रोहिणी नक्षत्र की पहचान और महत्व

27 नक्षत्रों की श्रेणी में रोहीणी नक्षत्र को महत्वपुर्ण स्थान प्राप्त है, क्योंकि इस नक्षत्र को चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र माना गया है. इस नक्षत्र में विचण करते समय चंद्रमा की स्थिति बहुत ही अनुकूल मानी गई है. रोहिणी और चंद्रमा के संबंध और आकर्षण के प्रति बहुत सी कथाएं भी प्रचलित रही हैं. पौराणिक ग्रंथों में रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा के संबंध में अनेकों बातें मिलती हैं. रोहिणी नक्षत्र के विषय में ग्रीक लोग इसे पाई के नाम से बुलाते हैं. इसके साथ ही रोहिणी को बलराम की माता के नाम से भी जोड़ा जाता है. रोहिणी को चंद्रमा की पत्नी के रुप में जाना गया है.

इस नक्षत्र में पाँच ताराएँ होती है. इन पाँच ताराओं की आकृति बैलगाडी़ या रथ के पहिए के समान दिखाई देती है. इसी कारण प्राचीन वैदिक साहित्य में रोहिणी योग के समय को संहिता ग्रंथों में रोहिणी शकट भेदन के नाम से जाना गया है. दक्षिण भारतीय मान्यता अनुसार रोहिणी नक्षत्र को वट वृक्ष के आकार का भी कहा गया है.

रोहिणी नक्षत्र की स्थिति

यह नक्षत्र भचक्र के 27 नक्षत्रों में से एक है. नक्षत्रों में इसका चौथा स्थान है. यह नक्षत्र तुला राशि में 10 अंश से 23 अंश 20 मिनट तक रहता है. रोहिणी नक्षत्र को चन्द्रमा का सबसे अधिक प्रिय नक्षत्र माना गया है. इस नक्षत्र का स्वामी ब्रह्मा अर्थात प्रजापति को माना गया है. यह भचक्र के चमकीले तारों में से एक तारा समूह है. रोहिणी नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह एक बैलगाडी़ है जिसे दो बैल खींच रहें हैं. यह बैलगाडी़ उर्वरकता का प्रतीक है.

रोहिणी नक्षत्र जातक की विशेषताएँ

इस नक्षत्र का जातक अच्छे संस्कारों से युक्त होता है. सभ्य तथा सुसंस्कृत होता है. व्यक्ति की बडी़-बडी़ आँखें होती है. यह जातक सभी प्रकार की परिस्थितियों से बाहर निकलने में कमयाब रहते हैं. यह अपने विचारों को आसानी से दूसरों के साथ बाँटने में संकोच करते हैं, लेकिन नए विचारों से भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहते और नए विचारों को जीवन में अपनाते भी हैं. जातक सत्यवादी होता है. सदाचारी होता है. व्यक्ति काम, क्रोध, मद तथा लोभ आदि को नियंत्रित रखने में कामयाब होता है. समय के महत्व को समझता है. इसलिए कम समय में अधिक बात को कहने में विश्वास रखता है.

रोहिणी नक्षत्र के जातक के विचारों में स्थिरता होती है. व्यक्ति तेजस्वी होता है. इन जातकों को प्रेम में अधिक रुचि होती है. यह सांसारिक भोग-विलास को अधिक भोगते हैं. यह बोलने में कोमल तथा नम्र होते हैं. काम में कुशलता होती है. चरित्रवान होते हैं. यह व्यक्ति शब्दों के अच्छे खिलाडी़ होते हैं. यह बातों ही बातों में सामने वाले व्यक्ति के मन की बात को पढ़ लेते हैं. इन्हें कृषि संबंधी या बागवानी से संबंधित कार्यों में रुचि होती है.

सुंदर तथा आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं. यह अपने वचन के पक्के होते हैं. मेहनती तथा लगनशील होते हैं. यह जीवन में धन जुटाने में कामयाब होते हैं. यदि रोहिणी नक्षत्र पीड़ित है तब इसके गुणों में कमी हो जाती है.

रोहिणी नक्षत्र में जन्मे पुरुष जातक का प्रभाव

पुरुष जातक का शरीर पतला होगा. आकर्षण से भरी हुई आंखें बहुत ही प्रभावशाली होती हैं. कई बार ग्रहों की चंद्रमा के साथ स्थित और दृष्टि प्रभाव के असर के कारण व्यक्ति स्थूल शरीर का या छोटे कद का भी हो सकता है. कंधे अच्छे चौड़े और बलिष्ठ बुजाएं होती हैं. अगर जन्म कुण्डली में नक्षत्र स्वामी पर किसी पाप ग्रह प्रभाव का असर न हो तो ये जातक के लिए बहुत ही सकारात्मक हो सकती है.

पुरुष जातक कोमल स्वभाव का और प्रेमी हृदय वाला होता है. जातक अपने प्यार और परिवार दोनों के साथ रहने की इच्छा रखता है, अर्थात उसे परिवार से अलग रहना पसंद नही होता है. वह चाहता है की अपने साथी के साथ-साथ ही उसे अपने लोगों का साथ भी मिल सके. कई मामलों में चिड़चिडा़हट से भी भर जाता है. वैसे गुस्सा नही करता है पर क्रोध आने पर जल्दी शांत भी नहीं होता है.

नकारात्मक रुप में ये जिद्दी होते हैं, अपनी सोच को आगे रखने वाला है. अपनी बात को हमेशा आगे रखने की कोशिश भी करता है. कई बार दूसरों की बुराइयों को ढूढने में ऎसे लगे रहते हैं की स्वयं ही गलत काम कर बैठते हैं. मन की बात अधिक मानते हैं. जिनसे प्रेम करते हैं उनके लिए सब कुछ न्यौछावर कर देने वाले होते हैं और जिससे नफरत करते हैं उसको नष्ट कर देने की इच्छा रखते हैं.

रोहिणी नक्षत्र में जन्मी महिला जातिका का प्रभाव

रोहिणी नक्षत्र में जन्मी महिला जातिका सुंदर और प्रभावशाली होती है. मध्यम कद की हो सकती है और सुंदर नैन नक्श वाली होती है. अपने खान पान और पहनावे को लेकर काफी सजग होती हैं. महिला पक्ष में भी एक प्रकार का द्वेष देखने को मिल सकता है. अधिक उत्तेजित भी हो सकती हैं. अपने प्रेमी के प्रति समर्पण का भाव रखने वाली होगी.

काम के लिहाज से महिलाएं अधिक मेहनती न हों पर अपने मनोबल से ये कठिन परिस्थितियों को झेलने की हिम्मत भी रखती हैं. परिवारिक जीवन सामान्य रहेगा. अपने जीवन साथी की ओर से प्रेम मिलेगा. कई बार शनि की दृष्टि चंद्रमा पर होने के कारण जातिका में शक्क करने की प्रवृत्ति भी देखने को मिल सकती है.

रोहिणी नक्षत्र कैरियर

इस नक्षत्र के व्यक्ति व्यापार करना पसन्द करते हैं. कुशल व्यापारी होते हैं. सरकार या सरकार से संबंधित बडे़ ओहदों पर कार्य करते हैं. योग साधना से जुडे़ काम करते है. योग साधना केन्द्र की स्थापना से धन कमाते है. ड्राइवर या गाडी़ चलाने का व्यवसाय इस नक्षत्र के अधीन आता है. ट्राँसपोर्टर, पशुओं से संबंधित कार्य, कृषि कार्य करने वाले रोहिणी नक्षत्र के अंदर आते हैं. फैशन इण्डस्ट्री के लिए कपडे़ बनाने के कार्य रोहिणी नक्षत्र के अन्तर्गत आते हैं.

इस नक्षत्र का महत्वपूर्ण कर्य सौंदर्य से जुड़े कामों में बहुत अच्छे परिणाम दे सकता है. इस नक्षत्र में जन्मा जातक फैशन से संबंधित काम पर भी अच्छी पकड़ बना सकता है. जीवन के 37 वें वर्ष के बाद सकारात्मक और अच्छे परिणाम मिलते हैं और 60 के बाद भी जातक को जीवन में शुभता देखने को मिलती है.