हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये प्रयोग किया जाता है. विवाह की तिथि सदैव वर-वधू की कुंडली में गुण-मिलान करने के बाद निकाली जाती है क्योंकि विवाह की तिथि तय होने के बाद, कुण्डलियों की मिलान प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए.

निम्न सारणी से विवाह मुहूर्त समय का निर्णय करने के लिये वर-कन्या की राशियों में विवाह की एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिये लिया जाता है. उदाहरण के लिये मिथुन राशि के वर का विवाह - मेष राशि की कन्या से हो रहा हो, तो दोनों के विवाह के लिये जो तिथियाँ एक समान हो वह होने के कारण शुभ रहेगी.

अप्रैल 2024 में निम्न तिथियों में विवाह करना शुभ रहेगा. यहां जन्म राशि से अभिप्राय: चन्द्र स्थित राशि से है. इन विवाह मुहूर्तो में त्रिबल शुद्धि, सूर्य-चन्द्र शुद्धि व गुरु की शुभता का ध्यान रखा गया है.

 

वर(लड़के) की चंद्र राशि विवाह की तारीख
मेष राशि  18, 19, 20
वृष राशि मुहूर्त नहीं है 
मिथुन राशि  18, 19, 20
कर्क राशि  18, 19, 20
सिंह राशि   18, 19, 20
कन्या राशि  मुहूर्त नहीं है
तुला राशि  18, 19, 20
वृश्चिक राशि  18, 19, 20
धनु राशि  18, 19, 20
मकर राशि  मुहूर्त नही है
कुम्भ राशि  18, 19, 20
मीन राशि  18, 19, 20
वधु(लड़की) की चंद्र राशि विवाह की तारीख
मेष राशि  18, 19, 20
वृष राशि मुहूर्त नहीं है 
मिथुन राशि  18, 19, 20
कर्क राशि  18, 19, 20
सिंह राशि  18, 19, 20
कन्या राशि  18, 19, 20
तुला राशि  18, 19, 20
वृश्चिक राशि  18, 19, 20
धनु राशि   18, 19, 20
मकर राशि मुहूर्त नहीं है 
कुम्भ राशि  18, 19, 20
मीन राशि  18, 19, 20