लाल किताब में बनावटी ग्रह | Lal Kitab Banavati Grah (Artificial planets)

लाल किताब कुन्डली में प्रत्येक ग्रह का अपना बनावटी ग्रह होता है. यह बनावटी ग्रह कुछ विशेष बातों पर प्रभाव डालते हैं जिसे इस प्रकार समझा जा सकता है.

सूर्य - सूर्य के लिए बनावटी ग्रह बुध और शुक्र हैं. यह के स्वास्थ को प्रभावित करते हैं.

चंद्रमा - चंद्रमा के लिए सूर्य और बृहस्पति बनावटी ग्रह हैं. यह माता - पिता के रक्त से संबंधी प्रभाव देते हैं.

मंगल - मंगल के लिए सूर्य और बुध हैं इनमें मंगल नेक होता है और सूर्य एवं शनि में मंगल बद होता है. यह ग्रह संतान की आयु का निर्धारण करने वाले होते हैं.

बुध - बुध ग्रह के साथ बृहस्पति और राहु ग्रह बनावटी ग्रह की भूमिका निभाते हैं. यह ग्रह मान समान को दर्शाते हैं.

बृहस्पति - इसके लिए सूर्य और शुक्र बनावती ग्रह होते हैं . यह ग्रह संतान की उत्पत्ति पर प्रभाव डालते हें.

शुक्र - शुक्र ग्रह के लिए राहु और केतु बनावटी ग्रह की भूमिका निभाते हैं. यह सांसारिक सुख पर प्रभाव डालते हें.

शनि - शनि के लिए बृहस्पति और शुक्र बनावटी ग्रह होते हैं तथा मंगल और बुध भी बनावटी ग्रह बनते हैं. यह ग्रह सेहत और बिमारी को प्रभावित करते हैं.

राहु - राहु के लिए मंगल और शनि उच्च के तथा सूर्य के साथ शनि नीच के बनावटी ग्रह होते हैं. यह लडा़ई झगडे पर असर डालते हैं.

केतु - केतु के लिए शुक्र और शनि ग्रह उच्च का बनावटी ग्रह होता है. चंद्रमा के साथ शनि नीच का बनावटी ग्रह होता है. यह सुख सुविधाओं और ऎशोअराम के स्वामी बन कर असर डालते हैं.

लाल किताब पद्वति मे बनावटी ग्रहों का प्रयोग किया जाता है. बनावटी ग्रह दो अन्य ग्रहों के आपस में युति सम्बन्ध बनाने पर बनते हैं. लाल किताब अनुसार जब मूल ग्रह किसी कारण से पीडित होता है तो उसे शुभ या बलवान बनाने के लिए बनावटी ग्रह का उपाय किया जाता है.

बनावटी ग्रह दो अन्य ग्रहों के आपस में युति सम्बन्ध बनाने पर बनते हैं. जब मूल ग्रह किसी कारण से पीडित होता है तो उसे शुभ या बलवान बनाने के लिए बनावटी ग्रह का उपाय किया जाता है.

बनावटी ग्रहो का उपयोग पक्के ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है. उदाहरण के लिए यदि किसी की कुडंली के तृतीय भाव मे बुध और शुक्र बैठे हों और शुक्र का अशुभ प्रभाव मिल रहा हो. जीवन साथी का स्वास्थ प्रभवित हो रहा हो, या संबंधों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रखी हो क्योंकि बुध व शुक्र बनावटी हैं सूर्य के लिए और सूर्य स्वास्थ का कारक भी है इसलिए शुक्र के पीडित होने का मतलब है पत्नी के स्वास्थ में खराबी आ सकती है.

इसका उपाय बुध व शुक्र को ग्रह मान कर करें तो बनावटी बुध ग्रह बन जाता है. बृहस्पति, राहु से तथा बनावटी शुक्र, राहु-केतु की युति से बनते हैं. शुक्र का उपाय दो तरीकों से सम्भव हो सकता है पहला यह कि बृहस्पति वार को सूर्यास्त के समय नीले रंग का थोथा वीराने में किसी घास वाली जमीन में दबाने से शुक्र का अशुभ प्रभाव दूर हो जाता है एक दूसरा यह कि बृहस्पति वार को सफेद रंग के कुते को दूध या दूध से बनी मिठाई खिलाने से भी शुक्र को बली बनाया जा सकता है. इस तरह से बनावटी ग्रहों का उपाय करके पक्के ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर किया जा सकता है.