मेषगत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Aries

मेषगत गुरू के होने पर जातक की वाणी में ओजस्विता का भाव देखा जा सकता है. व्यक्ति अपने विचारों को स्पष्टता के साथ प्रबल रूप से सभी के समक्ष रखता है. उसके वाद विवाद के समक्ष किसी का ठहर पाना आसान नहीं होता है. जातक अपने ज्ञान को बहुत प्रभावशाली तरह से दूसरों के आगे प्रस्तुत करने की कला जानता है. जातक अपनी सोच और उन्नत विचारधारा का परिचय देता है.

जातक व्यवहार कुशल होता है और परिश्रम द्वारा लाभ की प्राप्ति करता है. जातक क्रोध से युक्त होने पर भी अपने उदारतापूर्ण कार्यों को करने से दूर नहीं हटता वह दूसरों के साथ पूर्ण सहयोगात्मक का रूख अपनाता है. सदाचारी व सत्वगुणों द्वारा समाज कल्याण के कार्यों में लगा रहता है. व्यक्ति को पुत्र संतान की प्राप्ति होती है तथा वह संतान से सुख भी पाता है.

जातक के व्यवहार में दबंगपन भी होता है. हार नहीं मानते हुए व्यक्ति कार्य को सिद्ध करने के लिए प्रयासरत रहता है. व्यक्ति के शत्रु अधिक हो सकते हैं. इनका व्यय भी अधिक होता है. आर्थिक रूप से संतुष्ट रहते हैं लेकिन खर्चों पर नियंत्रण नहीं लग पाता है. जातक उग्रता पूर्वक कामों में लगा हुआ व दण्ड देने की चाह रखने वाला हो सकता है.

वृषगत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Taurus

जातक को अपने जीवन साथी से प्रेम की प्राप्ति होती है तथा वह भी साथी के साथ प्रेम करने वाला होता है, स्त्री के प्रति इनका विशेष प्रेम रह सकता है. सुंदर वेष वाला और अच्छी वस्तुओं का शौकिन होता है. जातक स्वयं के लिए सुख साधन जुटाने वाला होता है और ऎश्वर्य की चाह रखने वाला होता है. शालिनता से पूर्ण व्यवहार करने वाला होता है.

वृषगत गुरू के होने पर जातक संयम रखने वाला हो सकता है. गुरू के प्रभाव स्वरूप व्यक्ति भारी-भरकम शरीर वाला हो सकता है या उसे मोटापा भी हो सकता है. भक्ति में लीन रहने वाला होता है देव-ब्राह्मण की भक्ति करने वाला होता है. देखने में आकर्षक स्वरूप का तथा सभी का प्रिय बनता है. शुभ आचरण करने वाला तथा दया भाव से युक्त होता है.

इस राशि ग्रह के प्रभाव स्वरूप जातक को यह संबंध धन धान्य से युक्त बनाने में सहायक होता है. व्यक्ति को अच्छे लाभ की प्राप्ति भी होती है उसके पास गौधन तथा कृषि से धन की प्राप्ति होती है. उत्तम वस्तुओं व आभूषणों को पाने वाला होता है. कम बोलने वाला लेकिन प्रभावशाली तरह से अपनी बातों को दूसरों के समक्ष रखता है. नीतिकुशल होता है तथा विनय पूर्ण व्यवहार वाला और वैद्यक रूप में अच्छी कुशलता पाने वाला बनता है.

मिथुनगत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Gemini

मिथुनस्थ गुरू के होने पर जातक धनवान और उत्तम गृह से युक्त होता है. अच्छा प्रभाव पड़ता है. शिक्षा के क्षेत्र में जातक प्रसिद्धि पाने में सफल होता है. धर्म कर्म के कार्यों में रूचि रखने वाला होता है. इसके कार्यों में चंचलता भी होती है किंतु योग्यता से पूर्ण होने पर इनके काम से इन्हें प्रशंसा प्राप्त होती है. विचारों के आदान प्रदान में सदैव लगे रहते हैं. इन क्षेत्रों में आप बहुत उन्नति पाते हैं.

इन्हें छोटी दूरी की यात्रा के अवसर करने के अनेक मौके मिलते हैं. इनके संबंध पड़ोसियों, भाई-बहनों और सहकर्मियों के साथ सामान्य रहते हैं सभी के साथ सामंजस्य की भावना रखने की कोशिश करते हैं. यह आशा और उत्साह से परिपूर्ण रहते हैं. अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करने की कोशिश करते रहते हैं. इन्हें कोई न कोई नई चीज सीखने की इच्छा होती है या कोई नया शौक अपनाने की चाह बनी रहती है.

अपनी योग्यता द्वारा सभी को आश्चर्यचकित कर सकते हैं. अपने विचारों में सकरात्मक परिवर्तन बनाए रखते हैं. कभी कभी चीजों के होते हुए भी इन्हें किसी कमी का अहसास हो सकता है. धन वृद्धि के लिए अत्यधिक संघर्ष करना पड़ सकता है. काफी संघर्ष के बाद धन मिलने की संभावना बनती है. यह धर्म संबंधी कार्यों में बढ़ चढ़ कर रुचि ले सकते हैं.

"गुरूगत स्थिति का योगफल - भाग 2"

"गुरूगत स्थिति का योगफल - भाग 3"

"गुरूगत स्थिति का योगफल - भाग 4"