अभिजित मुहूर्त और इसका महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर व्यक्ति का जीवन नक्षत्रों और ग्रहों की स्थिति से प्रभावित होता है. नक्षत्रों का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह जीवन के प्रत्येक पहलु को प्रभावित करते हैं. नक्षत्रों का असर विवाह, जन्म, शिक्षा, यात्रा, व्यापार, तथा अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर पड़ता है. नक्षत्रों की गणना चंद्रमा के आधार पर की जाती है, और इन्हें मुख्य रूप से 27 भागों में विभाजित किया गया है. हर नक्षत्र का अपना विशिष्ट महत्व होता है.

अभिजित नक्षत्र विशेष रूप से मुहूर्त, विवाह, कार्य शुभारंभ और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. यह नक्षत्र ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बहुत ही शुभ माना जाता है. इस नक्षत्र के अंतर्गत आने वाले दिन विशेष रूप से शुभ कार्यों के लिए होते हैं. अभिजित नक्षत्र का संबंध विशेष रूप से सफलता, यश, और समृद्धि से जुड़ा होता है. इस नक्षत्र के प्रभाव में होने वाले कार्यों में सफलता की संभावना अधिक रहती है, यही कारण है कि इसे शुभ मुहूर्त के रूप में माना जाता है.

अभिजित नक्षत्र का महत्व
अभिजित नक्षत्र का महत्व हिंदू धर्म में कई दृष्टिकोणों से देखा जाता है. यह नक्षत्र खासतौर पर उन कार्यों के लिए उपयुक्त होता है जिनमें संकल्प, सफलता और विकास की आवश्यकता हो. यही कारण है कि विवाह, घर-घर की पूजा, महत्वपूर्ण व्यवसायिक कार्य, नए उपक्रमों की शुरुआत, और शैक्षिक क्षेत्रों में सफलता पाने के लिए इसे आदर्श मुहूर्त माना जाता है.


विवाह मुहूर्त: अभिजित नक्षत्र को विवाह के लिए शुभ माना जाता है. इस नक्षत्र में किए गए विवाह अच्छे परिणाम देने वाले होते हैं. इस नक्षत्र में विवाह करने से दांपत्य जीवन सुखमय और संपन्न रहता है.

कार्य शुभारंभ: यदि किसी नए व्यापार, व्यवसाय, या नौकरी की शुरुआत करनी हो, तो अभिजित नक्षत्र का मुहूर्त एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है. इस नक्षत्र में शुरू किए गए कार्य में यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

शैक्षिक कार्य: छात्रों के लिए अभिजित नक्षत्र एक अच्छा मुहूर्त होता है. इस नक्षत्र में शिक्षा की शुरुआत करने से सफलता की संभावना बढ़ जाती है. परीक्षा, शोध या नई शिक्षा की शुरुआत करने के लिए यह नक्षत्र उपयुक्त समय होता है.

पूजा और अनुष्ठान: देवी-देवताओं की पूजा और विशेष धार्मिक अनुष्ठान भी अभिजित नक्षत्र में किए जाते हैं. इस समय किए गए पूजा-पाठ से विशेष लाभ और पुण्य की प्राप्ति होती है.

अभिजित नक्षत्र आरम्भ तिथि 2025
01 जनवरी, 2025, बुधवार को 05:52 पी एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
02 जनवरी, 2025, बृहस्पतिवार को 01:20 ए एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
29 जनवरी , 2025, बुधवार को 02:33 ए एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
29 जनवरी, 2025, बुधवार को 09:53 ए एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
25 फरवरी, 2025, मंगलवार को 12:42 पी एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
25 फरवरी, 2025, मंगलवार को 08:03 पी एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
24 मार्च, 2025, सोमवार को 10:29 पी एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
25 मार्च, 2025, मंगलवार को 06:01 ए एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
21 अप्रैल, 2025, सोमवार को 06:29 ए एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
21अप्रैल, 2025, सोमवार को 02:15 पी एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
18 मई, 2025, रविवार को 12:38 पी एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
18 मई, 2025, रविवार को 08:32 पी एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
14 जून, 2025, शनिवार को 06:08 पी एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
15 जून, 2025, रविवार को 02:01 ए एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
12 जुलाई, 2025, शनिवार को 12:28 ए एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
12 जुलाई , 2025, शनिवार को 08:14 ए एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
08 अगस्त 2025, शुक्रवार को 08:24 ए एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
09 अगस्त, 2025, शुक्रवार को 04:04 पी एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
04 सितम्बर, 2025, बृहस्पतिवार को 05:39 पी एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
05 सितम्बर, 2025, शुक्रवार को 01:20 ए एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
02 अक्टूबर, 2025, बृहस्पतिवार को 03:00 ए एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
02 अक्टूबर, 2025, बृहस्पतिवार को 10:52 ए एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
29 अक्टूबर, 2025, बुधवार को 11:07 ए एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
29 अक्टूबर, 2025, बुधवार को 07:11 पी एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
25 नवम्बर, 2025, मंगलवार को 05:29 पी एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
26 नवम्बर, 2025, बुधवार को 01:41 ए एम बजे
अभिजित नक्षत्र आरम्भ
22 दिसम्बर, 2025, सोमवार को 11:05 पी एम बजे

अभिजित नक्षत्र अन्त
23 दिसम्बर, 2025, मंगलवार को 07:15 ए एम बजे

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