Posts for Tag Prashna Kundali

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भावों का बाहरी और आंतरिक महत्व | External and internal significance of Bhavas

प्रश्न कुण्डली में हर भाव के दो महव होते हैं जिनका बाहरी और आंतरिक रूप से अलग-अलग महत्व होता है. भाव के यह दोनों रूप उसके महत्व को समझाने के लिए काफी व्यापक रूप से काम में आते हैं. वराहमिहीर जी ने अपने ग्रंथ बृहतजातक

प्रश्न कुंडली का सामान्य विश्लेषण | General Analysis of Prashna Kundali

प्रश्न कुण्डली का प्रत्येक भाव जन्म कुण्डली के भावों की भांति ही महत्वपूर्ण होता है. प्रश्न कुंडली हर भाव प्रश्नकर्ता के जवाब को चाहे न दर्शाए किंतु उसके प्रश्न की सार्थकता एवं पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

प्रशन कुण्डली में भावों का महत्व | Importance of Houses in Prashna Kundali

प्रश्न कुण्डली का प्रत्येक भाव जन्म कुण्डली के भावों की भांति ही महत्वपूर्ण होता है. प्रश्न कुंडली हर भाव प्रश्नकर्ता के जवाब को चाहे न दर्शाए किंतु उसके प्रश्न की सार्थकता एवं पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

प्रश्न शास्त्र का परिचय | Introduction of Prashna

वैदिक ज्योतिष की अनेक शाखाएं हैं जिनके द्वारा फलित का विचार किया जाता है. इसमें से एक शाखा प्रश्न शास्त्र नाम से है जो एक प्रमुख स्थान पाती है. यह हमें किसी व्यक्ति विशेष के अचानक पूछे गए प्रश्न के आधार पर कि जाती है.

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