एपेटाइट उपरत्न का मुख्य रंग नीले रंग की आभा लिए हुए हरा रंग है. इसलिए इसे बुध ग्रह का उपरत्न माना गया है. इसके अतिरिक्त यह कई रंगों में उपलब्ध है. यह नीले, हरे, बैंगनी, रंगहीन, पीले तथा गुलाबी रंगों में पाया जाता है. कई रंगों में पाए जाने से इस उपरत्न से पुखराज, बैरुज तथा तुरमली(Tourmaline) का भ्रम पैदा होता है. यह उपरत्न गहनों के रुप में व्यक्ति की शोभा बढा़ने के साथ व्यक्ति के शरीर का पोषण भी करता है. यह शरीर में पोषक तत्वों के प्रवाह में वृद्धि करता है. भोजन संबंधी परेशानियों से यह निजात दिलाता है. व्यक्ति के शरीर के सभी चक्रों को सुचारु रुप से चलाने में सहायक होता है.
एपेटाइट के गुण | Qualities Of Apatite Sub-Stone
यह उपरत्न व्यक्ति विशेष को हर प्रकार की परिस्थिति में ढा़लना सिखाता है. इसे धारण करने से व्यक्ति किसी भी माहौल को स्वीकारने में झिझकता नहीं है. इसलिए इसे “Acceptance” का उपरत्न कहा जाता है. यह उपरत्न व्यक्ति की मानसिक तथा अलौकिक क्षमताओं में वृद्धि करता है. धारणकर्त्ता के मन-मस्तिष्क को भटकने नहीं देता. यह रचनात्मक क्रियाओं में वृद्धि करता है. यह आत्म शक्ति को जागरुक करता है. शारीर की अंदरुनी रुकावटों को दूर करता है. यह व्यक्ति विशेष की गतिविधियों को नियंत्रित करता है.
यह उपरत्न शिक्षा ग्रहण करने वाले व्यक्तियों तथा विद्यार्थीवर्ग के लिए विशेष रुप से लाभदायक है क्योंकि यह रत्न विद्यार्थियों को केवल विद्या की जानकारी ही नहीं देता अपितु यह उपरत्न विद्या का अनुभव भी कराता है. उन्हें जीवन की सच्चाई से अवगत कराता है. शिक्षार्थियों को जीवन की वास्तविकता से परिचित कराता है. यह उपरत्न सेवा से संबंधित उपरत्न है. व्यक्ति के मन में सेवाभाव जागृत करता है. यह मानवीय लक्ष्यों के विकास में सहायक है. यह उपरत्न चिकित्सा, संचार तथा सिखाने की क्षमता को लयबद्ध रखता है. शारीरिक, मानसिक तथा आध्यात्मिक शक्तियों का सामंजस्य बनाए रखता है.
जिन व्यक्तियों को अपने पूर्ण प्रयासों के बावजूद भी नौकरी नहीं मिल रही है, वह लाल अथवा सुनहरे एपेटाइट को धारण कर सकते हैं. दोनों रंग के उपरत्न व्यक्ति के मन को संबंधित काम की प्राप्ति के लिए एकाग्रचित्त करने में सहायक होते हैं. व्यक्ति अपने लक्ष्य को पूर्ण करने तक काम के पीछे लगा ही रहेगा.
एपेटाइट के चिकित्सीय गुण | Medicinal Properties Of Apatite Upratna
यह मानव शरीर की हड्डियों को शीघ्र ठीक करता है. हड्डियों को मजबूत बनाता है. धारणकर्त्ता जो भोजन करता है उस भोजन में से कैल्सियम को सोखने में शरीर की सहायता करता है. इससे हड्डियाँ तथा दाँत मजबूत बनते हैं. जिन व्यक्तियों की प्रवृत्ति तार्किक ना होकर भावनात्मक होती है, उन व्यक्तियों के लिए यह उपरत्न लाभदायक है. आपातकालीन परिस्थितियों में यह उपरत्न व्यक्ति को भावनात्मक ना बनाकर यथार्थवादी बनाता है जिससे वह कठिन परिस्थितियों में उचित निर्णय लेने में कामयाब होते हैं.
हद्दियों के जोड़ों के दर्द को कम करता है. दिल के पास पेन्डेन्ट के रुप में धारण करने से यह उच्च रक्तचाप में कमी करता है. यह उपरत्न हर प्रकार से मरीजों की सहयता करता है क्योंकि यह शरीर के सभी चक्रों को नियंत्रित करता है. इसे किसी भी रुप में धारण कर सकते हैं. यदि इसे गहनों के रुप में धारण नहीं किया जा सकता तो इस उपरत्न के छोटे से टुकडे़ को कपडे़ में लपेटकर, जहाँ दर्द हो उस स्थान पर जोड़ देना चाहिए.
कौन धारण करे । Who Should Wear
इस उपरत्न को सभी व्यक्ति धारण कर सकते हैं. जिनमें आत्मविश्वास की कमी है, याद्धाश्त कमजोर है वह इस उपरत्न को धारण कर सकते हैं. जिन व्यक्तियों को हड्डियों से जुडी़ समस्याएँ हैं वह लाल रंग का एपेटाइट उपयोग में ला सकते हैं. इसके अतिरिक्त जिन व्यक्तियों की कुण्डली में बुध शुभ भावों का स्वामी है और कमजोर अवस्था में स्थित है वह इस उपरत्न को धारण कर सकते हैं. इस उपरत्न को मुख्य रुप से पन्ना रत्न के उपरत्न के रुप में धारण किया जाता है.
कौन धारण नहीं करे | Who Should Not Wear
सूर्य, बृहस्पति, मंगल, राहु, केतु ग्रहों के रत्न तथा उपरत्न के साथ एपेटाइट उपरत्न को धारण नहीं करें.
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