जलयात्रा, यात्रा, और दुर्घटना की भविष्यवाणी | Prediction of Voyages, Travel and Accidents | Yatra Rekha

हस्त रेखा शास्त्र व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं को बहुत बारीकी से समझने में मदद करता है. व्यक्ति के स्वास्थ्य की बात हो या उसके काम-काज की, या उसके जीवन में आनी वाली सफलताओं अथवा असफलताओं की इन सभी को समझने में हस्तरेखा शास्त्र बहुत सहायक होता है. हाथों की रेखाएं व्यक्ति के जीवन में यात्राओं को भी बताती हैं.

बहुत से लोगों का यही प्रश्न होता है की क्या वह जीवन में कभी विदेश यात्रा करेगा. या उसे अपनी यात्राओं से किस प्रकार से लाभ मिल सकेगा. उसकी यात्रा कैसी रहेगी, कितनी यात्राएं होंगी इत्यादि बातें लोगों के मन में होती हैं. ऎसे में हस्तशास्त्र के माध्यम से व्यक्ति की यात्राओं का विस्तार रुप से विश्लेषण किया जा सकता है.

हाथ में किस स्थान से देखें यात्राएं

हस्त रेखा शास्त्र में यात्राओं के विषय में मुख्य रुप से चंद्रमा के क्षेत्र को समझने की आवश्यकता होती है. इसके साथ ही मणिबन्ध से शुरु होने वाली रेखा ऊपर को जाती हुई दिखे तो वह भी यात्रा को दर्शाती है. जीवन-रेखा से निकलकर चलने वाली रेखाएं भी यात्राओं का योग दर्शाती हैं.

मणिबन्ध से आरंभ होती हुई कोई रेखा अगर चंद्र पर्वत पर जाए और गहरी हो तो व्यक्ति के लिए यात्रा भाग्यदायक रहती है. मणिबन्ध से निकलती हुई रेखा अगर गुरु पर्वत के क्षेत्र में जा रही हो तो जातक को लम्बी धार्मिक यात्राएं करने का मौका मिल सकता है. अगर रेखा शनि पर्वत की ओर जा रही हो तो व्यक्ति को किसी महत्वपूर्ण कारण से यात्रा करनी पड़ती है. एक अन्य प्रकार की स्थिति भाग्य रेखा के साथ बनेगी अगर कोई रेखा चंद्र पर्वत से निकल कर भाग्य रेखा पर मिलती है तो यात्रा से भाग्योदय होता है.

चंद्र पर्वत पर गहरी रेखाएं और जीवन रेखा से महीन रेखाएं जो चंद्र पर्वत की ओर जाती हैं वह रेखाएं यात्रा की रेखाएं कहलाती हैं। कभी कभी छोटी रेखाएं भाग्य रेखा से निकलती हुई चंद्र रेखा की ओर जाती हैं जो यह दर्शाती है कि व्यक्ति को लाभदायक और बौद्धिक विदेश यात्रा का योग है। इसलिये जीवन रेखा मे परिवर्तन द्वारा और चंद्र पर्वत में छोटे-छोटे परिवर्तन द्वारा यात्रा रेखा के विषय मे जाना जा सकता है परन्तु कुछ और रेखाओं के परिवर्तन से भी छोटी-छोटी यात्राओं का पता लगाया जा सकता है।

रेखाओं के आकार और स्थिति के द्वारा सामान्य विवरण नीचे दिया जा रहा है


  • यदि यात्रा रेखा का अंत छोटे क्रॉस के साथ शुक्र पर्वत पर हो तो, यह दर्शाता है कि व्यक्ति की यात्रा का अंत निराशाजनक होगा।

  • यदि यात्रा रेखा के अंत मे वर्ग हो तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति की यात्रा संकट से भरी होगी, परन्तु यह उसके लिये मृत्यु कारक नही होगी।

  • यदि यात्रा रेखा के अंत मे द्वीप हो तो व्यक्ति की कितनी भी छोटी यात्रा हो अंततः वह नुकसानदायक ही होती है।

  • यदि लग्न रेखाएं मणिबंध की ओर आती हुई चंद्र पर्वत की ओर जाएं तो यह शुभ संकेत माना जाता है।

  • यदि ये रेखाएं हथेली को पार करती हुई गुरु पर्वत की ओर जाएं तो व्यक्ति को शक्ति और उच्च पद प्राप्त होता है और व्यक्ति की यात्राएं लम्बी होगी।

  • यदि यह रेखाएं शनि पर्वत की ओर जाएं तो व्यक्ति की यात्रा पूर्णतः विध्वंसक होती है।

  • यदि ये रेखाएं बुध पर्वत पर पहुँचती हैं तो व्यक्ति को अचानक और अप्रत्याशित धन लाभ होगा।

  • यदि ये रेखाएं भाग्य रेखा से मिलते हुये आगे बढती है तो व्यक्ति की भौतिक यात्राऐं लाभदायक होगी।

  • यदि ये खड़ी रेखाएं झुकाव के साथ नीचे कलाई की ओर जाएं तो व्यक्ति की यात्रा दुर्भाग्यपूर्ण होगी।

  • जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा द्वारा दुर्घटनाओ को दर्शाया गया है। यात्रा रेखा और जीवन रेखा के कुछ अन्य बिन्दुओं द्वारा घटनाओं का विवरण नीचे दिया जा रहा है।

  • यदि एक रेखा का आरंभ शनि पर्वत पर होता है और वही रेखा जीवन रेखा पर झुकाव लिए हुए समाप्त हो जाए तो व्यक्ति को आंशिक खतरा होता है।

  • यदि इस रेखा का जीवन रेखा या उससे पहले क्रास के साथ अंत हो जाए तो व्यक्त को बहुत ही गंभीर दुर्घटना से राहत मिल जाती है।

  • यदि यह संकेत शनि पर्वत पर उभरे तो व्यक्ति को जानवर या किसी और कारण से दुर्घटना का सामना करना पड़ेगा।

  • शनि पर्वत से कोई सीधी रेखा जीवन रेखा पर मिलती है तो यह व्यक्ति को किसी भी प्रकार के खतरे का संकेत देती है।