कार्तिक मास के त्यौहार | Kartik Month Festivals | Festivals in Kartik Maas

करवा चौथ व्रत | Karva Chauth Vrat

करवा चौथ व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है. यह पवित्र पर्व सौभाग्यवती स्त्रियाँ मनाती हैं. पति की दीर्घायु एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है. इसी के साथ देवी गौरी भगवान शिव एवं गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है. करवाचौथ के दिन उपवास रखकर रात्रि समय चन्द्रमा को अ‌र्घ्य देने के उपरांत ही भोजन करने का विधान है.

अहोई अष्टमी व्रत | Ahoi Ashtami Vrat

यह व्रत कार्तिक मास की अष्टमी तिथि के दिन संतानवती स्त्रियों के द्वारा किया जाता है. अहोई अष्टमी का पर्व मुख्य रुप से अपनी संतान की लम्बी आयु की कामना के लिये किया जाता है. अहोई अष्टमी का व्रत अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है.इस पर्व के विषय में एक ध्यान देने योग्य पक्ष यह है कि इस व्रत को उसी वार को किया जाता है.

धनतेरस | Dhanteras

दिवाली से दो दिन पहले धन-तेरस अथवा धन त्रयोदशी का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन नए बर्तन खरीदने की परंपरा है. इस दिन स्वर्ण अथवा रजत आभूषण खरीदने का भी रिवाज है. अपनी - अपनी परम्परानुसार लोग सामान खरीदते है. संध्या समय में घर के मुख्य द्वार पर एक बडा़ दीया जलाया जाता है.

नरक चतुर्दशी | Narak Chaturthi

बडी़ दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन को नरक चतुर्दशी अथवा नरका चौदस भी कहते हैं. इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था. इसलिए इसे नरका चौदस कहा जाता है. इस दिन संध्या समय में पूजा की जाती है और अपनी - अपनी परंपरा के अनुसार दीये जलाए जाते हैं.

दिपावली | Diwali

पांच दिन के इस पर्व का यह मुख्य दिन होता है. इस दिन सुबह से ही घरों में चहल-पहल आरम्भ हो जाती है. एक-दूसरे को बधाई संदेश दिए जाते हैं. घर को सजाने का काम आरम्भ हो जाता है. संध्या समय में गणेश जी तथा लक्ष्मी जी का पूजन पूरे विधि-विधान से किया जाता है. पूजन विधि में धूप-दीप, खील-बताशे, रोली-मौली, पुष्प आदि का उपयोग किया जाता है. पूजन के बाद मिठाई खाने का रिवाज है.

कार्तिक मास की अमावस्या को दीवाली का पर्व हर वर्ष मनाया जाता है. भारतवर्ष में हिन्दुओं का यह प्रमुख त्यौहार है. इस दिन सभी लोग सुबह से ही घर को सजने का कार्य आरम्भ कर देते हैं. संध्या समय में दीये जलाते हैं. लक्ष्मी तथा गणेश पूजन करते हैं. आस-पडौ़स में एक-दूसरे को मिठाइयां व उपहार बांटते हैं. रिश्तेदारों तथा मित्रों को मिठाइयों का आदान-प्रदान कई दिन पहले से ही आरम्भ हो जाता है. रात में बच्चे तथा बडे़ मिलकर पटाखे तथा आतिशबाजी जलाते हैं.

अन्नकूट पर्व | Annakut Festival

दिवाली से अगले दिन अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है. इस दिन मंदिरों में सभी सब्जियों को मिलाकर एक सब्जी बनाते हैं, जिसे अन्नकूट कहा जाता है. मंदिरों में इस अन्नकूट को खाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी होती है. अन्नकूट के साथ पूरी बनाई जाती है. कहीं-कहीं साथ में कढी़-चावल भी बनाए जाते हैं.

गोवर्धन पूजा | Govardhan Puja

इसी दिन रात्रि समय में गोवर्धन पूजा भी की जाती है. गोवर्धन पूजा में गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और उसे भोग लगाया जाता है. उसके बाद धूप-दीप से पूजन किया जाता है. फिर घर के सभी सदस्य इस गोवर्धन की परिक्रमा करते हैं.

विश्वकर्मा दिवस | Vishwakarma Divas

इसी दिन विश्वकर्मा दिवस भी मनाया जाता है. इस दिन मजदूर वर्ग अपने औजारों की पूजा करते हैं. फैक्टरी तथा सभी कारखाने इस दिन बन्द रहते हैं.

भैया दूज | Bhai Dooj

दिवाली का पर्व भैया दूज या यम द्वित्तीया के दिन समाप्त होता है. यह त्यौहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वित्तीया को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं और मिठाई खिलाती हैं. भाई बदले में बहन को उपहार देते हैं.