Category Archives: astrology yogas

जानिए, बुधादित्य योग कैसे बदलता है आपका जीवन

कुण्डली में ग्रहों अपनी विशेष स्थिति में होने पर विशेष रुप से शुभ या अशुभ फल देने वाले हो जाते है. इस स्थिति को योग कहा जाता है. योग बनाने वाले ग्रहों की फल देने की क्षमता बढ जाती है. … Continue reading

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रज्जू-मूसल-नल योग | Moosal Yoga | Nabhas Yoga | Moosal Yoga Results | Rajju Yoga | Nal Yoga Results

नभस योग कुण्डली में बनने वाले अन्य योगों से भिन्न है. यह माना जाता है, कि नभस योगों की संख्या कुल 3600 है.  जिनमें से 1800 योगों को सिद्धान्तों के आधार पर 32 योगों में वर्गीकृ्त किया गया है.  इन … Continue reading

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कमल-पक्षी-गदा योग का फल

कमल योग नभस योगों की श्रेणी में आता है. भिन्न भिन्न राशियों में ग्रहों की स्थिति से नभस योग बनते है. नभस योग 1800 प्रकार से बनते है. इन योगों के नाम इनके द्वारा बनने वाली आकृति के अनुरुप रखे … Continue reading

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नीचभंग राजयोग

जब कोइ ग्रह अपनी नीच राशि में स्थित होता है, तो वह शक्ति हीन और निर्बल होता है. इस स्थिति में वह ग्रह अपने शुभ फल देने में असमर्थ होता है. किन्तु अन्य ग्रहों की स्थिति, युति, दृष्टि या परस्पर … Continue reading

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मनुष्य गण मिलान-अष्टकूट मिलान

हिन्दू धर्म में विवाह करने से पूर्व वर-वधू दोनों की कुण्डलियों का मिलान किया जाता है. कुण्डलियों के इस मिलन को अष्टकूट मिलान के नाम से जाना जाता है. कुण्डली मिलान का प्रचलन उत्तरी भारत और दक्षिण भारत दोनों में … Continue reading

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वसुमान-शुभ-कर्तरी-पाप-कर्तरी-पारिजात-पर्वत-खल-दैन्य योग क्या है. । What is the Vasuman Yoga | Shubha Kartari Yoga | Papa Kartari Yoga | Parijat Yoga | Parvata Yoga | Khal Yoga | Dainya Yoga

वसुमान योग बुध, गुरु, शुक्र लग्न या चन्द्रमा से तीसरे, छठे, दशवें, ग्यारहवें भाव में हो, तो यह योग बनता है. वसुमान योग व्यक्ति को अत्यधिक धनवान बनाता है. इस योग से युक्त व्यक्ति बुद्धिमान, बौद्धिक रुप से गुणवान होता … Continue reading

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तैतिल करण

11 करणों में तैतिल करण तीसरे क्रम में आता है. तैतिल करण को मिलाकर कुल 11 करण है. ज्योतिष का मुख्य भाग समझने जाने वाले पंचाग ज्ञात करने के लिए करण की गणना कि जाती है. विभिन्न कार्यो के लिए … Continue reading

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अमावस्या तिथि

अमावस्या तिथि अंधेरे पक्ष को दर्शाती है. यह वह समय होता है जब अंधकार बहुत अधिक गहन होता है. इस तिथि के दौरान घर की चौखट, चौराहे, नदी, तलाब इत्यादि स्थानों पर दीपक जला कर प्रकाश का संचार करने की … Continue reading

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एकादशी तिथि

एकादशी को ग्यारस भी कहा जाता है. एक चन्द्र मास मे 30 दिन होते है. साथ ही एक चन्द्र मास दो पक्षों से मिलकर बना होता है. दोनों ही पक्षों की ग्यारहवीं तिथि एकादशी तिथि कहलाती है. सभी तिथियों की … Continue reading

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जानिए, राक्षस गण क्या होता है?

वर-वधू की कुण्डली का मिलान करते समय मांगलिक दोष व अन्य ग्रहों दोषों के साथ साथ अष्टकूट मिलान भी किया जाता है. अष्टकूट मिलान के अलावा इसे कूट मिलान भी कहा जाता है. कूट मिलान करते समय आठ मिलान प्रकार … Continue reading

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