मिथुन लग्न का आठवां नवांश वृष राशि का होता है. इस राशि के नवांश स्वरूप जातक देखने में हष्ट-पुष्ट व बलशाली होता है.गठा हुआ शरीर होता है. इस नवांश के स्वामी ग्रह शुक्र हैं इसमें जन्मे जातक की त्वचा कोमल और सुंदर होती है. कद काठी अच्छी होती है. इनके स्वभाव में गहन चिंतन-मनन करने वाला होता है.

यह बोलने में स्पष्ट और प्रभावशाली होते हैं. एक अच्छे वक्ता के गुण इनमें खूब होते हैं, जन समूह को अपनी वाक कुशलता द्वारा अपनी ओर खिंच लेने की कला इन्हें खूब अच्छे से आती है. तर्क वितर्क करने में माहिर होते हैं और किसी को आसानी से अपने समक्ष टिकने नहीं देते हैं.

इनके ज्ञान में हमेशा वृद्धि होती है, यह धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप काम करने वाले व्यक्ति होते हैं. किसी का अहित करने की चाह इनमें नहीं होती है अपितु अपने शत्रुओं को भी यह क्षमा कर देते हैं. अपने साथियों के प्रति इनकी भावनाएं बहुत उत्साहवर्धक और अच्छी होती हैं. इसी कारण इनके मान सम्मान में भी वृद्धि होती है, सभी के समक्ष यह आदर पाते हैं.

बहुमूल्य वस्तुओं का शौक होता है, आभुषणों और सुंदर वस्त्रों से सुसज्जित रहने की चाह रखते हैं. बुद्धिमान एवं धनवान बनाता है.इन्हें कारोबार में अच्छी सफलता मिलती है. विनोदी व्यक्तित्व प्रदान करता है.ऐसा व्यक्ति जीवन को आनन्द और उल्लास के साथ जीने की इच्छा रखता है.

इन्हें सरकारी पक्ष से अनुकूलता प्राप्त होती है. जीवनसाथी के संदर्भ में भी यह मंगलकारी होता है.व्यक्ति को सुन्दर और बुद्धिमान जीवनसाथी का साथ मिलता है. करोबार एवं रोजगार में लाभ दिलाता है. साझेदारी खूब फलती

मिथुन लग्न के आठवें नवांश का प्रभाव | Effects of Eighth Navamsha of Gemini Ascendant

इस नवांश में जातक के खर्चे अधिक बने रह सकते हैं जीवन में उसे इस ओर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है. किसी भी कार्य में धन की स्थिति तो प्राय: बनी ही रहती है. कुछ आर्थिक स्थितियों के उतार-चढा़व होने पर जातक को जीवन में अनेक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है किंतु अपनी बल और शक्ति सामर्थ्य द्वारा वह कई प्रकार की बाधाओं को दूर करता हुआ आगे बढ़ने की क्षमता रखता है और जीवन में अपनी स्थिति को सदृढ़ बनाने में भी सफल हो सकता है.

इस नवांश से प्रभावित जातक में धर्मार्थ के कार्यों के प्रति भी अधिक रूझान रहता है. कुछ न कुछ सामाजिक गतिविधियों में वह लगा रह सकता है. सामाजिक सरोकार से पूर्ण वह सेवार्थ के कामों में पूर्ण रूप से लगा रह सकता है. अपने शुभ वचनों से यह दूसरे लोगों का मन मोह लेने की क्षमता रखते हैं ओर सभी के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार से सम्मनित स्थान भी पाते हैं आने वाले सभी कामों में इनका योगदान स्मरणीय रहता है और लोगों के मध्य इनकी ख्याती भी खूब होती है. जातक के अच्छे सदगुण इसके शुभ कर्मों में वृद्धि करने वाले बनते हैं जो पुण्य एवं सत मार्ग का रास्ता आसान बनाते हैं.

अपने मित्रों के लिए इनका प्रेम सदैव बना रहता है. सहयोगियों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं और उनके लिए आदरणीय बने रहते हैं. इसी के साथ सभी लोग इनके प्रशंसक बने रहते हैं. इनकी भावनाएं अपने लोगों और सभी के लिए ही उत्साहवर्धक रहती हैं. और अच्छी होती हैं उनसे द्वेष पालने की इनकी कोई चाह नहीं होती है इसलिए इनसे अधिक देर तक कोई दूर नहीं रह सकता है.

मिथुन लग्न का आठवें नवांश महत्व | Importance of Eighth Navamsha of Gemini Ascendant

जीवन साथी के साथ अच्छा समय व्यतीत करते हैं. इनका जीवन साथी काफी परिश्रमी होता है और अच्छे गुणों से सम्पन्न होता है. परंतु उसमें महत्वकांक्षा अधिक होती है और निडर भी खूब होता है. अपने कामों को करने की दक्षता रखता है. किसी भी कार्य को करने से पहले उसे योजनापूर्ण तरीके से लेकर चलता है. विद्या के क्षेत्र में प्रयासरत रहता है और उसमें रूचि भी खूब रखता है.

इनका जीवन साथी प्राय: सुंदर ओर अच्छे स्वास्थ्य वाला होता है. इनके साथ जीवन के सभी पहलुओं को जीने की चाह रखने वाला होता है. आप दोनों में ही आध्यात्मिक चाह एक जैसी ही रहती है इसलिए एक दुसरे कि भावनाओं को समझने कि परख भी खूब रखते हैं. एक दूसरे का साथ मिलता है जीवन के उतार-चढावों को साथ मिलकर झेलते हैं.

इनका जीवन साथी काफी परिश्रम होता है, जीवन में अपने बलबूते पर आगे बढ़ने का प्रयास करता है. अपने कामों में सदगुणों के साथ आगे चलता है. महत्वकांक्षाओं के पक्के होते हैं और सपनों को साकार करने वाले होते हैं. इस नवांश का पूर्ण प्रभाव होने से इन व्यक्तियों में सौंदर्य व प्रेम की चाहत स्वा‍भाविक रूप से होती है.

व्यक्तित्व आकर्षक होता है. इनकी अभिरू‍चि कलात्मक होती है, कला में विशेष रूचि खाने-पीने का शौक होता है. घर से बाहर घूमने-फिरने, आराम करने की प्रवृत्ति, इस राशि के व्यक्ति व्यसनाधीन जल्दी हो सकते हैं जिससे स्वास्थ्य में गिरावट का सामना भी करना पड़ सकता है.