कर्कगत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Cancer

कर्कगत शनि के होने पर जातक को ऎसे लोगों का साथ मिलता है जो उसके भाग्यनिर्माण में सहायक बनते हैं और सुभग लोगों से जुड़कर जातक में शुद्धता का निर्माण होता है और वह कई विषयों पर विचाराधीन रहते हुए कार्य करने की सोचता है. जातक का स्वास्थ्य कुछ खराब सा रह सकता है, वह बचपन में बिमारी से परेशान भी रह सकता है जिस कारण उसका मन उदासी और थकावट से युक्त हो सकता है. आर्थिक रूप से मजबूती पाने के लिए जातक को काफी संघर्षों का सामना करने की जरूरत पड़ सकती है. व्यक्ति की बुद्धि तेज होती है जिसके द्वारा वह अपने कार्यों को पूर्ण कर लेने में सक्षम होता है और चतुराई पूर्वक अपने कामों को अंजाम देता है.

जातक का मन कोमल होता है और वह विशिष्ट कामों में लगा रहता है. उसके द्वारा किस गए कार्यों के दूरगामी प्रभाव पड़ते हैं. जातक में उतावलापन भी खूब होता है किसी भी काम को करने में वह जल्दबाजी का परिचय दे सकता है. इस कार्यक्षमता से उसे कई बार परेशानी भी उठानी पड़ सकती है. क्योंकि तेजी से किए गए कामों में विचारों का अभाव हो सकता है जो उस कामों के सही मापदडों को समझने में पूर्ण रूप से सहयोगात्मक न बन सके. जातक का व्यवहार कुछ हद तक समझ से परे भी रह सकता है वह कभी कभी काफी हठता और कर्कशता से युक्त व्यवहार भी कर सकता है.

शत्रुओं को पीडा़ देने की कोशिशों में यह सदैव ही प्रयासरत रहता है. अपने बंधुओं का भी विरोधी हो सकता है जिस कारण बंधुओं का साथ नहीं मिल पाता है और उनसे दूरी की स्थिति बनी रहती है. व्यक्ति अपना मार्ग स्वयं निर्धारित करने की इच्छा रखता है और उसे स्वयं को भीड़ से अलग दिखाने की चाह रहती है. जीवन की मध्यावस्था में व्यक्ति जीवन में आर्थिक संपन्नता को पा सकता है या उसका जीवन कुछ अच्छे राजसी रूप से व्यतीत हो सकता है. सुखों की प्राप्ति करता है.

सिंहगत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Leo

सिंहगत शनि के योगफल द्वारा जातक में साहस की अधिकता रहती है. जातक का लेखन के कामों में मन अधिक रमता है वह अध्ययन कार्यों में वह काफी अनुरक्त रहता है. व्यक्ति की चाह ज्ञान को पाने की ओर प्रयासरत रहती है. वह विद्वानों की संगती पाना चाहता है और विद्वान भी बनता उसकी संगती उच्च वर्ग के लोगों के साथ बनती है. व्यक्ति कई प्रकार के कठोरता पूर्ण कामों को करने वाला होता है. उसके इस कार्यों से उसे निंदित भी होना पड़ सकता है और आचरण से भी निंदा पूर्ण कामों को करना आना चाहिए. जातक को स्त्री पक्ष से दूरी सहन करनी पड़ सकती है और उनके प्रति उसका व्यवहार भी कठोर रहता है.

जातक नौकरी द्वारा अपनी आजीविका को पाता है. कई बार व्यक्ति कुछ नीच कार्यों को भी करने की ओर प्रयासरत रहता जिस कारण लोग उससे दूरी बना लेते हैं और उसे अपने लोगों से भी दूरी सहन करनी पड़ सकती है. क्रोध अधिक करता है और उसके इस व्यवहार से दूसरों को कष्ट होता है. जातक स्वयं में ही अधिक खोया रहने वाला होता है उसका अपना संसार होता है.

जातक अधिक जिम्मेदारियों का निर्वाह करने में सक्षम नहीं रह पाता वह अपने को अधिक बोझ और जिम्मेदारियों के मध्य पिसा हुआ पाता है. इसके कारण उसका मन भी खिन्न रहता है. व्यक्ति में स्थिरता की अधिक चाहत होती है वह अधिक आवागमन करने की इच्छा नहीं करता इसलिए जब भी इन स्थितियों का सामना करना पड़ता है तो वह मन से परेशान हो उठता है.

कन्यागत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Virgo

कन्यागत शनि के होने पर जातक जिद्दी और हठी हो सकता है वह मन से काफी गलत विचारों की ओर भी उन्मुख रह सकता है. उसे दूसरों से अधिक स्वयं के हित की चाह रह सकता है. आलस्य की अधिकता उसमें सदैव ही बनी रहती है. व्यक्ति में दूसरों का धन और दूसरों के सुख को पाने की चाहत रहती है, वह उनके धन धान्य को पाना चाहता है और उनके सभी सुखों को पाने की लालसा रखता है. बुरे कार्यों की ओर भी उन्मुक्त रहने वाला होता है. व्यक्ति के मित्रों की संख्या भी सीमित होती है और वह अधिक मेल जोल से दूर ही रहता है. वह अपने प्रयासों में कमी कर सकता है परंतु फिर भी उसके पास आर्थिक स्थिति की अनुकूलता बनी रहती है.

व्यक्ति में कुछ परोपकारिता का भाव भी निहीत होता है जिसके द्वारा वह अपने कर्मों को शुद्ध कर पाने में सक्षम रहता है. जातक को शिल्प कलाओं की अधिक समझ नहीं होती है. कई बार वह कामों को बिना सोचे विचारे ही कर बैठता है जिस कारण उसे कठिनाई का सामना भी करना पड़ सकता है.

"शनिगत स्थिति का योगफल - भाग 1"

"शनिगत स्थिति का योगफल - भाग 3"

"शनिगत स्थिति का योगफल - भाग 4"