सिंह लग्न का तीसरा नवांश मिथुन राशि का होता है, इस नवांश के स्वामी ग्रह बुध हैं. सिंह लग्न के तीसरे नवांश में जन्म लेने के प्रभावस्वरूप जातक की बनावट सुंदर होती है जातक के कंधे चौडे़ व भुजाएं लम्बी होती हैं, त्वचा मुलायम तथा आंखें सुंदर गोल व छोटी होती हैं. इनके व्यवहार में व्यग्रता स्पष्ट रूप से झलकती है. यह स्वभाव से हंसमुख होते हैं तथा अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सचेत रहते हैं. इनके मित्रों की संख्या अधिक नहीं होती है. परंतु जो भी यह मित्र बनाते हैं उनके साथ सदैव रहने की चाह भी रखते हैं. यह जातक क्रोधी हो सकता है और अपने निर्णयों को लेकर काफी संजीदा रह सकता है. यह लोग अनेक कार्यों में दक्षता रखने वाले होते हैं.

जातक को अपने वरिष्ठजनों का साथ मिलता है और जीवन में आगे बढ़ते रहने की चाह भी रहती है, यह जब किसी कार्य को करना आरंभ करते हैं तो उसे समाप्त करने की पूरी कोशिश करते हैं. अपने काम में ही इनका ध्यान लगा रहता है उस समय यह कहीं ओर अपना ध्यान नहीं भटकने देते हैं. इस कारण इन्हें अपने कामों में सफलता भी मिल जाती है लेकिन इनकी यह स्थिति इन्हें कई बार परेशानी में भी डाल सकती है. क्योंकि किसी एक ही बात के पिछे पड़ जाना दूसरों के लिए परेशानी का सबब भी बन सकता है.

इनके खर्चे भी अधिक होते हैं जिस कारण धन की लालसा बनी रहती है. परिवार की परंपराओं के प्रति इनकी आस्था बेहद अच्छी होती है जो इन्हें संस्कारों से युक्त रखने में सहायक बनती है. अपने काम को बढाने में लगे रहने कि चाह इनमें खूब होती है. शत्रुओं पर इनका रौब रहता है और यह उन पर विजय पाते हैं. दांपत्य जीवन से संतोष पाते हैं. जीवन साथी से अधिक अपेक्षाएं नहीं रखते हैं. पारिवारिक व सामाजिक सुख शांति के लिए प्रयत्नशील रहते हैं. कुछ मामलों में एक दूसरे से उदासीनता का भाव भी झेलना पड़ता है लेकिन तालमेल से जीवन की राह आसान बना ही लेते हैं.

इनका व्यक्तित्व आकर्षक होता है जिस कारण अन्य लोग भी इनकी ओर खिंचे चले आते हैं. प्रभावशाली भाव अभिव्यक्ति के फलस्वरुप आपको अन्य लोगों का साथ भी मिलता है.समाज में सम्मानित व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं, बोलने में मधुरभाषी होते हैं ओर अपनी भाव अभिव्यक्ति से दूसरों को संतुष्ट रखने कि क्षमता रखते हैं. किसी के दुख में बराबर के भागीदार बनते हुए अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की योग्यता रखते हैं.

सिंह लग्न के तीसरे नवांश का महत्व | Importance of Third Navansh of Leo Ascendant

इस नवांश से प्रभावित जातक सभी से प्रेम करने वाला होता है किंतु यह किसी के साथ आत्मिक मोह से नहीं बंधना चाहता. यह अनैतिक कार्यों से दूर ही रहते हैं. धार्मिक गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर भाग लेने की कोशिश करते हैं तथा धार्मिक आयोजनों को करते रहते हैं. यह किसी धार्मिक संस्था की स्थापना भी कर सकते हैं. यह न्याय प्रिय, प्रतापी होते हैं. शत्रुओं से इनकी दूरी बनी ही रहती है. व्यवसाय में आप काफी चतुर होते हैं अपने प्रयासों से आप व्यवसाय को आगे बढा़ने में सफल भी रहते हैं.

परिश्रम से पूर्ण कार्यों को करने से दूर नहीं हटते हैं परंतु लाभ की चाह इनके मन में सदैव बनी रहती है. काम में अच्छे मुनाफे को ध्यान में रखते हुए ही योजनाएं बनाते हैं. खेल कूद में भी इनकी रूचि बनी रहती है. वाद विवाद को सफलता पूर्वक अपने पक्ष में कर लेना इनकी विचारधारा की परिपक्कवता को दर्शाता है. विद्वता का रूप आपके प्रयासों एवं आपके कामों में स्पष्ट रूप से झलकता है. बौद्धिक गुणों से विकसित जातक कार्यों में ऊँचाईयों को छूने वाला होता है.

आपका जीवन साथी व्यवहारिक तथा सदाचारी आचरण वाला होता है. शारीरिक रूप से वह प्राय: सामान्य दिखने वाला होता है. वह आपके साथ मिलकर धर्म कर्म के कार्यों में विशेष रूचि रखता है. आप दोनों मिलकर सामाजिक व पारिवारिक दायित्वों का निर्वाह करने में सफल होते हैं. आपके जीवन साथी को ललित कलाओं का शौक होता है तथा आर्थिक व्यवस्था को सही ढ़ंग से निभाने में सक्षम होता है.