हथेली पर क्रॉस का महत्व | The Significance of Cross in a Palm

हथेली के अध्ययन में क्रॉस का चिन्ह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। क्रॉस की विशेषताएँ तारे के विपरीत हैं और यह कभी कभार ही शुभ संकेत के रूप को दर्शाता है। यह मुसीबत, निराशा, खतरा और कभी-कभी जीवन में संकट का संकेत देता है। क्रॉस के लक्षण विभिन्न पर्वतों और रेखाओं की स्थिति पर निर्भर करते हैं। विभिन्न पर्वतों और रेखाओं पर अपनी स्थिति के आधार पर क्रॉस के कुछ सामान्य लक्षण नीचे प्रदान किये गये हैं।

गुरु पर्वत पर क्रॉस |Cross on the Guru Parvat

हथेली मे गुरु पर्वत पर स्थित क्रॉस शुभ संकेत की ओर इंगित करता है। व्यक्ति के जीवन में कम से कम एक बार उसे किसी का स्नेह अवश्य मिलेगा। व्यक्ति में ज्ञान प्राप्ति की इच्छा सदैव लगी रहती है। गूढ़ विषयों के प्रति लगाव भी रहता है. सामाजिक स्तर पर भी सम्मानित व्यक्ति होता है। परिवार के प्रति जिम्मेदार बनता है। दयालू और परोपकारी भी होता है.

शनि पर्वत पर क्रॉस |Cross on the Shani Parvat

यह दुर्घटना के द्वारा एक हिंसक मृत्यु के संकट की चेतावनी देता हैं। लेकिन जब यह पर्वत के केंद्र में स्थित हो तो व्यक्ति के जीवन में भाग्यवादी की प्रवृत्ति को बढाता है। शनि पर्वत पर क्रास का चिन्ह जातक को गंभीरता भी देता है। जातक में अकेलेपन का भाव दिखाई देता है। वह भौतिकता से दूर भी जा सकता है या चीजों को लेकर अलगाव उसके मन में भीतर तक उसे प्रभावित कर सकता है।

सूर्य पर्वत पर क्रॉस | Cross on the Surya Parvat

सूर्य पर्वत पर स्थित क्रास संकट को दर्शाता है, यह व्यक्ति को प्रसिद्धि, कला या धन की खोज में निराशाजनक संकेत देता है। व्यक्ति में नेतृत्व करने की इच्छा अधिक होती है। काम को लेकर भी व्यक्ति में बहुत अधिक उत्साह देखने को मिलता है। कई मामलों में स्थिति कुछ सकारात्मक हो सकती है, लेकिन अपने गुस्से के चलते काम बिगाड़ सकते हैं।

बुध पर्वत पर क्रॉस | Cross on the Budh Parvat

इस पर्वत पर क्रॉस व्यक्ति की बेईमान प्रकृति को दर्शाता है। व्यक्ति अच्छे मस्तिष्क होने के बावजूद दोहरी प्रकृति का होता है। काम काज में कई तरह से चालाकी से भरे हुए काम कर सकता है। व्यापार में कई यात्राएं भी करता है। लोगों के साथ मेल जोल करने में आगे रहता है। अपनी बातों से लोगों को प्रभावित करने का गुण भी रखता है।

मंगल पर्वत पर क्रॉस | Cross on the Mangal Parvat

यह व्यक्ति मे शत्रु और चोटों के कारण संकट को दर्शाता है। यह संघर्ष, झगड़े और हिंसा द्वारा मृत्यु का भी संकेत देता है। जातक में गुस्सा अधिक होता है और इसी कारण कई बार स्वयं को परेशानी में डाल सकता है। मनमाना रवैया रखता है. साहसी होता है। व्यक्ति को रक्त संबंधी रोग परेशान कर सकते हैं।

चंद्रमा पर्वत पर क्रॉस | Cross on the Chandra Parvat

यदि चंद्र पर्वत पर क्रॉस स्थित है तो व्यक्ति कल्पना से प्रभावित रहेगा। व्यक्ति सदैव सपनों की दुनिया मे रह कर अपने को धोखा देगा। इस स्थान पर जातक के लिए कल्पनाओं का रंग अधिक होता है। मानसिक रुप से अधिक सोच विचार में रहने वाला होता है। व्यक्ति अधिक भावुक होता है उन्मांद की स्थिति भी इसे प्रभावित कर सकती है। विदेश एवं जल संबंधी यात्राओं के योग बनते हैं।

शुक्र पर्वत पर क्रॉस | Cross on the Shukra Parvat

जब क्रास इस पर्वत पर स्थित हो तो कुछ संकट या प्रेम संबंध मे कष्ट का संकेत देता है। लेकिन जब यह जीवन रेखा के करीब हो तो व्यक्ति को संकट और मुसीबत अपने घनिष्ठ रिश्तेदारों द्वारा प्राप्त होती है। व्यक्ति कई मामलों में किसी न किसी चीज के प्रति अधिक उत्सुक रहता है। नशे का प्रभाव भी जल्द ही उसे प्रभावित कर सकता है।

हाथ की विभिन्न रेखाओं पर क्रॉस | Cross on the various lines of hand

  • यदि क्रास भाग्य रेखा के किनारे की ओर स्थित हो तो व्यक्ति को कैरियर मे रिश्तेदारों का विरोध और भविष्य में कठोर परिवर्तन का संकेत है।

  • जब यह मस्तिष्क रेखा को छूती है तो यह मस्तिष्क पर चोट या दुर्घटना की भविष्यवाणी करता है। इसी के साथ जातक के मन में बहुत से विचार चलते ही रहते हैं. किसी एक चीज को लेकर मन स्थायी रुप से सोच नही पाता है. बदलाव सदैव मन को परेशान करता है।

  • यदि क्रास सूर्य रेखा के किनारे स्थित हो तो यह पद और प्रसिद्धि प्राप्त करने में निराशा को दर्शाता है। सरकार की ओर से परेशानी झेलनी पड़ सकती है। अपने वरिष्ठ लोगों का साथ नहीं मिल पाता है। काम बनत-बनते बिगड़ जाते हैं।

  • यदि यह भाग्य रेखा की ओर हो तो दर्शाता है कि धन प्राप्ति मे निराशा मिलेगी। भाग्य में कमी आती है। अपनों की ओर से सहयोग मिलने में भी कमी आती है।

  • जब यह हृदय रेखा पर स्थित हो तो किसी प्रिय की मृत्यु का संकेत देता है। अचानक से जीवन में कोई कष्ट आने से मानसिक आघात लग सकता है. किसी कारण से निराशा की स्थिति परेशान कर सकती है.