हाथ में विभिन्न रेखाओं और पर्वत पर वर्ग चिन्ह | The Square on various Lines of Hand and Parvat (Mounts)

वर्ग हाथ पर सबसे दिलचस्प चिन्ह है, यह बहुत कम पाए जाते हैं। प्राय: इसे संरक्षण के चिन्ह के रूप में व्यक्त किया जाता है क्योंकि जहां से यह शुरू से होता है वहाँ की गतिविधियों को सुरक्षा प्रदान करता है। सामान्य तौर पर यह रेखाओं पर पाए जाते हैं, लेकिन कभी कभी यह पर्वत पर भी पाए जाते हैं। रेखाओं और पर्वतों पर वर्ग के कुछ सामान्य प्रभाव नीचे बताए जा रहे हैं -

  • भाग्य रेखा यदि विकसित वर्ग के माध्यम से चले तो व्यक्ति के जीवन मे वित्तीय संकट को दर्शाता है लेकिन यदि भाग्य रेखा वर्ग को काटती है तो यह संकट टल जाएगा।
  • यदि भाग्य रेखा बीच से टूटी हुई हो तो वर्ग की उपस्थिति गंभीर नुकसान से सुरक्षा का संकेत है।
  • जब  वर्ग भाग्य रेखा के बाहर स्थित हो लेकिन यह रेखा को छूए तो दुर्घटना से बचाव को दर्शाता है।
  • यदि मस्तिष्क रेखा विकसित वर्ग के माध्यम से चले तो यह कार्य में गंभीर तनाव या चिंता से मुक्ति एवं धीरज प्रदान करता है।
  • यदि वर्ग मस्तिष्क रेखा के ऊपर और शनि पर्वत के नीचे स्थित हो तो यह इंगित करता है कि मस्तिष्क की चोट से रक्षा करेगा।
  • जब  हृदय रेखा वर्ग के माध्यम से चलती है, तो यह  दो लोगों के मध्य  प्रेम संबंध मे  बड़े संकट को दर्शाता है।
  • यदि वर्ग शनि पर्वत के नीचे और हृदय रेखा के ऊपर स्थित हो तो व्यक्ति को प्रेम संबंध मे विपत्ति का सामना करना पड़ेगा।
  • जब जीवन रेखा वर्ग के माध्यम से गुजरती है, तो यह मृत्यु से बचाती है यहां तक कि अगर जीवन रेखा उस बिंदु पर टूटी हुई हो तो भी यह सुरक्षा को दर्शाती है।
  • यदि वर्ग शुक्र पर्वत पर और जीवन रेखा के अंदर स्थित हो तो यह गहरे आकर्षण के कारण होने वाली मुसीबत से संरक्षण  करता है।
  • जब वर्ग  शुक्र पर्वत के मध्य स्थित है तो दर्शाता है कि व्यक्ति जुनून के कारण होने वाले सभी प्रकार के संकट से रक्षा करेगा ।
  • जब वर्ग मंगल स्थान पर और जीवन रेखा से बाहर स्थित हो तो यह कारावास या समाज से निष्कासित होने को दर्शाता है।
  • जब वर्ग किसी भी पर्वत पर स्थित हो तो यह उस पर्वत  के गुणों को और बढाता है।
  • जब  गुरु पर्वत पर वर्ग  स्थित हो तो किसी विषय की महत्वाकांक्षा  को दर्शाता है।
  • जब वर्ग शनि पर्वत पर स्थित हो तो व्यक्ति के जीवन मे आने वाली विपत्ति से रक्षा करता है।
  • जब यह सूर्य पर्वत पर स्थित हो तो यह इच्छाओं पर पाबंदी  लगाता है।
  • जब यह बुध  पर्वत पर स्थित  हो तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति को बेचैनी से राहत प्राप्त होगी।
  • जब वर्ग, मंगल पर्वत पर स्थित हो तो यह व्यक्ति को शत्रुओं के माध्यम से होने वाले खतरे से सुरक्षा को दर्शाता है।
  • यदि वर्ग, चंद्र पर्वत पर स्थित हो तो अत्यधिक कल्पना एवं विचारों से रक्षा करता है।