तुला से मीन लग्न तक | Libra to Pisces Ascendant

तुला लग्न में जन्मा जातक चंचल प्रवृत्ति का होता है. यह कल्पनाओं की उडा़न में व्यस्त रहते हैं. न्यायप्रिय होते हैं तथा मेधावी होते हैं. गोरे रंग के, मध्यम आकार के कद वाले, आवेगहीन, सुस्त स्वभाव वाले होते हैं. आर्थिक रूप से संपन्न रहते हैं, वैभवता की चाह रख सकते हैं. धर्म कर्म में अधिक निपुण नहीं होते. राज मान्य तथा सत्यवक्ता होते हैं. दूसरों की भावनाओं का सम्मान करने वाले होते हैं. यह थोड़े बेचैन और असंतुष्ट भी हो सकते हैं. इनमें गहरी दूरदर्शिता के साथ यथार्थवादी भी होती है.

वृश्चिक लग्न में जन्म होने के कारण जातक क्रोधी स्वभाव का व प्रतिशोधी भी हो सकता है. राज्य से सम्मान पाता है तथा गुणवान लोगों की संगती मिलती है. जातक व्यंग्यात्मक और आवेगी होता है. तेजस्वी व्यहार का योद्धा स्वरूप परंतु कुटील भी होता है. अत्यधिक चंचल प्रवृति का तथा प्रेम में अधिक उत्साहित होता है.यह जातक कामुक सुख की ओर अधिक प्रवृत्त रहता है. क्रूर कर्म करने वाला हो सकता है. स्वतन्त्र रुप से कार्य करने की चाह रखता है. दूसरों का हस्तक्षेप इसे कतई पसन्द नहीं होता है. यह जीवन को अपने अनुसार जीने की चाह रखता है. शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाले होते हैं और परिश्रम द्वारा अपने कार्यों को अंजाम तक पहुंचाते हैं.

धनु लग्न में जन्म होने के कारण जातक धैर्यवान और न्याय को मानने वाला होता है. आश्रितों का पालक होता है. युद्ध में कुशल तथा शत्रुओं पर विजय पाने वाला होता है. पारंपरिक रुप से मान्यताओं का सूचक है, दार्शनिक विचारधरा वाला तथा अपने कार्यों में कुशल होता है. जातक कभी कभी क्रोध में आवेगी हो सकता है. पराकर्म करने में तत्पर तथा अपने काम में सफल होने के लिए प्रयासरत रहता है. कुछ सुस्त स्वभाव भी हो सकता है. कभी-कभी अधिक बेचैन और चिंतित भी रहते हैं. इनमें दिखावे की चाह नहीं होती धर्म-कर्म में रूचि रखने वाले होते हैं.

मकर लग्न में जन्में जातक का व्यवहार शांत तथा सहानुभूति पूर्ण होता है. जातक डरपोक स्वभाव का हो सकता है. उदार हृदय का होता है. संकोची स्वभाव के कारण जातक अपने मनोभावों को खुलकर अभिव्यक्त नहीं कर पाता है. तामसिक प्रवृत्ति से ग्रस्त रह सकता है और अपने कामों को चालाकी से पूरा कर ही लेता है. यह लंबे कद के पतले होते हैं चहरे पर लालिमा लिए होते हैं. खुद को परिस्थितियों के अनुरूप ढाल लेते हैं. इनके स्वभाव में दिखावे की प्रवृत्ति भी होती है. अल्पबली होता है तथा शुभ गुणों में कमी हो सकती है.

जातक का जन्म कुंभ लग्न में होने के कारण जातक पर शनि ग्रह का प्रभाव अधिक पड़ता है. कुम्भ लग्न के प्रभाव स्वरूप जातक दार्शनिक स्वभाव का और उदार व्यक्तित्व का धनी होता है. दूसरों के प्रति सहानुभूति रखने वाला रहता है. शिष्टाचार द्वारा यह दूसरों के सम्मुख प्रसिद्धि भी पाते हैं. जातक का स्वभाव काफी स्थिर होता है किंतु विचारों की उडा़न खूब रहती है. कुल प्रधान व धन से युक्त होता है. यह मित्र बनाने में जल्दी करते हैं इनके मित्रों की संख्या भी अच्छी होती है. यह ही गुस्सा और चिड़चिड़ा जाते हैं लेकिन शांत भी जल्द ही हो जाते हैं. बातें बनाना खूब आता है और अच्छे वक्ता बन सकते हैं.

जन्म कुण्डली का लग्न मीन राशि का होने पर जातक भाग्यवान होता है. विद्वानों की संगत पाता है तथा दोहरी विचारधारा से प्रभावित हो सकता है. जातक में जिद्दीपन उभर सकता है अपनी बात को अत्यधिक महत्वपूर्ण रखने की चेष्ठा बनी रहती है. जातक धर्म कर्म के कार्यों के प्रति उन्मुख रहता है तथा विचारों से कुछ रूढ़िवादी हो सकता है. मीन लग्न से प्रभावित व्यक्ति शारीरिक रूप से मध्यम आकार के मोटे, साँवले रंग के होते हैं. सिद्धांतों पर बने रहने की इनकी कोशिश बनी रहती है. यह महत्वाकांक्षी होते हैं अपने काम में प्रमुखता पाने की चाह रखते हैं.