Category Archives: vedic astrology

शुक्र-शनि युति से बनता है युक्त योग

जब दो ग्रह एक ही राशि के अंतर्गत युति योग बनाते हैं, तो कुंडली में कई तरह के फलों का मिलाजुला फल मिलता है. यह सफलता और कठिनाई दोनों को दिखाने वाला भी हो सकता है. भाग्य पर इस तरह … Continue reading

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राहु का मेष राशि में होने का प्रभाव

राहु एक ऎसा छाया ग्रह है जो अपनी शक्ति के द्वारा किसी भी ग्रह को प्रभावित कर पाने में सक्षम होता है. यह एक ऎसा ग्रह है जिसका असर व्यक्ति के जीवन में उन घटनाओं को लाने के लिए जिम्मेदार … Continue reading

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ज्योतिष अनुसार जानें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता

ज्योतिष अनुसार स्वास्थ्य के विषय में कई तरह के मुद्दों को समझ पाना संभव होता है. यदि सेहत अच्छी हो तो व्यक्ति एक लम्बी आयु का सुख अच्छे स्वास्थ्य के रुप में देख पाता है. स्वास्थ्य ही धन है, अच्छे … Continue reading

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मंगल के आत्मकारक होने पर क्या मिल पाती है सफलता

जैमिनी ज्योतिष अनुसार आत्मकारक ग्रह कुंडली में का विशेष ग्रह होता है जो अपने प्रभाव द्वारा कुण्डली के फलों को बदल देने में काफी सक्षम होता है. आत्मकारक ग्रह एक प्रकार से कुंडली में सभी ग्रहों को अपने द्वारा प्रभावित … Continue reading

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शुक्र ग्रह का नकारात्मक एवं खराब प्रभाव क्यों है इतना घातक

शुक्र ग्रह का असर जीवन में कई तरह की भिन्नताओं को दिखाने वाला होता है. शुक्र पर एक बहुत अलग लेकिन व्यावहारिक परिभाषा तब अधिक सप्ष्ट होती है जब ग्रह अपने प्रभावों को दिखाने में सक्षम होता है. शुक्र की … Continue reading

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बुध का आत्मकारक होना वाणिज्य में देता है सफलता

बुध को वैश्य वर्ग का माना गया है, अर्थात व्यापार से संबंधित ग्रह के रुप में बुध को विशेष रुप से देखा जाता है. बुध की स्थिति कुंडली में एक अच्छे वाणिज्य को दर्शाने वाली होती है. बुध एक ऎसा … Continue reading

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शनि का सभी लग्नों पर असर और इससे मिलने वाले प्रभाव

शनि का प्रभाव प्रत्येक लग्न के लिए विशेष होता है. किसी लग्न में शनि बेहद खराब हैं तो किसी के लिए बेहद उत्तम होते हैं वहीं किसी के लिए सम भाव के साथ दिखाइ देते हैं. अब शनि हम पर … Continue reading

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मंगल केतु का एक साथ होना क्यों होता है नकारात्मक

मंगल और केतु यह दोनों ही ग्रह काफी क्रूर माने जाते हैं. इन दोनों का असर जब एक साथ कुंडली में बनता है तो यह काफी गंभीर ओर नकारात्मक प्रभाव देने वाला माना गया है. इन दोनों ग्रहों की प्रकृति … Continue reading

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मेष लग्न के लिए शनि की महादशा का फल

मेष लग्न के लिए शनि की महादशा का समय कार्यक्षेत्र एवं महत्वाकांक्षाओं की स्थिति को प्रभावित करने वाला होता है. मेष लग्न का स्वामी मंगल है और शनि इस लग्न के लिए दशम भाव के साथ एकादश भाव का स्वामी … Continue reading

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सूर्य का छठे भाव में होना शत्रुओं एवं विरोधियों को करता है समाप्त

छठे भाव में सूर्य आपको संघर्षों को सुलझाने और शत्रुओं पर विजय दिलाएगा. आप अपने प्रतिस्पर्धियों के साथ विलय करेंगे और सौहार्दपूर्ण तरीके से एक साथ काम करेंगे. छठे भाव में स्थित सूर्य आपको संघर्षों को सुलझाने और शत्रुओं पर … Continue reading

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