सिंह लग्न का दूसरा नवांश वृष राशि का होता है. इस राशि के नवांश स्वरूप जातक को जीवन में कार्य क्षेत्र की ओर अधिक ध्यान देना होगा उसका जीवन अपएन काम के विस्तार और उसमें उन्नती पाने की चाह में व्यतीत होगा. जीवन में उसका व्यवसाय उसके लिए खूब महत्वपूर्ण रहेग तथा उसे इस ओर से सुख की प्राप्ति संभव हो सकेगी या नहीं इसी बात का निश्चय करने में उसका मन चिंतित रह सकता है.

इस नवांश में जन्म लेने के कारण जातक देखने में हष्ट-पुष्ट व बलशाली हो सकता है. उसमें संयम तो रहेगा साथ ही स्थिरता की चाह भी बनी रहेगी. शुक्र व सूर्य के प्रभाव से जातक अपने जीवन में वैभवता की चाह से युक्त हो सकता है. जातक की त्वचा कोमल और सुंदर होती है. कद काठी अच्छी होती है. इनके स्वभाव में गहन चिंतन-मनन करने वाला होता है.

जातक का स्वभाव सामान्यत: स्थिर और क्रोधी होता है. इनकी वाणी में मधुरता के साथ भारीपन भी होता है. यह सत्यवादी होते हैं तथा व्यवहार से स्पष्ट वक्ता होते हैं. अपने कामों को योजनाबद्ध तरीके से पूरा करने की कोशिश करते हैं. जीवन में धन भी खूब अर्जित करते हैं तथा किसी की अधिनता को स्विकार नहीं कर पाते हैं. विभिन्न धर्म कर्म के कामों में भागीदारी करते हैं और धर्मार्थ के द्वारा यश प्राप्ति भी करते हैं.

सिंह लग्न के दूसरे नवांश का प्रभाव | Effects of Second Navansh of Leo Ascendant

साथियों के प्रति इनकी भावनाएं बहुत उत्साहवर्धक और अच्छी होती हैं, सभी के समक्ष यह आदर पाते हैं. इन्हें बहुमूल्य वस्तुओं का शौक होता है, खर्चों पर रोक नहीं लगाते हैं. इन्हें कारोबार में अच्छी सफलता मिलती है. जीवन को आनन्द और उल्लास के साथ जीने की कोशिश करते हैं. इन्हें सरकार की ओर से भी कुछ सहायता मिल सकती है. इनकी पसंद काफी उत्कृष्ट होती है तथा लोग इनकी तारीफ भी करते हैं. जीवन साथी के रूप में इन्हें कभी कभी विचारों का मतभेद झेलना पड़ सकता है लेकिन प्रेम की कमी नहीं रहती है. आपमें समर्पण का पूरा भाव बना रहता है.

किसी भी कार्य में धन की स्थिति तो प्राय: बनी ही रहती है. कुछ आर्थिक स्थितियों के उतार-चढा़व होने पर जातक को जीवन में अनेक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है किंतु अपनी बल और शक्ति सामर्थ्य द्वारा यहअपनी स्थिति को सदृढ़ बनाने में भी सफल हो सकते हैं. इनकी भावनाएं सभी के लिए ही उत्साहवर्धक रहती हैं इसलिए इनसे अधिक देर तक कोई दूर नहीं रह सकता है.

इनके जीवन साथी का स्वभाव मिला जुला सा होता है वह भी धार्मिक प्रवृत्ति वाला तथा आध्यात्मवादी सोच रखने वाला होता है. सहन शक्ति होती है इस कारण से कई प्रकार के विवादों में पडने से बचे रहते हैं. विवाह के पश्चात जातक के काम में अधिक वृद्धि होती है और उसकी योजनाएं भी पूर्ण होती हैं.

सिंह लग्न के दूसरे नवांश का महत्व | Importance of Second Navansh of Leo Ascendant

यह नवांश जातक के काम में आने वाले उतार-चढावों को दिखाने वाला होता है. अपने क्षेत्र में किस प्रकार से जातक आगे बढ़गा इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता होती है. जब यह किसी से अच्छी तरह से परिचित हो जाते हैं तो संबंधों में मजबूती आने लगती है और दूसरों की प्रशंसा के पात्र भी बनते हैं. किसी भी काम को करने में यह अपनी कलात्मकता का परिचय अवश्य देने का प्रयास करते हैं और जीवन भर वह इन सभी के विषय में अधिक सोच-विचार भी करते हैं. यह अपने काम में एकाग्रता रखते हैं तथा कल्पानों की उडा़न होने पर यह अपने लक्ष्य को पाने में सदैव तत्पर रहते हैं.

एक अच्छे रूप में यह अपनी प्रतिभा को निखारने की कोशिश भी करते हैं जिससे इनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है. यह अपने काम में स्वतंत्रता की चाह रखते हैं किसी का अधिक हस्तक्षेप पसंद नहीं आता है. जातक ऐश्वर्य और आराम पसंद करने वाला होता है. किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले एक स्थिति के सभी पहलुओं पर विचार करते हैं व दृढ़ता द्वारा उसे करने में भी पूरी तत्परता रखते हैं.

व्यक्ति वाक कुशलता से पूर्ण व दूसरों पर अपनी छाप छोड़ने वाला होगा. इनकी विचारधार काफी गंभीर और सहजता से युक्त होती है. यह अपने कथन में स्पष्ट और प्रभावशाली होते हैं. एक अच्छे वक्ता के गुण इनमें होते हैं, समूह को अपनी वाक कुशलता द्वारा खिंच लेने की कला इन्हें खूब अच्छे से आती है. तर्क वितर्क करने में माहिर होते हैं और किसी को आसानी से अपने समक्ष टिकने नहीं देते हैं.