संपत्ति ख़रीदना एक बड़ा निर्णय होता है. एक घर को बनाने के लिए व्यक्ति अपनी ओर से बड़े प्रयास करता है. इसमें से कुछ के लिए यह सपना पूरा करने में जीवन लग जाता है या कभी-कभी जीवन भर की बचत भी शामिल हो सकती है. पर जब हम घर लेते हैं तो इस बात को यदि समझ लिया जाए की जिस समय हम वो काम कर रहे हैं वह उपयुक्त रहेगा तब यह चीज हमारे लिए वरदान की तरह सिद्ध होती है. इसमें ज्योतिष का ज्ञान बहुत काम आता है. अपनी जीवन भर की गाढ़ी कमाई को बड़े जोखिम में डालना समझदारी है. जो संपत्ति खरीद रहे हैं वह आपके लिए सौभाग्य लाएगी या दुर्भाग्य. इसके लिए ज्योतिष की समझ काफी उपयुक्त हो सकती है. ज्योतिष में मौजुद मुहूर्त शास्त्र एवं ग्रहों की स्थिति व्यक्ति को बता सकती है कि हम जो निर्णय ले रहे हैं वह सही है या नहीं.
संपत्ति की खरिदारी से पूर्व ग्रह नक्षत्रों की जानकारी
जब व्यक्ति कोई संपत्ति खरीदने की योजना बना रहे होते हैं तो समय की शुभता जानना महत्वपूर्ण होता है. कभी-कभी, सब कुछ सही हो सकता है लेकिन ख़राब समय आपके मुनाफ़े को भारी घाटे में बदल सकता है. संपत्ति खरीदने के लिए शुभ तारीखें और समय पता होना चाहिए ताकि आपके छोटे निवेश से भी आपको बड़ा धन लाभ हो. संपत्ति खरीदने के पीछे का कारण व्यक्तिगत उपयोग या बिक्री और खरीद हो सकता है. किसी भी मामले में, शुभ मुहूर्त मायने रखेगा क्योंकि शुभ समय के दौरान खरीदी गई कोई भी संपत्ति निवासियों या खरीदार के लिए समृद्धि लाती है.
संपत्ति खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त क्यों देखना चाहिए
हिंदू परंपराओं में, सभी मांगलिक कार्यों या शुभ घटनाओं के घटित होने में समय का महत्वपूर्ण स्थान रहता है. चाहे, वह लंबी यात्रा पर जा रहा हो, कोई नया उद्यम शुरू कर रहा हो, घर में प्रवेश कर रहा हो, शादी पर विचार कर रहा हो या कुछ और.
हम आम तौर पर शुभ मुहूर्त पूछने के लिए मंदिर में पंडित जी या पुजारी के पास जाते हैं. जब संपत्ति खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त देखने की बात आती है, तो किसी ज्योतिषी के पास जाना चाहिए जो हिंदू पंचांग के साथ-साथ खरीदार की जन्म कुंडली का भी संदर्भ लेता है.
एक शुभ मुहूर्त लगभग सभी के लिए शुभ होता है, लेकिन व्यावहारिक रूप से ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि हर व्यक्ति अलग-अलग जन्म कुंडली के साथ पैदा होता है. जन्म कुंडली यह तय करती है कि कोई विशेष शुभ मुहूर्त वास्तव में जातक के लिए शुभ है या नहीं. किसी जातक के लिए शुभ मुहूर्त निकालते समय जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति बहुत मायने रखती है.
इसके अलावा, जिस संपत्ति या भूमि को कोई खरीदने का इरादा रखता है उसका वास्तु भी जातक की जन्म कुंडली के अनुरूप होना चाहिए. इससे खरीदार के लिए संपत्ति की शुभता और बढ़ जाती है. हम सभी की कुंडली में चंद्रमा अलग-अलग राशियों और नक्षत्रों में होता है, यहीं पर स्थिति को ध्यान देने की जरूरत अधिक होती है. शुभता को पाने के लिए चंद्रमा को समझना बहुत जरूरी होता है.
यदि किसी ज्योतिषीय मार्गदर्शन के बिना खरीदारी के लिए शुरुआती कार्यवाही की है तब भी उस समय में अगर राशि का भुगतान करने के लिए कम शुभ मुहूर्त के अनुसार संपत्ति का पंजीकरण कराना बहुत उचित होता है. यदि संपत्ति का पंजीकरण पहले ही हो चुका है तो भी नए घर में प्रवेश के लिए ज्योतिष द्वारा सुझाए गए सबसे अच्छे दिन पर विचार करना चाहिए. चीजें कितनी भी अलग हों लेकिन उन्हें ज्योतीष की सहायता से काफी हद तक सकारात्मका की ओर मोड़ा जा सकता है.
संपत्ति खरीदते समय मुहूर्त विचार लाभ
जब कोई संपत्ति खरीदने का फैसला किया जाता है, तो ज्योतिष अनुसर मुहूर्त शास्त्र का विचार बेहद जरूर होता है. मुहूर्त के लिए कई बातों पर विचार करना पड़ता है. इनमें से कुछ इस प्रकार हैं जैसे तिथि को देखना, वार कौन सा है, नक्षत्र कौन सा है, करण कौन सा है ओर कौन कौन से शुभ या अशुभ योग उस मुहूर्त में मिल रहे हैं. अच्छा मुहूर्त निकालने के लिए इन चीजों को प्रथम दृष्टि से देख अजाता है. इसके साथ ही जिस व्यक्ति के नाम पर संपत्ति ली जा रही है उनके ग्रह नक्षत्रों की स्थिति दशा इत्यादि को देखते हुए काम किया जाता है. मुहूर्त में उपरोक्त सभी बातों पर विचार करना पड़ता है. उपरोक्त सभी श्रेणियों पर विचार करने पर एक उपयुक्त दिन व्यक्ति को अच्छे परिणाम प्रदान करता है. व्यक्ति की ग्रह स्थिति से मुहूर्त का मिलान करना महत्वपूर्ण कार्य होता है.जिस नक्षत्र में हमारा चंद्रमा स्थित होता है उसे जन्म नक्षत्र कहा जाता है और यह किसी व्यक्ति के लिए दिन की शुभता की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
मुहूर्त शास्त्र में गणना के आधार पर यदि चंद्रमा विपत, प्रत्यरी और बाधक तारा या नक्षत्र में गोचर कर रहा हो तो व्यक्ति को उस दिन कोई संपत्ति नहीं खरीदनी चाहिए या कोई अन्य शुभ कार्य नहीं करना चाहिए.
इनके अलावा भी कुछ अन्य बिंदु भी हैं जिन पर ध्यान देते हुए अच्छा और फलदायी समय अवधि पर विचार किया जाता है. इस के अनुसार व्यक्ति के लिए संपत्ति खरीदने के समय गोचर में लग्न स्वामी की स्थिति को देखना जरुरी होता है. सभी ग्रहों का गोचर, विशेष रूप से चतुर्थ और एकादशेश, क्योंकि ये दोनों संपत्ति और उससे लाभ के घर हैं इस बात पर ध्यान देने की जरुरत होती है.
समय मुहूर्त लग्न की स्थिति की जांच करनी होती है. संपत्ति खरीदते समय गोचर में कारक मंगल और शनि का मजबूत होना जरूरी है यदि आज की कुंडली में इनमें से अधिकांश मजबूत स्थिति में हैं तो व्यक्ति को संपत्ति से बड़ा लाभ होने वाला है.