सिंह लग्न का आठवां नवांश वृश्चिक राशि का होता है. जातक का रंग व नैन नक्श प्रभावशाली होते हैं. उसकी देह मजबूत होती है तथा वह हृष्ट-पुष्ट दिखाई देता है. आवाज में भारीपन हो सकता है उसका व्यवहार रौब जमाने वाला हो सकता है. जातक के अंग सुडौल व सुंदर होते हैं. वह कम बोलने वाला तथा अपनी बात की महत्ता को समझने वाला होता है. जातक गंभीर व्यक्तित्व का होता है तथा विचारों में तल्लीन रहने वाला होता है. व्यक्ति कल्पनाओं द्वारा अपने सपनों की हकीकत का निर्माण करता है. व्यक्ति स्वयं के विषय में नहीं बताना चाहता किंतु दूसरों की मन:स्थिति को भांपने की कोशिशों में लगा रहता है उनके राजों को जानने की चाह रखता है.

सिंह लग्न के आठवें नवांश में जन्मा जातक पराक्रमी व योद्धा किस्म का हो सकता है. वह अपने निणयों के प्रति अटल रहने वाला हो सकता है. जातक में स्वयं के प्रदर्शन की भावना बहुत होती है, वह दूसरों के समक्ष अपना शक्ति प्रदर्शन करने वाला होता है और उसमें जुझारूपन भी खूब होता है. जातक अपने कार्यों की पूर्ति करने से पिछे नहीं हटता है. वह किसी न किसी रूप में स्वयं को स्थापित करने की इच्छा अवश्य रखता है उसकी यही योग्यता उसे आगे तक ले जाने में सहायक सिद्ध होती है.

जातक के मुख पर विशेष सौम्यता का प्रादुर्भाव होते देखा जा सकता है, इस कारण व्यक्ति के सही व्यक्तित्व को समझने में कठिनाई होती है. जातक में सहन शक्ति की कमी देखी जा सकती है अर्थात वह अन्य किसी के द्वारा कही गई बात को सहन नहीं कर सकता. उसके संदर्भ में अपने विचारों को सदैव रखने का प्रयास करता है. यदि वह अपनी बात को नही रख सके तो उसके मन में बात सदैव चलती रहती और उसे जैसे ही मौका मिलता है वह अपनी बात को कह देता है. दूसरों को मनोभावों न समझते हुए उसका यह व्यवहार नकारात्मकता का अभिप्राय बन सकता है.

सिंह लग्न का आठवें नवांश का प्रभाव | Effect of Eighth Navamsha of Leo Ascendant

सिंह लग्न के इस आठवे वृश्चिक नवांश में जातक की भावनाएं काफी प्रबल होती हैं. जातक अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाने के लिए अधिक उत्सुक नहीं होता किंतु उसे अपनी इच्छा पूर्ति की चाह बहुत होती है. वह अपनी आकांक्षाओं के प्रति सचेत रहता है तथा हर प्रकार से उन्हें पूर्ण करने की इच्छा रखता है. नवांश में वृश्चिक राशि के प्रभाव स्वरूप जातक तेजस्वी एवं आत्मविश्वास से पूर्ण होता है. अग्नि तथा जल का रुप मिलकर व्यक्ति के स्वभाव को प्रभावित करता है. जातक अपने विचारों को काफी प्रभावशाली रूप से दूसरों के समझ प्रस्तुत करने की कोशिश करता है.

जातक ऊर्जावान होते हैं किसी भी कार्य को करने से पीछे नहीं हटते हैं जो कार्य प्रारंभ करते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं पूर्ण रूप से अपने काम को पूरा करने की हर संभव कोशिश करते हैं. नीतियाँ बनाना एवं उन पर कार्य करना इनकी आदत में निहीत होता है. अनुशासन में रहकर जीवन जीते हैं . इनका मन बहुत जल्द ही प्रभावित होता है अत: इन्हें कौन सी बात बुरी लग जाए पता नहीं चल पाता है.

यह जीवन में जो नियम बनाते हैं, उन पर स्वयं भी कार्य करते हैं और दूसरों से भी यहीं इच्छा रखते हैं कि दूसरे इनकी बात को समझें. इन्हें अपना मान सम्मान बहुत प्रिय होता है इसलिए यह जल्द ही किसी के साथ नहीं घुलते मिलते अपितु उचित प्रकार से ही साथी का चयन करने वाले होते हैं. यदि किसी से कोई वादा करते हैं तो उसकी पूर्ति अवश्य करते हैं अपने वचनों से पिछे हटना इनकी आदत में नहीं होता है.

सिंह लग्न का आठवें नवांश का महत्व | Significance of Eighth Navamsha of Leo Ascendant

जातक के स्वभाव एवं व्यवहार में स्थिरता देखने को मिलती है. इन्हें अपने परिवार का सहयोग प्राप्त होता है जीवन में सुख साधनों को जुटाने की चाह बनी रहती है. तीखा बोलने से पीछे नहीं हटते हैं. वाक कुशला और चतुराई से पूर्ण कामों को पूरा करते हैं. अधिक परिश्रम करना जातक को पसंद नहीं होता है यह स्वयं कार्य करने की अपेक्षा दूसरों से काम करवाने वाले होते हैं. परंतु जल्दी से किसी के द्वारा किए गए कार्यों से संतुष्ट भी नहीं हो पाते हैं. मानसिक रूप से योजनाओं द्वारा काम को पूरा करने की कोशिश बहुत होती है.

जातक में ज्ञान प्राप्ति की चाह सदैव बनी रहती है, जातक का स्वभाव संदेह से भरा रह सकता है. इनमें प्रतिशोध लेने की इच्छा भी खूब बलवती रहती है. धन तथा भू-संपदा प्राप्त करने में यह काफी कुशल होते हैं. दया भावना भी इनमें होती है तथा अपने अधिनस्थों कार्य करने वालों के प्रति इनका व्यवहार सौम्य रहता है. जीवन साथी इनके लिए सहायक होता है तथा जीवन में आने वाले उतार-चढा़वों को सहने वाला होता है.