मंगल पर्वत की सामान्य विशेषताएँ | General Characteristics of Mangal Parvat (Mount of Mars)

हथेली में मंगल पर्वत दो स्थानों पर स्थित है। पहला, यह जीवन रेखा के ऊपरी स्थान के नीचे स्थित है,और दूसरा उसके विपरीत हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा के बीच मे स्थित है। पहला स्थान व्यक्ति मे शारीरिक विशेषताओं को और दूसरा मानसिक विशेषताओं को दर्शाता है। यह व्यक्ति मे निर्भयता, साहस, उद्दंडता, क्रोध, उत्साह, बहादुरी और वीरता की हद को दर्शाता है। ऐसे लोग अपने उद्देश्यों के प्रति दृढ़ संकल्प रहते हैं। आमतौर पर यह नेक दिल और उदार होते हैं लेकिन यह अप्रत्याशित और आवेगी भी होते हैं। इनका सबसे बड़ा दोष इनमें आवेग और आत्म नियंत्रण की कमी है। मस्तिष्क रेखा लंबी होने के बावजूद यह सभी प्रकार की कठिनाइयों और ख़तरों का सामना करते हैं।

लोग ऐसे व्यक्तियों कि आलोचना उनके क्रोध और विचारों में कट्टरवादी होने के कारण करते हैं। ऐसे व्यक्तियों को आत्म -नियंत्रण का अभ्यास करना चाहिये और सभी प्रकार की मदिरा और उत्तेजक पदार्थो से दूर रहना चाहिए।

आक्रामक मंगल और रक्षात्मक मंगल

मंगल का स्वरुप हथेली पर क्रूर मंगल और शांत मंगल के रुप में दिखाई देता है. जीवन रेखा और अंगूठे के बीच का हिस्सा क्रूर मंगल का स्थान माना गया है. बुध और चन्द्र पर्वत के बीच का हिस्सा शांत एवं सुरक्षात्मक मंगल का स्थान होता है. शांत मंगल के स्थान पर स्थित रेखाओं का जाल स्वास्थ्य के लिए खराबी देने वाला होता है. रक्त विकार परेशान कर सकते हैं. अगर क्रूर मंगल पर कोई धब्बा हो तो इस स्थिति के कारण जातक क्रोध के कारण खुद को नुक्सान पहुंचा सकता है.

उन्नत मंगल पर्वत | Elevation of Mangal Parvat

विकसित मंगल पर्वत, व्यक्ति को अत्यंत प्रभावशाली बनाता है और जल्दबाजी में निर्णय लेने वाला बनाता है। ऐसे लोग प्रत्येक कार्य को जल्दी मे करते हैं और आक्रामक स्वभाव वाले होते हैं। अक्सर अंत मे चीजें तोड़ते हैं। ऐसे व्यक्ति बहुत साहसी होते हैं और शत्रु की बड़ी संख्या होने पर भी यह नही डरते। मंगल ग्रह अगर विकसित हो तो लोग अक्सर आर्मी या सशस्त्र बल के साथ जुड़े होते हैं।

यदि मंगल पर्वत अधिक विकसित है तो व्यक्ति मे मंगल संबंधित विशेषताएँ बढ़ती हैं। ऐसे लोग अत्यंत शक्तिशाली बन जाते हैं और अपनी शक्ति के द्वारा वह कमजोरों का शोषण करते हैं। अक्सर ऐसे लोग समाज विरोधी गतिविधियों जैसे चोरी, डकैती, लूट आदि मे शामिल होकर अत्यंत क्रूर बन जाते हैं।

कम विकसित मंगल पर्वत व्यक्ति को कायर बनाता है। लेकिन वह बहादुर होने का दावा करता है। जब अवसर की मांग और समय आता है, तो वह अपने कदम वापस ले लेता है।

मंगल पर्वत का शीर्ष | Apex of Mangal Parvat


  • यदि मंगल पर्वत का उपरी सिरा शुक्र पर्वत की ओर स्थित है, तो व्यक्ति प्यार में उत्साही होता है और जब वह गुरु पर्वत की ओर झुका हो तो यह प्रतिनिधित्व करता है कि व्यक्ति अपने जन्म से ही अनुशासित होगा।

  • यदि इसका उपरी सिरा अँगूठे के पास शीर्ष पर उपस्थिति हो तो अर्थ है कि व्यक्ति अपनी इच्छाओं को पूरा करने की ओर प्रेरित रहेगा और हठी भी होगा।

  • जब मंगल पर्वत हृदय रेखा की ओर झुकाव लिये हो तो व्यक्ति भावनाओं मे कभी नही बहेगा। यदि मंगल पर्वत का ऊरी भाग चंद्र पर्वत के पास स्थित हो तो व्यक्ति रचनात्मक मस्तिष्क और चुंबकीय व्यक्तित्व वाला होता है।

  • मंगल पर्वत पर चिन्ह


  • मंगल पर्वत पर जब कोई चिन्ह या निशान बनते हैं तो उनका प्रभाव भी व्यक्ति पर पड़ता है. जातक मंगल पर्वत पर त्रिभुज का चिन्ह होने पर व्यक्ति साहसी होता है। व्यक्ति अपनी मेहनत के बल पर जीवन में आगे बढ़ता है। जातक अपने बाहुबल का प्रदर्शन भी करता है. निरंकुशता भी व्यक्ति में देखी जा सकती है।

  • अगर इस स्थान पर बहुत अधिक रेखाएं बनी हुई हों तो ऎसे में व्यक्ति को अपने क्रोध से हानि भी उठानी पड़ सकती है। कई बार व्यर्थ के विवादों में फंस जाता है।

  • इस स्थान पर बना क्रास व्यक्ति निर्दयी और कायर भी बना सकता है। व्यक्ति राजनीति के क्षेत्र में कई तरह से कूटनीति का उपयोग करने वाला होता है। कई बार यहां जातक अपने अहंकार में गलत फैसले कर बैठता है।

  • लड़ाई-झगड़ों में अपनी ऊर्जा नष्ट करता है. जातक किसी प्रकार के बंधन में फंस सकता है.