Category Archives: vedic astrology

एपेटाइट । Apatite | Apatite For Mercury | Apatite – Gemstone Of Acceptance

एपेटाइट उपरत्न का मुख्य रंग नीले रंग की आभा लिए हुए हरा रंग है. इसलिए इसे बुध ग्रह का उपरत्न माना गया है. इसके अतिरिक्त यह कई रंगों में उपलब्ध है. यह नीले, हरे, बैंगनी, रंगहीन, पीले तथा गुलाबी रंगों … Continue reading

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कौलव करण

करण के फलों को जानने से पहले करण किसे कहते है, यह जानने का प्रयास करते है. तिथि के आधे भाग को करण कहते है. करणों की संख्या 11 है. इसमें बव, बालव, कौलव, तैंतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, … Continue reading

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चर दशा में राशियों की दृष्टि | Aspect of Signs in Char Dasha

(1) 1,4,7,10 राशियाँ चर राशियाँ कहलाती हैं.  (2) 2,5,8,11 रशियाँ स्थिर राशियाँ कहलाती हैं.  (3) 3, 6,9,12 राशियाँ द्वि-स्वभाव कहलाती हैं.  जैमिनी चर दशा में चर राशियाँ (1,4,7,10), स्थिर राशियों(2,5,8,11) पर दृष्टि डालती है और स्थिर राशियाँ, चर राशियों पर … Continue reading

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बेरिलोनाईट उपरत्न | Beryllonite Gemstone – Beryllonite Gemstone Meaning – Beryllonite Crystal

इस उपरत्न की खोज प्रोफेसर जेम्स ड्वाईट डाना(James Dwight Dana) ने 1888 में की थी. इसमें बेरिलियम की मात्रा अधिक होने से इसका नाम बेरिलोनाईट रखा गया है. यह भंगुर उपरत्न है. इसे सावधानी से प्रयोग में लाया जाना चाहिए. … Continue reading

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स्फेलेराइट उपरत्न | Sphalerite Gemstone Meaning | Metaphysical Properties Of Sphalerite | Healing Crystals Of sphalerite

यह एक असामान्य तथा दुर्लभ उपरत्न है. यह हीरे की तुलना में अधिक चमक रखता है. इस उपरत्न की खोज 1847 में ई.एफ. ग्लोकर(E.F.Glocker) ने की थी. इस उपरत्न का नाम ग्रीक शब्द के नाम पर रखा गया था. स्फेलेराइट … Continue reading

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नक्षत्रों का मूलभूत स्वभाव । Basic Nature Of The Nakshatras | Dhruv Nakshatra | Char Nakshatra | Ugra nakshatra

बच्चे के जन्म के समय चन्द्रमा जिस नक्षत्र में होता है, वह उसका जन्म नक्षत्र कहलाता है. अभिजीत सहित कुल 28 नक्षत्रों का उल्लेख सभी ग्रंथों में किया गया है. जन्म नक्षत्र के आधार पर व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रकट होता … Continue reading

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वोशी योग – सूर्यादि योग

सूर्य से बनने वाला एक महत्वपूर्ण योग है. वोशी योग एक बहुत ही शुभ योग है. इस योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में शुभता और सकारात्मकता लाने वाला होता है. इस योग का प्रभाव होने से जातक को सूर्य … Continue reading

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अनफा योग – चन्द्रादि योग | Anapha Yoga – Chandradi Yoga | Anapha-Yoga Result | Sunapha Yoga Result | Durdhara Yoga Astrology

कुण्डली में ग्रहों की परस्पर स्थिति से कुछ विशेष योगों का निर्माण होता है. इस प्रकार बनने वाले योग व्यक्ति के धन, संपति उन्नति में बढोतरी करने वाले होते है. ये योग सूर्य, चन्द्र और लग्न से बनने वाले योग … Continue reading

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युग या युग्ल-केदार-एकावली योग- नभस योग | Yug Yoga-Nabhasa Yoga। Kedar Yoga | Ekavali Yoga Results

ज्योतिष में योग का अर्थ दो ग्रहों की युति से है. इसके अतिरिक्त ग्रहों का योग आपसी दृ्ष्टि संबन्ध से बन सकता है. या फिर दो य दो से अधिक ग्रह आपस में भाव परिवर्तन कर रहे हों, तब भी … Continue reading

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चतुष्पद करण

11 करणों में एक करण चतुष्पद नाम से है. चतुष्पद करण कठोर और असामान्य कार्यों के लिए उपयुक्त होता है. इस करण को भी एक कम शुभ करण की श्रेणी में ही रखा जाता है. ऎसा इस कारण से होता … Continue reading

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