13वीं राशि "ओफियुकस" नई राशि । 13th Zodiac Sign Date

ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रह, 27 नक्षत्र और 12 राशियों को स्थान दिया गया है. ब्रह्माण्ड में एक नई राशि के आगमन की खबर आज सभी की हैरानी का सबब बनी हुई है. राशि परिवार में एक नए सदस्य के बढने पर सभी अधिक आश्चर्य प्राचीन ज्योतिषियों को हो रहा है. राशिपरिवार में आने वाले इस सदस्य को "ओफियुकस" और "सर्पवाहक" (Serpent Holder) के नाम से भी जाना जायेगा. ज्योतिष शास्त्र के 3000 वर्षों में यह घटना ज्योतिष जगत में आज चर्चा का विषय है.   

पाश्चात्य ज्योतिष शास्त्री भी इस विषय को लेकर असमंजस्य कि स्थिति में है.कि आने वाले इस सदस्य का स्वागत करें, या नहीं? उन्हें भी अभी कुछ सूझ नहीं रहा है. इस घटना के पीछे कौन सा आधार काम कर रहा है, आईये जानने का प्रयास करते है. खगोलशास्त्रियों के अनुसार पृ्थ्वी ने अपनी धूरी से तीन डिग्री खिसक गई है. पृ्थ्वी में होने वाला यह बदलाव आज भचक्र में नई राशि के प्रवेश का कारण बन रहा है.   

12 राशियों की भचक्र में स्थिति 

राशि माह तिथि से माह तिथि तक
मेष 21 मार्च 20 अप्रैल
वृ्षभ 21 अप्रैल 21 मई
मिथुन 22 मई 21 जून
कर्क 22 जून 22 जुलाई
सिंह 23 जुलाई 22 अगस्त
मिथुन जून 21 जुलाई 20
कन्या 23 अगस्त 21 सितम्बर
तुला 22 सितम्बर 22 अक्तूबर
कन्या सितम्बर 16 अक्तुबर 30
वृ्श्चिक 23 अक्तुबर 21 नवम्बर
धनु 22 नवम्बर 21 दिसम्बर
मकर 22 दिसम्बर 20 जनवरी
कुम्भ 21 जनवरी 19 फरवरी
मीन 21 फरवरी 19 मार्च

 

13 वीं राशि भचक्र में आने पर राशियों की स्थिति कुछ इस प्रकार की रहेगी.  

राशि माह तिथि से माह तिथि तक
मकर जनवरी 20 फरवरी 16
कुम्भ फरवरी 16 मार्च 11
मीन मार्च 11 अप्रैल 18
मेष अप्रैल 18 मई 13
वृ्षभ मई 13 जून 21
मिथुन जून 21 जुलाई 20
कर्क जुलाई 20 अगस्त 10
सिंह अगस्त 10 सितम्बर 16
कन्या सितम्बर 16 अक्तुबर 30
तुला अक्तूबर 30 नवम्बर 23
वृ्श्चिक नवम्बर 23 नवम्बर 29
ओफियुकस नवम्बर 29 दिसम्बर 17
धनु दिसम्बर 17 जनवरी 20

 

13वीं राशि का भचक्र में आना वर्ष 2011 के लिये बडी घटना सिद्ध हो सकता है. वर्ष के प्रवेश के साथ ही ज्योतिष जगत में एक बडा परिवर्तन होना, सभी के लिये कौतुक का विषय बन रहा है. इसे अभी केवल भ्रम या अफवाह मानकर नकारा जा रहा है.  ज्योतिष शास्त्रियों के लिये राशियों की संख्या 12 से 13 होने की घटना ज्योतिष में गणना संबन्धी परेशानियां लेकर आयेगी. 

राशि परिवार में वृ्द्धि होने पर सबसे पहले यह निर्धारित करना कठिन होगा. कि अभी तक कुण्डली के 12 भाव होते थें. उनमें भी परिवर्तन किस प्रकार होगा. कुंडली चक्र का नया रुप कैसा होगा. कुंडली को 13 भागों में बांटने सरल नहीं है. भावों में परिवर्तन होने पर राशियों के अंशों में भी बदलाव करेगा. आने वाली नई ओफियुकस राशि के गुण किस प्रकार के रहेगें, यह अभी तय नहीं है. 

वर्ष 2011 में नवम्बर 29 से दिसम्बर 17 के मध्य जन्म लेने वाले बच्चों की सूर्य जन्म राशि ओफियुकस तो हो सकती है. परन्तु इस राशि के गुणधर्मों का बालक के स्वभाव और व्यक्तित्व पर किस प्रकार का प्रभाव रहेगा. या नहीं यह अभी तय नहीं है. विशेष बात यह है, कि विश्व की सभी प्रसिद्ध ज्योतिषिय संस्थाएं इस बात को अभी अस्वीकार कर रही है.   

राशियों में 13वीं राशि का जाना फलित ज्योतिष से संबन्ध रखने वाले व्यक्तियों के लिये हैरानी और परेशानी की स्थिति लेकर आया है. वैदिक ज्योतिष सरलता से किसी बदलाव को स्वीकार नहीं करता है. इससे पूर्व भी ज्योतिष जगत में होने वाले बदलावों को वह अस्वीकार करता रहा. समय के अनुसार स्वयं को न बदल पाने की यह प्रवृ्ति कहीं परम्परागत ज्योतिष को रुढिवादी प्रवृ्ति का न बना दें.

13वीं राशि के आगमन का दावा करने वाली संस्था राँयल ऎस्ट्रोनामिकल सोसायटी अपने इस दावे के बाद रातों रात सुर्खियों में आ गई. इस संस्था ने तो आज से कई वर्ष पहले ही राशियों की संख्या 12 से 13 होने की बात स्वीकार कर ली थी. राशि परिवार के इस नये सदस्य का नामकरण ओफियुकस के नाम से हो चुका है. यह नाम युनान देश के एक देवता के नाम पर आधारित है.   

ओफियुकस नामक यह राशि, राशि परिवार में वृश्चिक राशि के बाद 9वीं राशि के रुप विधमान मानी जा रही है. इस राशि के आने से वृ्श्चिक राशि व धनु राशि मुख्य रुप से प्रभावित हुई है. वैज्ञानिक घटनाओं को परम्परागत ज्योतिषी शुरु से ही नकारते रहे है.  

ब्रह्माण्ड में आये दिन परिवर्तन होते रहते है, जो वैज्ञानिकों के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण होते है, परन्तु ज्योतिष जगत इन्हें ज्योतिष्य पहलू से महत्वपूर्ण नहीं मानत है. ब्रह्मण्ड में लाखों तारे है. सभी को ज्योतिष जगत में स्थान नहीं दिया गया है. यहां तक की किसी नये ग्रह का प्रवेश होना भी यह कहकर अस्वीकार कर दिया गया कि, ये ग्रह ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति के जीवन को प्रभावित नहीं करते है.

अगर 13वीं राशि का आना राशिपरिवार में वृ्द्धि करता है, तो ज्योतिष जगत में शीघ्र ही बहुत बडे बदलाव होने वाले है. और वर्ष के प्रारम्भ में 2011 का भविष्यफल-राशिफल बताने वाले ज्योतिषियों को एक बार फिर से सोचने-विचारने के लिये मजबूर होना पड सकता है.