सावन माह में शिवभक्त श्रद्धा तथा भक्ति के अनुसार शिव की उपासना करते हैं. सावन माह में शिव की भक्ति के महत्व का वर्णन ऋग्वेद में किया गया है. चारों ओर का वातावरण शिव भक्ति से ओत-प्रोत रहता है. शिव मंदिरों में शिवभक्तों का तांता लगा रहता है. भक्तजन दूर स्थानों से जल भरकर लाते हैं और उस जल से भगवान का जलाभिषेक करते हैं.
सावन का यह माह शिवभक्ति और आस्था का प्रतीक माना जाता है. वर्ष 2024 में सावन माह का आरम्भ 22 जुलाई से होगा. कांवड़ियों द्वारा जल लाने की यात्रा के आरंभ की कुछ तिथियाँ होती हैं. इन्ही तिथियों पर कांवड़ियों को यात्रा करना शुभ रहता है. श्रावण मास में आने वाले सोमवार के दिनों में भगवान शिवजी का व्रत एवं पूजन विशेष फलदायी होता है.
श्रावण सोमवार पूजा | Puja for Sawan Mondays
इस व्रत का आरंभ सोमवार के दिन प्रात:काल से हो जाता है.प्रात:काल में उठने के पश्चात स्नान और नित्यक्रियाओं से निवृत होकर घर की सफाई कर, पूरे घर में गंगा जल या शुद्ध जल छिडकर, घर को शुद्ध करना चाहिए. इसके बाद घर के ईशान कोण दिशा में भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करना चाहिए. मूर्ति स्थापना के बाद सावन मास व्रत संकल्प लेना चाहिए. श्रावण मास में केवल भगवान श्री शंकर की ही पूजा नहीं की जाती है, बल्कि भगवान शिव की परिवार सहित पूजा करनी चाहिए.
सोमवार के व्रत में भगवान भगवान शिवजी समेत श्री गणेश जी, देवी पार्वती व नन्दी देव एवं नागदेव मूषक राज सभी की पूजा करनी चाहिए. पूजन सामग्री में जल, दुध, दही, चीनी, घी, शहद, पंचामृ्त,मोली, वस्त्र, जनेऊ, चन्दन, रोली, चावल, फूल, बेल-पत्र, भांग, आक-धतूरा, कमल,गट्ठा, प्रसाद, पान-सुपारी, लौंग, इलायची, मेवा, दक्षिणा चढाया जाता है. इस दिन धूप दीया जलाकर कपूर से आरती करनी चाहिए.
पूजा करने के बाद एक बार भोजन करना चाहिए.सावन के व्रत करने से व्यक्ति को दुखों से मुक्ति मिलती है और सुख की प्राप्ति होती है. सावन सोमवार व्रत सूर्योदय से शुरु होकर सूर्यास्त तक किया जाता है. व्रत के दिन सोमवार व्रत कथा सुननी चाहिए. तथा व्रत करने वाले व्यक्ति को दिन में सूर्यास्त के बाद एक बार भोजन करना चाहिए.
सावन सोमवार महत्व | Significance of Sawan Mondays
श्रावण मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. इस माह में प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान श्री शिव की पूजा करने से व्यक्ति को समस्त सुखों की प्राप्ति होती है. श्रावण मास के विषय में प्रसिद्ध एक पौराणिक मान्यता के अनुसार श्रावण मास के सोमवार व्रत, जो व्यक्ति करता है उसकी सभी इछाएं पूर्ण होती है. इन दिनों किया गया दान पूण्य एवं पूजन समस्त ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के समान फल देने वाला होता है. इस व्रत का पालन कई उद्देश्यों से किया जा सकता है.
वैवाहिक जीवन की लम्बी आयु और संतान की सुख-समृ्द्धि के लिये या मनोवांछित वर की प्राप्ति करती है. सावन सोमवार व्रत कुल वृद्धि, लक्ष्मी प्राप्ति और सुख -सम्मान देने वाले होते हैं. इन दिनों में भगवान शिव की पूजा जब बेलपत्र से की जाती है, तो भगवान अपने भक्त की कामना जल्द से पूरी करते है. बिल्व पत्थर की जड में भगवान शिव का वास माना गया है इस कारण यह पूजन व्यक्ति को सभी तीर्थों में स्नान करने का फल प्राप्त होता है.