राहु आपकी कुंडली के हर भाव पर कैसा ड़ालता है अपना प्रभाव

राहु को ज्योतिष में एक छाया ग्रह का स्थान प्राप्त है. वैदिक ज्योतिष में इसका बहुत महत्वपूर्ण अर्थ है क्योंकि यह एक व्यक्ति के पिछले जन्मों की व्याख्या करता है. जीवन में जुनून और लक्ष्यों को दर्शाता है. 


प्रथम भाव में राहु का होना 

प्रथम भाव या लग्न का भाव है. यह आंतरिक और बाहरी आवरण दोनों में, जातक के समग्र व्यक्तित्व से जुड़ा होता है. यह मुख्य रूप से व्यक्ति का सिर, शारीरिक बनावट, चरित्र, स्वभाव, ताकत और कमजोरियों का प्रतिनिधित्व करने वाला स्थान होता है. प्रथम भाव में राहु की उपस्थिति आमतौर पर जातक को अच्छे परिणाम देती है. जातक अचानक धन भी मिलता है. राहु चतुराई और बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इस स्थान वाले जातक को राहु के इस गुण का लाभ मिलता है. 


दूसरे भाव में राहु का होना 

वैदिक ज्योतिष में द्वितीय भाव का संबंध मुख्य रूप से परिवार और संपत्ति को दिखाता है. व्यक्ति में कमाई का हुनर ​​और क्षमता अच्छी होती है. इस घर से वाणी और भोजन का सेवन भी देखा जाता है क्योंकि यह कंठ का प्रतिनिधित्व करता है. व्यक्ति इन चीजों से प्रभावित होता है चीजों को हासिल करने के लिए तरसता है. धन, भोजन, कीमती सामान, ज्ञान, खजाने आदि को पानेकी तीव्र इच्छा होती है. 


तीसरे भाव में राहु का होना 

तीसरा भाव आत्म-अभिव्यक्ति, भाई-बहन, रिश्तेदार, पड़ोसियों और वातावरण से जुड़ा होता है. साहस, छोटी यात्राओं या भागदौड़ आदि का भी प्रतीक होता है. तीसरा घर मिथुन राशि का भी है जो राहु की मित्र राशि है जो संचार, कंप्यूटर से संबंधित और तकनीकी क्षेत्रों को भी दर्शाता है. ऎसे में राहु यहां पर संचार और मीडिया से जुड़े क्षेत्रों में लाभ दिला सकता है. 


चतुर्थ भाव में राहु का होना 

चौथा भाव बचपन, माता, प्रेम, पोषण, घर, अचल संपत्ति, प्रारंभिक बचपन और जिस तरह से वे अपने परिवार के साथ व्यवहार करने की संभावना रखते हैं, को दर्शाता है. राहु का यहां होना व्यक्ति को अपने परिवार और घर की संस्कृति में अधिक दिलचस्पी होती है और वह घर, जमीन और संपत्ति के मालिक बनने की इच्छा भी रखता है. राहु विदेशी चीजों का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए यह व्यक्ति को जीवन में बहुत आगे बढ़ा सकता है.


पंचम भाव में राहु का होना 

कुंडली का पंचम घर बुद्धि का घर है. यह भाव दर्शाता है कि कैसे रचनात्मक रूप से खुद को व्यक्त करना चाहिए. मित्र, प्रेम, संतान और राजनीति के ज्ञान से भी जुड़ा स्थान है. इस घर में राहु ग्रह की उपस्थिति रचनात्मकता, सामाजिक स्थिति और सेलिब्रिटी बना सकती है. ज्यादातर राजनीतिक क्षेत्र में. केंद्र स्तर पर ले जाने वाली भी होती है. 


छठे भाव में राहु का होना 

कुंडली का छठा स्थान संघर्षों, युद्ध, रोग, शत्रुओं का घर होता है. व्यक्ति मानवता के लिए किस प्रकार से काम कर सकता है यहीं से देखा जाता है. व्यक्ति किस प्रकार समाज के लिए फलदायी होने वाला है. राहु के लिए छठा घर अच्छा और सकारात्मक स्थान माना जाता है. यहां व्यक्ति प्रभुत्व से जुड़े विशेषाधिकारों का लाभ दिला सकता है. व्यक्ति संघर्षों को समझदारी से, निष्पक्ष रूप से और कुशलता से निपटने में माहिर होते हैं.


सातवें भाव में राहु का होना 

कुंडली का सातवां घर विवाह, व्यापार साझेदारी, यौन संबंध, कानूनी बंधनों का स्थान भी है. यह व्यक्ति के स्वयं के सार्वजनिक जीवन की तरह अन्य लोगों का भी प्रतिनिधित्व करता है. इस भाव में राहु की उपस्थिति बहुत शुभ नहीं मानी जाती है. यह व्यक्ति को ऐसे लोगों से घिरा बनाता है जो मिलनसार लगते हैं लेकिन वास्तव में भरोसेमंद नहीं होते हैं. विवाह और अन्य साझेदारियों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है जिसके परिणामस्वरूप आसपास शत्रु पैदा हो सकते हैं. 


आठवें भाव में राहु का होना 

कुंडली का आठवां घर आयु, अचानक होने वाली घटनाओं, विवाह सुख, कॉर्पोरेट संसाधनों और विरासत में मिली संपत्ति या धन का प्रतिनिधित्व करता है. यह कर, मन के विचार, रहस्यवाद, मृत्यु और पुनर्जन्म से भी संबंधित होता है. जैसे छिपे हुए मामलों का भी घर है. इस घर में राहु रहस्य से संबंधित होता है. यह उन क्षेत्रों में लाभ दिला सकता है जिसमें जोखिम शामिल हो, जैसे कि एक शेयर मार्किट, जुआ, लॉटरी इत्यादि इसके अलावा जासूसी, खुफिया विभाग अधिकारी, गुप्त खोजी रुप में आगे बढ़ा सकता है. 


नवम भाव में राहु का होना 

कुंडली का नवां घर भाग्य, धर्म, अध्यात्म, शिक्षकों का घर होता है, कानून और पिता का स्थान भी माना जाता है. यह तीर्थयात्रा, लंबी यात्राओं का भी प्रतीक बनता है. नवम भाव में राहु व्यक्ति को काफी अलग विचारधारा दे सकता है. धार्मिक और उच्च शिक्षा के प्रति झुकाव को इंगित कर सकता है और राहु की उपस्थिति चीजों के प्रति जुनून पैदा करती है. व्यक्ति को जीवन में उच्च ज्ञान पाने की ललक अधिक रह सकती है. 


दसवें भाव में राहु का होना 

कुंडली में दसवें घर को करियर या व्यवसाय का घर कहते हैं. यह दर्शाता है कि क्या व्यक्ति अपने जीवन में प्रसिद्धि और भव्य सफलता प्राप्त कर पाएगा या नहीं. यह घर भी पिता के लिए देखा जाता है. राहु ग्रह का इस स्थान में होना व्यक्ति के लिए अनुकूल माना जाता है क्योंकि यह ज्यादातर अच्छे परिणाम प्रदान करता है. व्यक्ति को एक कार्यशील व्यक्तित्व बनाता है. व्यक्ति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और समर्पण के माध्यम से अपने करियर की ऊंचाइयों तक पहुंचने की क्षमता रखता है. 


ग्यारहवें भाव में राहु का होना 

एकादश भाव को लाभ, अचानक धन लाभ का सूचक माना गया है. यह समृद्धि, आय और अच्छी संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है. यह वह घर भी है जो किसी के सामाजिक दायरे को दर्शाता है.

भौतिक दृष्टि से राहु एकादश भाव में उत्तम स्थान है.  यह स्थान व्यक्ति को सामाजिक समूहों और दोस्तों में समान रुचियों वाले लोगों के साथ जोड़ने पर बहुत जोर देता है.


बारहवें भाव में राहु का होना

कुंडली का 12वां घर रहस्यों, आशंकाओं, अवचेतन मन और एकांत स्थानों का होता है. यह जीवन की भौतिकवादी इच्छाओं से मुक्ति और अलगाव का भी प्रतिनिधित्व करता है और आध्यात्मिकता के प्रति मजबूत झुकाव को दर्शाता है. बारहवें भाव में राहु ग्रह के शुभ प्रभाव के तहत, यह व्यक्ति को अस्पताल, जेल या किसी विदेशी भूमि जैसे अलग-थलग स्थानों से लाभ प्रदान करने की संभावना देता है. राहु का यहां होना ज्यादातर व्यक्ति को अशुभ प्रभाव देती है. 

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