वैदिक ज्योतिष में यूँ तो बहुत सी बातों की जानकारी दी गई है लेकिन वर्तमान समय में शिक्षा के पश्चात हर व्यक्ति अपना व्यवसायिक क्षेत्र जानने का इच्छुक रहता है. कई बार व्यक्ति अपने मनपसंद क्षेत्र में चला जाता है और सफल रहता है लेकिन आपमें से बहुत से ऎसे भी हैं जो अपने पसंदीदा क्षेत्र में कामयाब नही हो पाते हैं. ऎसे में एक सरल तरीका आपको इस प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बताया जा रहा है कि वह कैसे अपने व्यवसायिक क्षेत्र का चयन कर सकते हैं.

चर राशि में ग्रह होने पर व्यवसाय का स्वरुप | Kind of Profession with Planets in Movable signs

आइए सबसे पहले हम चर राशि के बारे में जाने, चर राशि सदा चलायमान रहने वाली मानी गई है. इस राशि का जातक किसी एक जगह पर टिक कर नही रहता है. जन्म कुंडली में चर राशि में ज्यादा ग्रह हैं तब व्यक्ति चलायमान रहने वाले व्यवसाय को अपनाता है.

अपने व्यवसाय में निपुणत से काम लेता है, चतुराई तथा युक्तियों से लोगों से मेलजोल बढ़ाता है क्योकि इसके बिना व्यवसाय गति नहीं पकड़ता है. व्यवसाय को चलाने के लिए भाग - दौड़ करता है.

अधिकतर ग्रह चर राशि में होने वाला व्यक्ति नौकरी में कम ही टिक पाता है क्योकि यह अपने तरीके से स्वतंत्र रहकर काम करना चाहता है. ऎसा व्यक्ति एक स्थान पर कभी भी नहीं टिक पाता है और भ्रमण ही करता है.

ऎसा व्यक्ति घूम - घूमकर उन्नति करने में ज्यादा विश्वास करता है. चाहे एक फेरीवाला ही क्यूँ ना हो उसकी कुंडली में भी ज्यादातर ग्रह चर राशि में ही होगें क्योकि वह भी घूम घूमकर ही कमाता है. यदि व्यक्ति उच्च स्तर का व्यवसाय है तब उसके सिलसिले में सदा भ्रमणशील रहता है. यदि कभी नौकरी भी करनी पड़े तो वह भी सदा घूमते रहने वाली हो सकती है अर्थात जिसमें व्यक्ति बाहर अधिक रहता हो.

स्थिर राशि में होने पर व्यवसाय | Kind of Profession with Planets in fixed signs

आइए अब स्थिर राशि में स्थित ग्रहों की बात करते हैं. स्थिर राशि वाले व्यक्ति एक ही स्थान पर टिकना पसंद करते हैं और आसानी से कहीं जाते नहीं हैं. ऎसे व्यक्ति स्थिरता वाले कामों में ज्यादा रुचि रखते हैं इसलिए जिनकी कुण्डली में अधिकतर ग्रह स्थिर राशि में होते हैं वह टिकने वाला व्यवसाय करता है ताकि बदलाव ना करना पड़े.

ऎसे व्यवसायो में एक ही स्थान पर बैठे बिठाए काम हो जाता है और व्यक्ति को भाग - दौड़ नहीं करनी पड़ती है. ऎसे व्यवसाय में हर तरह की दुकाने भी आती हैं जहाँ व्यक्ति एक ही स्थान पर बैठा रहता है और ग्राहक स्वयं उसके पास चलकर आता है.

व्यक्ति सदा ऎसे व्यवसाय में भाग्य आजमाता है जिसमें ज्यादा भाग दौड़ नहीं करनी पड़ती है. ऎसे स्थिर व्यवसायो में धैर्य, सहनशीलता, एकाग्रता, दृढ़ निश्चयता तथा चिन्तन मनन अधिक होता है. ऎसे व्यवसायो के अन्तर्गत सभी सरकारी नौकरियाँ भी आती है जिनमें केवल एक ही स्थान पर बैठकर काम हो जाता है. डॉक्टर का व्यसाय भी एक ही स्थान पर बैठ कर ही होता है इसलिए स्थिर राशि में अधिकतर ग्रह होने पर व्यक्ति डॉक्टर भी बन सकता है.

द्वि-स्वभाव राशि में अधिक ग्रह होने पर व्यवसाय | Kind of Profession with Planets in Dual-Natured signs

अब हम द्वि-स्वभाव राशि की ओर बढ़ते हैं. इन राशियों में अधिकतर ग्रह होने पर व्यक्ति ना चलायमान रहता है और ना ही स्थिर ही रहता है, इसलिए द्वि-स्वभाव राशि में अधिकतर ग्रह होने पर व्यक्ति अध्यापन क्षेत्र में अधिक सफलता पाता है.

व्यक्ति ऎसे काम करता है जो शैक्षिक क्षेत्र से ही किसी ना किसी रुप में जुड़े हों क्योकि द्वि-स्वभाव राशियों में बुध की मिथुन व कन्या तथा गुरु की धनु व मीन राशि आती है. गुरु का ज्ञान तो बुध को बुद्धिमत्ता तथा शिक्षा का कारक ग्रह माना गया है.

ऎसा व्यक्ति आढ़्त का काम भी कर सकता है अथवा किराना आदि की दुकान भी कर सकता है. व्यक्ति वो सभी काम करता है जिसमे कुछ देर टिककर काम हो तो कभी कभार बाहर भी जाना पड़ता हो.द्वि-स्वभाव राशि वाले व्यक्तियों को बुद्दिमान माना गया है इसलिए यह ज्ञान के क्षेत्र में ज्यादा सफल रहते हैं तभी इनके लिए अध्यापन क्षेत्र उचित माना गया है.

चर, स्थिर तथा द्वि-स्वभाव में बराबर संख्या में ग्रह होने पर व्यवसाय | Kind of Profession with Equal Number of Planets in Movable, Fixed and Dual-Natured signs

जन्म कुंडली में यदि चर,स्थिर तथा द्वि-स्वभाव राशि में समान संख्या में ग्रह हो तब ऎसे में व्यक्ति किसी भी काम में सफल हो सकता है. यदि तीनों वर्गों में से किन्हीं दो में समान संख्या में ग्रह हैं तब उन दोनो के गुण व्यक्ति में आते हैं और उसके कार्यों में भी उसकी झलक दिखाई देती है. ऎसी स्थिति में सूर्य से शनि तक के ग्रहों की गणना की जाती है और राहु/केतु को नहीं लिया जाता है.