Category Archives: vedic astrology

विद्यारंभ संस्कार मुहूर्त : कब करें बच्चे की शिक्षा का आरंभ :

शिक्षा शुरू करने में मुहूर्त का महत्व शिक्षा का प्रभाव जीवन के विकास और निर्माण दोनों में सहायक होता है. भारतीय संस्कृति में शिक्षा का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है. वेदों में वर्णित सूक्तों द्वारा शिक्षा के महत्व … Continue reading

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राहु और चंद्रमा का कुंडली के सभी भावों में प्रभाव

जन्म कुंडली में राहु और चंद्रमा की युति अत्यधिक संवेदनशील और मानसिक स्वभाव के कारण कुछ अत्यधिक भावनात्मक स्थितियों को जन्म दे सकती है. राहु एक शक्तिशाली छाया ग्रह है, और जब चंद्रमा के साथ जुड़ता है, तो वास्तविकता अधिक … Continue reading

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सूर्य और शनि युति : विरोध और संघर्ष का करना पड़ता है सामना

जब दो ग्रह एक ही राशि में होते हैं तो युति योग का निर्माण करते हैं, जिससे कुंडली पर इनका गहरा असर पड़ता है. यह संयोग अक्सर भाग्य पर अचानक होने वाले और अनिश्चित प्रभाव डालता है, जिससे आपकी कुंडली … Continue reading

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शादी से पहले कुंडली मिलान क्यों है जरूरी ?

शादी से पहले कुंडली मिलान करने के कारण जिनसे विवाह में नही आती बाधाएं  ज्योतिष शास्त्र में एक व्यक्ति के जीवन के प्रत्येक पक्ष को समझने में मदद मिलती है. इसी में एक महत्वपूर्ण चीज विवाह भी है. विवाह एक … Continue reading

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सूर्य और बृहस्पति का एक साथ होना बनाता है साधन संपन्न

सूर्य और बृहस्पति का योग शुभस्थ स्थिति का कारक माना गया है. यह दोनों ही ग्रह बुद्धि, ज्ञान और आत्मिक विकास के लिए उत्तम होते हैं. ज्योतिष के संदर्भ में सूर्य राजा है और वहीं सष्टि में जीवन के विकास … Continue reading

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चिकित्सा ज्योतिष : सभी रोग और व्याधि को जान लेने का अचूक माध्यम

ज्योतिष की एक शाखा चिकित्सा शास्त्र से संबंधित होती है. चिकित्सा का संबंध केवल चरक एवं आयुर्वेद से ही जुड़ा नहीं है अपितु यह ज्योतिष में कई योगों से भी संबंधित रहा है. ज्योतिष में रोग बिमारी, दुर्घटना प्राकृतिक आपदाओं … Continue reading

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राहु आपकी कुंडली के हर भाव पर कैसा ड़ालता है अपना प्रभाव

राहु को ज्योतिष में एक छाया ग्रह का स्थान प्राप्त है. वैदिक ज्योतिष में इसका बहुत महत्वपूर्ण अर्थ है क्योंकि यह एक व्यक्ति के पिछले जन्मों की व्याख्या करता है. जीवन में जुनून और लक्ष्यों को दर्शाता है.  प्रथम भाव … Continue reading

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नाड़ी दोष क्या होता है और इसका प्रभाव जीवन पर कैसे पड़ता है

ज्योतिष शास्त्र विज्ञान पर आधारित शास्त्र होता है. इन्हीं पर आधारित होता है हमारे जीवन का सभी फल इसी में एक तथ्य नाड़ि ज्योतिष से जुड़ा है. नाड़ी दोष विशेष रुप से कुंडलियों के मिलान के समय पर अधिक देखा … Continue reading

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संतान जन्म से संबंधित महत्वपूर्ण ज्योतिष सूत्र

ज्योतिष शास्त्र से जानें संतान सुख में आईवीएफ और दत्तक संतान फल बच्चों की इच्छा एवं उनके सुख को पाना दंपत्ति का पहला अधिकार होता है. विवाह पश्चात संतान जन्म द्वारा ही जीवन के अगले चरण का आरंभ होता है. … Continue reading

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केतु क्यों है मोक्ष का कारक ? जाने सभी 12 भावों में इसके होने का फल

वैदिक ज्योतिष में केतु को अलगाव, ज्ञान, रहस्य, ध्यान और सबसे महत्वपूर्ण वैराग्य के कारक के लिए माना जाता है. केतु कर्म का प्रतिनिधित्व करता है, यह हमारे पिछले जन्मों के कर्मों के फल को दर्शाता है. कुंडली में केतु … Continue reading

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