वैदिक ज्योतिष में सभी राशियों का अपना महत्व होता है और सभी के अलग कारकत्व होते हैं. कुछ राशि शुभ तो कुछ अशुभ मानी जाती है. भिन्न लग्नों की कुंडलियों की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए हम आज वृषभ राशि की बात करेगें. इस राशि की विशेषताओं के बारे में जानेगें. यदि आपका वृष लग्न है तब आपके लिए कौन से ग्रह शुभ होगें और कौन से ग्रह अशुभ होगें, उन सब के बारे में चर्चा करेगें.

वृषभ राशि के गुण | Qualities of Taurus Sign

वृष राशि भचक्र की दूसरी राशि है और इसका विस्तार 30 से 60 अंश के मध्य माना गय है. इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र को माना गया है और शुक्र सौम्य ग्रह होने से यह राशि भी सौम्य कहलाती है. इस राशि की गणना स्त्री संज्ञक राशि में की जाती है.

इस राशि का रंग सफेद माना गया है, शायद इसी कारण इस राशि के व्यक्ति सुंदर व गौर वर्ण के होते हैं. इस राशि का प्रतीक चिन्ह इसके नामानुसार वृष अर्थात बैल है. बैल जैसा अड़ियल रुख इस राशि के जातकों में दिखाई देता है.

यह स्थिर स्वभाव की राशि होती है और इसी कारण इस राशि में ठहराव देखने को मिलता है. इस राशि के लोगो को जल्दबाजी पसंद नहीं होती है. यह पृष्ठोदय राशि है अर्थात आगे से उठने वाली राशि है. यह राशि पृथ्वी तत्व के अन्तर्गत आती है.

वृष लग्न के व्यक्ति का व्यक्तित्व | Your Characteristics with Taurus Ascendant

अब आपके व्यक्तित्व के बारे में बात करते हैं. वृष लग्न होने से आप स्वभाव से शांत व गंभीर व्यक्ति होते हैं. आपको ज्यादा भाग दौड़ पसंद नहीं होती है. आप जल्दबाजी में कभी कोई निर्णय नहीं लेते हैं. दूरगामी परिणामो को जांचने के बाद ही आप किसी नतीजे पर पहुंचते हैं.

आपको अपने जीवन में बहुत जल्दी-जल्दी बदलाव पसंद नहीं होगा. इसलिए आप आसनी से स्थान परिवर्तन नहीं करते हैं. एक ही जगह पर बहुत समय तक बने रहते हैं. शुक्र का प्रभाव होने से आप सौन्दर्य प्रेमी होते हैं. आपको सुंदर और कलात्मक चीजें पसंद होती है. आप स्वभाव से रोमांटिक भी होते हैं.

वैसे तो आपको क्रोध कम आएगा लेकिन जब आएगा तब अत्यधिक आएगा, तब आपको शांत करना सरल नही होगा. आप स्वभाव से उदार हृदय होते हैं लेकिन आप एकांतप्रिय होगें. आपको ज्यादा भीड़ भाड़ कम ही पसंद होगी. आप जीवन में धन कमाने की इच्छा रखते है और धन एकत्रित करने में सफल भी होते हैं.

वृष लग्न के लिए शुभ ग्रह | Auspicious Planets for Taurus Ascendant

आइए अब आपके लिए शुभ ग्रहो का वर्ण्न कर दें. वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह होता है और इसकी दूसरी राशि छठे भाव में पड़ती है. छठे भाव को अच्छा नहीं माना जाता है. बेशक छठा भाव शुभ नहीं होता है लेकिन दूसरी राशि छठे में पड़ने पर भी शुक्र को लग्नेश होने के कारण शुभ ही माना जाता है.

बुध इस लग्न के लिए धनेश व पंचमेश होने से आपको शुभ फल प्रदान करेगा, बशर्ते कि वह कुंडली में पीड़ित अवस्था मे ना हो. शनि इस लग्न के लिए योगकारी ग्रह होने से अत्यंत शुभ होता है. आपका लग्न वृष होने से शनि नवमेश व दशमेश होकर केन्द्र/त्रिकोण का स्वामी बन जाता है और शुभ फल प्रदान करता है. शनि आपकी जन्म कुण्डली में सबसे बली केन्द्र का स्वामी होता है और सबसे बली त्रिकोण के भी स्वामी बन जाते है.

वृष लग्न के लिए अशुभ ग्रह | Inauspicious Planets for Taurus Ascendant

आइए अब आपको अशुभ ग्रहों के बारे में बता दें. आपका वृष लग्न होने से चंद्रमा तृतीयेश होकर अशुभ बन जाता है. सूर्य चतुर्थेश होने से सम हो जाते है क्योकि चतुर्थ भाव आपके केन्द्र स्थान में पड़ता है और यह सम स्थान होता है.

आपकी कुंडली में मंगल सप्तमेश व द्वादशेश होने से अत्यंत अशुभ माना गया हैं. गुरु भी अष्टमेश व एकादशेश होने से अशुभ होता है. आठवाँ भाव बाधाओं व रुकावटो का होता है. यह त्रिक स्थान भी है.

वृष लग्न के व्यक्ति के लिए शुभ रत्न व मंत्र जाप | Remedies for Taurus Ascendant

अंत में हम आपको शुभ रत्नो के बारे में बताना चाहेगें. वृष लग्न होने से आपके लिए डायमंड, पन्ना व नीलम शुभ रत्न है. डायमंड शुक्र के लिए, पन्ना बुध के लिए और नीलम रत्न शनि के लिए होता है.

यदि आप महंगा रत्न नही खरीद सकते हैं तब आप इन रत्नों के उपरत्न पहन सकते हैं. यदि आपकी कुंडली में शुभ ग्रह कमजोर हैं तभी उनका रत्न पहने अन्यथा नही पहने. आपके लिए शनि और बुध के मंत्र जाप करना सदा शुभ रहेगा. शनि आपका भाग्येश है और बुध आपको सुख, समृद्धि व धन प्रदान करने वाला ग्रह है.

आपकी कुंडली में जिस ग्रह की महादशा जीवन में चलेगी उसके मंत्र जाप जरुर करें. आपकी कुंडली में चलने वाली महादशा के अनुकूल आपको फलों की प्राप्ति होगी.