हस्तकला और विज्ञान | Hastkala and Vigyan

प्रसिद्ध हस्तरेखाविद पूरी दुनिया भर में हस्तरेखा को केवल आने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी के लिये विज्ञान के रुप मे प्रयोग करते हैं। यह चमत्कारी विज्ञान नहीं है। इसका उपयोग दुर्घटना से बचने के लिये भविष्यवाणी रुप में किया जा सकता है। अगर आपको यात्रा मे आने वाली बाधाओं का  पूर्वानुमान है तो आप सुरक्षित रुप से अपने गंतव्य स्थान पर पहुँच सकते हैं। आलोचक वर्ग हस्तरेखा शास्त्र के तर्क के साथ पूरी तरह से असहमत हैं उनके अनुसार यह एक कोल्ड रिडिंगे की तकनीक है।

हस्तकला - विज्ञान के साथ संबध | Hastkala - Relationship with Science

वैज्ञानिक वर्ग हस्तशास्त्र को विज्ञान के रुप मे अपनाने के खिलाफ हैं। उनका तर्क है कि विज्ञान ज्ञान की एक शाखा है जो एक प्रासंगिक सिद्धांतों के तथ्य पर आधारित है और जिनकी मानक स्थितियों को कहीं भी सत्यापित कर सकते हैं। लेकिन हस्तरेखा शास्त्र के नियम हर जगह और हर किसी के लिए एक से नही होते इसलिये इसे एक विज्ञान के रूप मे प्रमाणित नही किया जा सकता है।

ब्रिटिश पैथोलॉजिस्ट ने अध्ययन द्वारा दीर्घायु संबंधी तथ्य को गलत बताया है उसने एक अस्पताल के मुर्दाघर में 100 मृत शरीर के हाथों की जांच की और अध्ययन द्वारा बताया कि जीवन रेखा का व्यक्ति की लंबी उम्र के साथ कोई संबंध  नहीं है ।

डा जोन कोट्स,पूर्व वाल-स्ट्रीट दलाल,  ने एक अध्ययन में 20 माह तक व्यापारियों के लाभ को, उनकी उंगली की लम्बाई से तुलना करके देखा । उसने पाया कि शेयर दलालों की सफलता का सीधा संबंध उनकी अनामिका उंगली की लम्बाई से है। 1970 से 1980 के मध्य अनेक दस्तावेज़ प्रकाशित हुए जिसने पाल्मर क्रीज़ेज़ एवं अनेक  विकृतियों जैसे ट्राईसोमी, अंतर्गर्भाशयी मेथाडोन जोखिम, कुष्ठ आदि की पेथोलोजी में संबंध की पुष्टि की है। किंतु इन अध्ययनों की ं व्यापक रूप से आलोचना हुई और चिकित्सा निदान के लिए उपयुक्त नही माना गया।

हस्तकला की आलोचना | Criticism of Hastkala

आलोचकों की सूची में हस्तरेखाविद भी शामिल थे, जो कोल्ड रिडिंग का प्रचार करते हैं उनके मतानुसार यह तकनीक पूरी तरह से अनुमान पर आधरित है। जिसका उपयोग मनोवैज्ञानिक एवं भविष्य वक्ता दूसरों के विषय े में बताने के लिए करते थे। इसके अतिरिक्त अन्य कोल्ड रिडिंग तकनीक जो काफ़ी प्रचलित है वह है शाट गन, फ़ोरर ईफ़्क्ट इत्यदि। इनकी बहस का मुद्दा यह भी है कि कुशल कोल्ड रीडर बहुत जल्दी सामने वाले व्यक्ति के हाव भाव और उसके शारीरिक संकेत, उम्र, कपड़े, फैशन, केश, लिंग का विश्लेषण , धर्म, जाति, या जातीयता, पारिवारिक पृष्ठभूमि, व्यक्ति के जन्मस्थान आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

बहुत ज्यादा एवं व्यापक रुप से किया गया विचार हथेली और व्यक्ति के चरित्र में तालमेल स्थापित करता है। अतः हस्तकला को चरित्र विश्लेषण के आधार पर सांख्यिकीय तकनीक के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन, इसकी कोई निर्णायक सामग्री नही है जो हथेली की रेखाओं तथा जीवन के मध्य संबंध होने का समर्थन करती हो।