Monthly Archives: March 2018

नारद ऋषि का ज्योतिष में योगदान

ऋषि नारद भगवान श्री विष्णु के परमभक्त के रुप में जाने जाते है. श्री नारद जी के द्वारा लिखा गया नारदीय ज्योतिष, ज्योतिष के क्षेत्र की कई जिज्ञासा शान्त करता है. इसके अतिरिक्त इन्होने वैष्णव पुराण की भी रचना की. … Continue reading

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13वीं राशि । 13th Zodiac Sign

एक पाश्चात्य ज्योतिषी के अनुसार भचक्र में राशियों की संख्या 12 से 13 हों, गई है. पृ्थ्वी के अपनी धूरी में होने वाले बदलाव ने राशियों में एक नई राशि को जोड दिया है. वैदिक ज्योतिष के फलित का आधार … Continue reading

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चतुर्थी तिथि | Chaturthi Tithi | Chaturthi Meaning | What is Tithi in Hindu Calender | How is Tithi Calculated

हिन्दू मास चन्द्र तिथियों से मिलकर बना होता है और चन्द्र मास के दो पक्ष होते है, एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष, दोनों ही पक्षों में चतुर्थी तिथि आती है. इन दोनों पक्षों की चतुर्थी क्रमश: शुक्ल पक्ष … Continue reading

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केमद्रुम योग कैसे होता है भंग

जन्म कुण्डली में जब चंद्रमा से दूसरे भाव और बारहवें भाव में कोई ग्रह नहीं होता है तो यह स्थिति केमद्रूम योग बनाती है. केमद्रूम योग खराब योगों की श्रेणी में आता है. इस योग के कारण जातक मानसिक और … Continue reading

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4th भाव- सुख भाव क्या है. | Sukh Bhava Meaning | Fourth House in Horoscope | 4th House in Indian Astrology

कुण्डली के लग्न भाव से क्रम से गिनने चतुर्थ स्थान में आने वाला भाव चतुर्थ भाव कहलाता है. चतुर्थ भाव माता, घरेलू खुशियां, भू-सम्पति, पैतृ्क भूमि, स्थिर-सम्पति, वाहन, नैतिक सदगुण, ईंमानदारी, निष्ठा, मित्र, शिक्षा, मानसिक शान्ति, सुख-सुविधा, संचय, पशु, अनाज, … Continue reading

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वृश्चिक तथा कुम्भ राशि की गणना | Calculation of Scorpio and Aquarius Sign

पिछले अध्याय में आपको बताया गया था कि जैमिनी चर दशा में वृश्चिक तथा कुम्भ राशि दशा की गणना बाकी अन्य राशियों से भिन्न होती है. इन दोनों राशियों की गणना के लिए कुछ विशेष नियम निर्धारित किए गए हैं. … Continue reading

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आजीवन आजीविका ज्योतिष के माध्यम से | Professional Life through Astrology | Career According to Vedic Astrology

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य वराहमिहिर के अनुसार लग्न, सूर्य अथवा चन्द्र में जो ग्रह सबसे अधिक बली हों, उस ग्रह से दशम भाव का स्वामी, नवाशं में जिस राशि में स्थित हों, उस राशि की दशा और गोचर में व्यक्ति को धनोपार्जन … Continue reading

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आश्लेषा नक्षत्र विशेषताएं | Characteristics of Ashlesha Nakshatra | Ashlesha Nakshatra Career

आकाश मे तारों के समूह को नक्षत्र कहा जाता  है और भारतीय ज्योतिष में इनका महत्वपूर्ण स्थान रहा है. नक्षत्रों की गणना प्राचीन काल से ही होती आ रही है और जिस व्यक्ति का जन्म जिस नक्षत्र में होता है … Continue reading

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व्यवसाय अथवा नौकरी से संबंधित सामान्य नियम | General Rules Related to a Profession or Service

नौकरी से संबंधित बहुत से प्रश्न प्रश्नकर्त्ता के द्वारा पूछे जाते हैं. तरक्की कब होगी? तरक्की होगी या नहीं होगी? क्या नौकरी में तबादला होगा? तबादला होगा या नहीं होगा? नई नौकरी कब मिलेगी? वर्तमान नौकरी में रहूं या नई … Continue reading

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ब्रह्मगुप्त ज्योतिषाचार्य का ज्योतिष में योगदान

ब्रह्मगुप्त का नाम भारत के महान गणितज्ञों में लिया जाता है. इनके द्वारा दिए गए सूत्रों को आज भी उपयोग में लाया जाता है. ब्रह्म गुप्त न केवल गणित के जानकार थे बल्कि वे एक बहुत योग्य ज्योतिषी भी थे. … Continue reading

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