाह रख सकता है, जीवन में उसे ऎश्वर्य के साथ ही मुक्ति की चाह भी रह सकती है. यह संबंध व्यक्ति के लिए हवाई किले बनाने जैसा होता है. व्यक्ति मन की कल्पनाओं में रहने वाला और सुख की चाह करने वाला भी हो सकता है. यह युति संबंध व्यक्ति की आर्थिक क्षती का कारण भी बन सकते हैं या उसके मोह की समाप्ति को भी दर्शा सकते हैं किंतु यह सब कुश ग्रहों की शुभता व प्रभाव पर भी निर्भर करता है.

व्यक्ति की बहनें अधिक हो सकती हैं उसे उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी भी उठानी पड़ सकती हैं यहां शुक्र सूर्य के साथ होकर उष्ण प्रभाव देने वाला हो सकता है.शुक्र के फलों में कमी भी आ सकती है ओर अनुकूल लाभ मिलने में अनेक रूकावटें उत्पन्न होनी स्वाभाविक हो सकती हैं. इन ग्रहों के साथ होने पर एक का प्रभाव अर्थात सूर्य के प्रभाव में ही अधिक तेजी देखी जा सकती है. कभी कभी व्यक्ति शरीर से तो मजबूत लग सकता है किंतु मानसिक रूप से वह विचारों के द्वंद में भी डूबा रह सकता है.

सूर्य और शनि | Sun and Saturn

टेवे के तीसरे घर में सूर्य और शनि का प्रभाव अलग अलग रूप से पड़ता है. व्यक्ति को इनके फलों में मेल प्राप्त नहीं हो सकेगा. वह इन दोनों के फलों को पा सकेगा. किंतु इन दोनों की एक साथ स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती है जिस कारण इनके फलों में शुभता की कमी आ जाती है और व्यक्ति को पूर्ण फल नहीं मिल पाते हैं. वह कई मामलों में इस स्थिति के कारण परेशान भी होता है और लोगों के साथ भी इसका मेल उचित प्रकार से नहीं हो पाता है कुछ न कुछ अड़चनें आती ही रहती हैं.

इन दोनों की युति फलों को खराब करने वाली हो सकती है जब व्यक्ति बहुत मेहनत से अपना काम पूरा करने वाला होता है तो कई बार यह स्थिति भाग्य की कमी को लेकर आती है और व्यक्ति को अपनी मेहनत का फल नहीं मिल पाता है. व्यक्ति अपनी मनमानी करने वाला हो सकता है और अपने समक्ष किसी की भी नहीं चलने देना चाहता. व्यक्ति को अपने भाई बंधुओं से भी द्वेष सहना पड़ सकता है तथा रिश्तों में दूरी आ सकती है. यह स्थिति व्यक्ति को किसी भी काम को करने मेम परिश्रम खूब कराती है और फल कैसा मिलेगा इस बात की कोई गारंटी भी नहीं दे सकती है.

सूर्य और राहु | Sun and Rahu

सूर्य और राहु की युति तीसरे घर में व्यक्ति को मेहनती बना सकती है. परंतु इस स्थिति में व्यक्ति को बुध और केतु के फल अनुकूल नहीं मिल पाते और उनमें कमी आती है या कहें की उनकी अशुभता में वृद्धि होने लगती है. बहन या बुआ के साथ संबंध अच्छे नही रह पाते या उन्हें परेशानी हो सकती है. व्यक्ति के पांव या कान में कोई समस्या उत्पन्न हो सकती है. व्यक्ति अपने काम में खूब मेहनत करने वाला हो सकता है वह अपने परिश्रम से ही अपना भाग्य बना सकता है.

व्यक्ति के पिता को कुछ कष्ट रह सकता है और जातक खुद भी उनसे दूरी की स्थिति को पा सकता है. व्यक्ति अपने घर में या तो किसी बडे़ की भूमिका निभा सकने वाला होता है या वह अन्य के संरक्षण में पल सकता है. किंतु एक बात तो है कि वह अपनी कोशिशों में रूकने की कोशिश नहीं करता है बल्कि निरंतर प्रयासों में लगा रहता है. स्वभाव से कुछ मूडी हो सकता है या कहें की खुद में ही सीमित रहने की कोशिश करने वला होता है इसलिए अन्य लोगों के समक्ष इसकी सही छाप नहीं पड़ पाती है.

सूर्य और केतु | Sun and Ketu

सूर्य और केतु का तीसरे घर में होना अशुभ फल नहीं देता है. लेकिन इसका बुरा असर रीढ़ की हड्डी व्यक्ति के मामा तथा औलाद पर भी पड़ सकता है. जातक को संतान के विषय में चिंता सता सकती है. साथ ही व्यक्ति को यात्राओं से कष्ट हो सकता है उसे अपने काम के अनुकूल फल नहीं मिल पाते हैं ओर कुछ न कुछ दिक्कतें परेशान कर सकती है.

यह ग्रह अपने फलों को देने की पूरी कोशिश करते हैं बस कुछ रूकावतें आने से फलों को मिलने में देरी हो सकती है, किंतु जातक को इनके प्रभाव में अपनी सेहत पर ध्यान देने की जरूरत होती है अन्यथा फोडे़-फुसिंया तकलिफ का कारण बन सकती हैं.