सिंह लग्न का नौवां नवांश धनु राशि का होता है जिसके स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं. इस नवांश के अनुरूप जातक के जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. जातक का रूप रंग आकर्षक होता है, उसमें बाहुबल की अधिकता होती है. वह कार्यों को करने में सूझबूझ से काम लेता है. जातक की आवाज भारीपन लिए हुए प्रभावशाली होती है. इनका चेहरा लम्बा होता है व नाक उठी हुई होती है.

आंखें काली व मनमोहक होती हैं. कमर पतली तथा पैर मजबूत होते हैं, इनकी चाल में तेजी देखी जा सकती हैं. व्यक्ति रौबिला होता है तथा दूसरों पर इनका खूब प्रभाव पड़ता है. परिवार की जिम्मेदारियों को निभाने में यह बहुत सहायक रहते हैं इन्हें मुख्य स्थान की चाहत रहती है. यह स्वयं की सत्ता का अनुसरण करने की इच्छा रखने वाले होते हैं.

व्यक्ति कम बात करने वाला लेकिन गंभीरता के साथ प्रत्येक स्थिति पर विचार करने वाले होते हैं. अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए यह हर संभव प्रयास करने वाले होते हैं. आथिक मामलों में यह सीमित प्रवृत्ति का प्रदर्शन करने वाले होते हैं. धन संबंधी मामलों में संतुष्ट दिखाई दे सकते हैं. यह किसी भी कार्य में योजनाबद्ध तरीके से काम करते हैं तथा धन भी योजना अनुरूप व्यय करते हैं जिस कारण आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है.

सिंह लग्न के नौवें नवांश का प्रभाव | Effect of Ninth Navamsha of Leo Ascendant

जातक की स्थिति सम्मान जनक होती है समाजिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं. समाज कल्याण के कार्यों से जुड़ते हैं तथा सभी क्षेत्रों में अपनी भूमिका का निर्वाह कराने वाले होते हैं. इनके कार्यों की समाज में प्रशंसा होती है तथा गणमान्य व्यक्तियों के मध्य इन्हें उच्च स्थान प्राप्त होता है. जातक में योग्यता होती है और वह अपनी कार्य कुशलता द्वारा सभी के मध्य आकर्षण का केन्द्र बनता है.

जातक अधिक मेल-जोल के होते हुए भी स्वयं को सीमित रखने का प्रयास करता है. यह किसी भी जल्दबाजी़ से दूर ही रहने का प्रयास करते हैं. इनके बारे में समझ पाना कठिन नहीं होता. इनके मित्रों की संख्या कम ही होती है, किंतु जो भी मित्र होते हैं वह इनके साथ निष्ठावान रहने वाले होते हैं.

संतान पक्ष की ओर से इन्हें संतोष की प्राप्ति होती हैं, इनकी संतान योग्य व आज्ञाकारी रह सकती है तथा उनके द्वारा इन्हें सम्मान की भी प्राप्ति होती है. शुभ आचरण और धर्मगत व्यवहार करने वाले होंगे. व्यक्ति अपनी संतान के विषय में अधिक विचारशील रह सकता है. उनकी शिक्षा व व्यवसाय के प्रति इनका ध्यान बना रहता है. यह अपना अधिकांश समय बच्चों के विकास और उनके उज्जवल भविष्य के निर्माण हेतु लगा देते हैं.

जीवन साथी के रूप में इन्हें सुयोग्य साथी की प्राप्ति होती है. इनका साथी कार्यकुशल व व्यवहार में चतुर होता है. वह शिल्प कला इत्यादि में प्रवीण हो सकता है तथा गृहस्थ जीवन के प्रति सजग रहने वाला होता है. धार्मिक क्रियाकलापों को करने में आगे रहने वाला होता है. वह भ्रमण करने का शौकिन हो सकता है. अपनी जिम्मेदारियों के प्रति काफी सजग रहता है. यह जातक के साथ परस्पर सहयोगात्मक रूप से काम करने वाला हो सकता है.

सिंह लग्न के नौवें नवांश का महत्व | Significance of Ninth Navamsha of Leo Ascendant

सिंह लग्न के नवें नवांश में जन्मा जातक साहसी व अपने कार्यं को करने में प्रयासरत रहने वाला हो सकता है. परंतु जातक में स्वयं को अग्रीण रखने की स्थिति कभी-कभी संतोषजनक नहीं रह पाती है. जातक की कल्पना शक्ति अधिक होती है वह नए-नए रूप से स्वयं को अभिव्यक्त करने की चाह रख सकता है. दोहरी विचारधाराओं से जुड़ते हुए जातक अपनी समझ का दायरा विस्तृत रखने वाला होता है.

जातक को विज्ञ जन का साथ मिलता है तथा गुरू समान व्यक्तियों का सानिध्य पाता है. अपने कार्यक्षेत्र में यह अपने शत्रुओं को परास्त करने में सक्षम रहता है. अपने विनम्र स्वभाव के कारण जातक अन्य लोगों के साथ सहज हो जाता है. व्यवहार कुशलता बनी रहती है तथा जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखता है.

जातक के चेहरे पर मुस्कुराहट बनी रहती है. जातक कि उपस्थिति उल्लासपूर्ण और अनौपचारिक होती हैं लेकिन उदार प्रकृति के होने के कारण यह सभी के लिए प्रिय होते हैं. इन्हें बदलती परिस्थितियों के अनुरूप स्वयं को ढलना आता है. यह कोई भी आदत आसानी से नहीं बनाते यह स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं तथा उसके अनुसार काम करने का प्रयास भी करते हैं. कभी-कभी यह क्रोधी हो सकते हैं जिस कारण इन्हें शांत कर पाना कठिन हो जाता है.