हाथों की उँगलियों और पर्वत पर स्थित तारे का महत्व | The Star on various Parvat and Fingers

हाथों पर स्थित तारे की उपस्थिति महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शाती है, तथा हाथों की उंगलियों में या हथेली पर बना तारे का चिन्ह जहाँ भी स्थित होता है यह उस स्थान को महत्वपूर्ण बना देता है। यह एक अच्छा संकेत होता है बस कुछ एक या दो स्थितियों में ही यह अपवाद का कारण बन सकता है. हाथ के जिस स्थान पर या जिस रेखा पर यह जुड़ा होगा उसी के अनुसार तारे का परिणाम होगा। विभिन्न प्रकार के पर्वत और उंगलियों पर  स्थिति के आधार पर  तारे का  निरूपण  नीचे किया जा रहा है ।

गुरु पर्वत पर स्थित तारा | Star on Guru Parvat

गुरु पर्वत पर स्थित तारे के दो अर्थ होते हैं। यदि तारा गुरु के उच्चतम बिंदु पर स्थित होता है तो व्यक्ति की उच्च सफलता, शक्ति, पद-नाम, धन और मान्यता को दर्शाता है। ऐसे व्यक्ति कोई भी कार्य करे उसे अविश्वसनीय सफलता मिलती है। यदि यह पर्वत के आधार बिन्दु पर स्थित हो तो यह आवश्यक नही कि व्यक्ति को सफलता और उच्च पद की प्राप्ति होगी।

शनि पर्वत पर स्थित तारा | Star on Shani Parvat

यदि तारा शनि पर्वत के केंद्र पर स्थित हो तो यह  समस्याओं और विपत्ति का संकेत है। ऐसा व्यक्ति किसी ऐतिहासिक व्यक्ति के संपर्क मे आयेगा और उसे सफलता मिलेगी लेकिन रुकावटों और बाधाओं के बाद ही उसे कुछ हासिल होगा।

सूर्य पर्वत पर स्थित तारा | Star on Surya Parvat

सूर्य के पर्वत पर तारा अपार धन और प्रसिद्धि देता है। लेकिन यह सब खुशी रहित होता है। व्यक्ति के जीवन में धन और सफलता बहुत देर से आती है या व्यक्ति को स्वास्थ्य, खुशी और मन की शांति की कीमत चुकानी पड़ती है।

बुध पर्वत पर स्थित तारा | Star on Budh Parvat

यदि बुध पर्वत पर तारा स्थित हो तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति विज्ञान  या व्यापार  के क्षेत्र मे प्रतिभा और सफलता अर्जित करेगा  पर  इसकी दक्षता हाथ के आकार के अनुसार होगी।

मंगल पर्वत पर स्थित तारा | Star on Mangal Parvat

इस पर्वत पर स्थित तारा यह दर्शाता है कि व्यक्ति आत्म संयम, धैर्य और दृढ़ता  द्वारा  सम्मान की प्राप्ति करता है।

चन्द्र पर्वत पर स्थित तारा | Star on Chandra Parvat

चंद्र पर्वत पर स्थित तारा व्यक्ति को पूर्ण चंद्र के गुणों से युक्त प्रतिष्ठित बनाता है। इसका अर्थ है कि व्यक्ति के कल्पनाशील गुण ख्याति में तब्दील हो जाते हैं।

शुक्र पर्वत पर स्थित तारा | Star on Shukra Parvat

शुक्र पर्वत के केंद्र पर स्थित तारा व्यक्ति को प्रेम मे सफलता और अनुकूलता  की ओर इंगित करता है। यह स्थिति दर्शाती है कि व्यक्ति के प्रेम संबंध के मध्य कोई प्रतिद्वंद्वी या ईर्ष्यालु नही होगा  ।

उँगलियों पर स्थित तारा

हथेली में विभिन्न प्रकार की रेखाओं पर स्थित तारा अपनी स्थिति के अनुसार लक्षणों को दर्शाता है। हृदय रेखा पर स्थित तारा हृदय संबंधी बीमारी को दर्शाता है। यदि तारा मस्तिष्क रेखा पर स्थित हो तो तंत्रिका तंत्र से संबंधित रोग होता है। जीवन रेखा पर स्थित तारा अचानक मौत को दर्शाता है। हथेली पर स्थित तारे के संकेतों का कम महत्व है इसके साथ विशिष्ट रेखाओं का भी अध्ययन करना चाहिए।