ग्रहों की समय अवधि और ग्रह का प्रभाव समय | Time of speed and effects of planets in Lal Kitab

लाल किताब अनुसार यह ज्ञात किया जा सकता है कि किस आयु वर्ष में कौन सा ग्रह अपना प्रभाव विशेष प्रभाव दिखाएगा. इसी के साथ साथ इन ग्रहों को पुरुष, स्त्री एवं नपुंसक ग्रह में बांटा गया है.

  • सूर्य ग्रह - 22 वर्ष की आयु में सूर्य का विशेष प्रभाव देखा जा सकता है.
  • चंद्रमा - 24 वर्ष की आयु में चंद्रमा का प्रभाव देखने को मिलता है.
  • मंगल - 28 वर्ष की आयु में मंगल ग्रह का विशेष प्रभा देखने को मिलता है.
  • बुध - 34 वर्ष की आयु में बुध ग्रह का प्रभाव देखा जा सकता है.
  • बृहस्पति - 16 वर्ष की आयु में बृहस्पति(गुरू) का प्रभाव दिखाई पड़ता है.
  • शुक्र - 25 वर्ष की आयु में शुक्र का प्रभव देखने को मिलता है.
  • शनि - 36 वर्ष की आयु में शनि के प्रभाव को देख सकते हैं.
  • राहु - 42 वर्ष की आयु में राहु का प्रभाव होता है.
  • केतु - 48 वर्ष की आयु में केतु का प्रभाव होता है.


उम्र के कौन से वर्ष में कौन सा ग्रह अपना प्रभाव देगा इस बात को हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि किसी व्यक्ति की कुण्डली में सूर्य सातवें भाव में बैठा हो तो उस व्यक्ति को उम्र के 22 वें साल में सरकारी कामों में विघ्न एवं उस भाव से संबंधित कारक तत्वों का सामना करना पड़ सकता है.

ग्रहों का लिंग और प्रभाव करने का समय | Gender of planets and their time of effect

लाल किताब में सभी ग्रहों को लिंग के स्त्री, पुरूष और नपुंसक में बांटा गया है. इसके अतिरिक्त लाल किताब में सभी ग्रहों का प्रभाव किस समय सबसे अधिक हो सकता है इस बात को भी बताया गया.

  • सूर्य - सूर्य ग्रह को पुरूष ग्रह कहा गया है और यह सबसे अधिक दिन के समय अपना प्रभाव प्रकट करते हैं इसी समय इन्हें सबसे अधिक बली माना जाता है.
  • मंगल - मंगल ग्रह पुरुष ग्रह हैं. यह भी दिन के समय पर अधिक बली रहते हैं तथा इसी समय इनका प्रभाव सबसे अधिक गहरा होता है.
  • बृहस्पति - बृहस्पति ग्रह भी पुरुष ग्रह हैं. यह भी दिन के समय पर अधिक बली रहते हैं तथा इसी समय इनका प्रभाव सबसे अधिक गहरा होता है.
  • चंद्रमा - चंद्रमा ग्रह एक स्त्री ग्रह है . यह रात के समय अधिक बली होते हैं और इसी समय इनका प्रभाव सबसे अधिक होता है.
  • शुक्र - शुक्र ग्रह एक स्त्री ग्रह माना गया है. यह भी रात के समय अधिक बली होते हैं तथा इसी समय इनका प्रभाव अधिक होता है.
  • बुध - बुध ग्रह को नपुंसक ग्रह माना जाता है. बुध ग्रह अपना प्रभाव सुबह और शाम के समय अधिक देते है.
  • शनि - शनि ग्रह को भी नपुंसक ग्रह माना जाता है. इनका प्रभाव सुबह और शाम के समय अधिक होता है.
  • राहु - राहु ग्रह को नपुंसक ग्रह माना जाता है. इनका प्रभाव सुबह और शाम के समय अधिक रहता है.
  • केतु - केतु ग्रह को नपुंसक ग्रह माना जाता है. केतु ग्रह का प्रभाव सुबह और शाम के समय अधिक माना गया है.