धर्मिष्ठमनृतभीरूं विख्यातसुतं महाभाग्यं।

भौमगृहे रविदृष्टो ह्मतिरोमचितं गुरू: कुरूते ।।

मेष राशि में स्थित गुरू पर सूर्य की दृष्टि हो तो जातक धार्मिक कर्म करने वाला सदाचरण से युक्त होता है. व्यक्ति सभी के साथ मित्रता पूर्ण व्यवहार करता है. स्वभाव से अधिक साहसी नहीं होता, व्यर्थ के विवादों से दूर रहने की कोशिश ही करता है. संतान की ओर से संतुष्ट रहता है तथा यश की प्राप्ति में संतान बहुत सहायक बनती है है. भाग्य का साथ पाता है तथा भाग्यवान कहलाता है.

मेष में स्थित गुरू पर जब सूर्य का दृष्टि संबंध बनता है तो जातक के गौरवस्वरूप का परिचय प्राप्त होता है. जातक अपने काम में तत्पर रहते हुए सभी के साथ मिलकर काम करने में बहुत सफल रहता है. जातक के शरीर पर बाल अधिक हो सकते हैं. वह समाज कल्याण के कामों में लगा रहता है और इस ओर अपना पूर्ण सहयोग देने की कोशिश करता है.

जातक में भीरूपन होता है वह जल्द से किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंचना चाहता. सोच विचार करते हुए अपने कामों को करने की कोशिश करता है. जातक के वचनों में झूठ नहीं होता है. वह असत्य से दूर रहने का प्रयास करता है उसे झूठ बोलने से डर लगता है जिस कारण से उसकी सत्यता प्रभावित नहीं होती है.

मेष राशि में स्थित गुरू पर चंद्र का दृष्टि प्रभाव | Effects of Moon’s Aspect on Jupiter in Aries Sign

मेष में स्थित गुरू पर यदि चंद्रमा दृष्टि डाले तो जातक धन संपन्नता से युक्त होता है. आचरण से योग्य व शिष्ट प्रवृत्ति का होता है. इतिहास व काव्य लेखन में कुशल होता है. कोमल वचन बोलने वाला होता है और अन्य लोग इसकी ओर स्वत: ही खिंचे चले आते हैं. जातक व्यवहार द्वारा काफी सजग होता है और दूसरों के हितों को ध्यान में रखते हैं. जातक रत्नों आभूषणों से युक्त होता है. स्त्रियों के मध्य सम्मान और प्रेम पाने वाला होता है.

अपनी योग्यता द्वारा जातक राजा तुल्य व्यक्ति से सम्मान पाता है तथा विद्वान लोगों द्वारा सम्मानित व प्रोत्साहित होता है. गुरू के चंद्र दृष्टि से प्रभावित ओने पर जातक के गुणों में जो आक्रामकता होती वह कम होने लगती है वह व्यर्थ के झगडों से स्वयं को दूर रखने की पूरी कोशिश करता है. इस प्रभाव से जातक धन धान्य से युक्त बन सनता है परिश्रम द्वारा अपने भाग्य को संवारने का प्रयास भी करता है.

आर्थिक रूप से सक्षम होने पर जातक अपने साथ साथ दूसरों के हितों को भी समझने का प्रयास करत अहै अन्य के दुख में दुखी होने वाला होता है. जीवन में कुछ नकारत्मका का भाव यदि आने भी लगे तो वह उसे दूर करते हुए स्वयं को आशावादी बनाते हुए काम करता जाता है और सफलत अको पाने में सफल भी होता है.

मेष राशि में स्थित गुरू पर मंगल का दृष्टि प्रभाव | Effects of Mars’ Aspect on Jupiter in Aries Sign

नृपपुरूषशूरमुग्रं नयविनय समन्वितं च धनिनं च ।

अविधेयभृत्यदारं जनयति वक्रेक्षितो जीव:।।

मेष राशि में स्थित गुरू पर मंगल का दृष्टि प्रभाव होने पर यह स्थिति उसके लिए मजबूत स्थिति बनाती यहां मंगल को प्रबलता प्राप्त होती है उसके बल में वृद्धि होती है जिस कारण उक्त राशि के गुणों में वृद्धि देखी जा सकती है. इसके प्रभाव स्वरूप जातक का व्यवहार क्रोध से युक्त हो सकता है उसे गुस्सा अधिक आ सकता है तथा वह अपने विचारों से काफी दृढ़ हो सकता है. ऎसी स्थिति में जातक में कुछ कठोरता का भाव भी देखा जा सकता है.

इन गुणों के साथ ही जातक में नीतिवान होने के शुभ गुण भी समाहित होते हैं वह गलत कार्यों से नहीं अपितु नीति युक्त व्यवहार करने वाला हो सकता है. किसी के साथ खराब व्यवहार न करते हुए वह विनय युक्त होता है. धनवान होता है तथा वैभव का जीवन जीने में सक्षम होता है.

व्यक्ति के कठोर होने पर भी वह अपने अधिकारों से चह दूसरे के हितों को प्रभावित नहीं करता है. उसके अधिनस्थ लोगों पर उसका अधिक नियंत्रण नहीं हो पाता है. जीवन साथी के साथ भी सामंजस्य का व्यवहार ही रहता है वह उसके नियंत्रण से दूर ही रहता है. जातक राजकीय पुरूष हो सकता है या ऎसे स्थान द्वारा सम्मानित हो सकता है.