गजकेसरी योग | Gaja Kesari Yoga Effects | What is Gaja Kesari Yoga | How is Formed Dhana Yoga

योग का शाब्दिक अर्थ युति है. ज्योतिष में योग का अर्थ है, ग्रहों की एक ऎसी स्थिति है, जिसमें ग्रह विशेष परिणाम देता है. समान्यत: योग ग्रहों के एक विशेष स्थिति में बैठने पर ज्योतिष योग बनते है. ज्योतिष ज्ञान की इस श्रंखला में आज हम यहां ज्योतिष में बनने वाले योगों को समझने का प्रयास करेगें. ज्योतिष के योग शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के हो सकते है. 

गजकेसरी योग कैसे बनता है. | How is formed Gajakesari Yoga

गुरु से चन्द्र केन्द्र में हों, तो गजकेसरी योग बनता है.  कुछ अन्य ज्योतिषियों के अनुसार यह योग केवल लग्न से गुरु से चन्द्र केन्द्र भावों में होने पर इस योग का निर्माण होता है. इस योग की सभी शास्त्रों में प्रशंसा की गई है. 

गजकेसरी योग के फल | Gaja Kesari Yoga Result 

गजकेसरी शब्द का संधिविच्छेद करें तो हमें गज+केसरी दो शब्द मिलते है. गज का अर्थात हाथी है, जिसमें बल और योग्यता दोनों होती है. वह शक्ति का प्रतिक है. अपनी शक्ति को भी वह समझ-बूझ से प्रयोग करता है. तथा केसरी सिंह को कहा जाता है. सिंह में फुर्ती, तेजी और चतुरता होती है. अपने लक्ष्य को पाना सिंह को बेहरीन ढंग से आता है.   जब गज और केसरी दोनों के गुणों को मिलाया जाता है, तो गजकेसरी योग बनता है. 

जिस व्यक्ति की कुण्डली में यह योग होता है. उसमें ये सभी खूबियां होती है. यह योग व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर विजय पाने वाला बनाता है. इस योग की शुभता से व्यक्ति सुख और गुणों से युक्त बनता है. तथा उस व्यक्ति की कुशाग्रबुद्धि होती है.   

धन योग कैसे बनते है| How is Formed Dhana Yoga  

घर में बालक का जन्म् होने पर बालक की कुण्डली बनवाई जाती है. कुण्डली में ग्रहों की स्थिति से बन रहे योगों की जानकारी प्राप्त की जाती है. तथा सभी शुभ - अशुभ योगों के अलावा कुण्डली में बन रहे धन योगों का भी विश्लेषण कराया जाता है. प्रत्येक व्यक्ति को यह जानने की जिज्ञासा रहती है, कि उसकी कुण्डली में धन से संबन्धित किस प्रकार योग है. आईये आज के इस अध्याय में हम धन योगों कैसे बनते है. इस विषय का विचार करेगें.  

धन योग कैसे बनते है. | How is Formed Dhana Yoga 

जन्म कुण्डली में दूसरे भाव को धन भाव कहा जाता है. धन भाव, लग्न, भाव, पंचम भाव, नवम भाव और एकादश भाव का आपस में राशि परिवर्तन करना धन योग का बनाता है. यह निम्न 10 प्रकार से बन सकता है. 

धन योग के प्रकार । Types of Dhana Yoga 

  • लग्नेश और द्वितीयेश एक राशि में स्थित हों. | When Lagna Lord and 2nd Lord Conjucted 
  • लग्नेश और पंचमेश एक राशि में स्थित हों. | When Lagna Lord and 5th Lord Conjucted 
  • लग्नेश और नवमेश एक राशि में स्थित हों.| When Lagna Lord and 9th Lord Conjucted 
  • लग्नेश और एकादशेश एक राशि में स्थित हों. | When Lagna Lord and 11th Lord Conjucted 
  • द्वितीयेश और पंचमेश एक राशि में स्थित हों. | When 2nd Lord and 5th Lord Conjucted 
  • द्वितीयेश और नवमेश एक राशि में स्थित हों. | When 2nd Lord and 9th Lord Conjucted 
  • द्वितीयेश और एकादशेश एक राशि में स्थित हों. | When 2nd Lord and 11th Lord Conjucted  
  • पंचमेश और नवमेश एक राशि में स़्थित हों. | When 5th Lord and 9th Lord Conjucted  
  • पंचमेश और एकादशेश एक राशि में स्थित हों. | When 5th Lord and 11th Lord Conjucted 
  • नवमेश और एकादशेश एक राशि में स्थित हों. | When 9th Lord and 11th Lord Conjucted 
  • उपरोक्त में से किसी भी प्रकार से योग अगर कुण्डली में बनता है, व्यक्ति को धन प्राप्ति के योग बनते है. यह योग व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के पक्ष से शुभ योग है. 

    धन योग फल | Dhana Yoga Effects 

    धन योग से युक्त व्यक्ति सतगुणी होता है. वह दयावान, धनवान और सुख-संमृ्द्धि से परिपूर्ण होता है. ऎसा व्यक्ति तेजस्वी, देवभक्त भी होता है.