वैदिक ज्योतिष एक अथाह सागर है जिसे जानने के लिए सारी उम्र भी कम है. लेकिन हम यदि दिल से सीखना चाहें तो काफी कुछ सामान्य ज्ञान पा ही सकते हैं. इसके लिए वैदिक ज्योतिष की मूल बातों को समझना आवश्यक है. इसके लिए हम अपनी पिछली वेबकास्ट में काफी कुछ बता चुके हैं और आगे भी आपको जानकारी देते रहेगें. आज इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आपको कुंभ लग्न के बारे में जानकारी दी जाएगी. कुंभ लग्न की विशेषता, शुभ तथा अशुभ ग्रहों के बारे में बताया जाएगा.

कुंभ राशि का परिचय | An Introduction to Aquarius Sign

कुंभ राशि भचक्र की ग्यारहवें स्थान पर आने वाली राशि है. इस राशि का विस्तार 300 अंशो से 330 अंशो तक फैला हुआ है. इस राशि का स्वामी ग्रह शनि है. इस राशि की गणना वायु तत्व राशि में होती है. स्वभाव से इस राशि को स्थिर राशि में रखा गया है. इस राशि का प्रतीक चिन्ह एक व्यक्ति है जिसके कंधे पर घड़ा है. व्यक्ति ने नीचे धोती पहनी हुई है और ऊपर कुछ नही है. घड़े मे से पानी छलक व्यक्ति के ऊपर भी गिर रहा है.

कुंभ लग्न की विशेषताएँ | Characteristics of Aquarius Ascendant

आइए अब कुंभ लग्न के बारे में बात करते है, आपका व्यक्तित्व आकर्षक होता है और लोग आपकी ओर आकर्षित हो ही जाते हैं. आप जीवन में एक बार जो सिद्धांत बना लेते हैं फिर उन्हें बदलना कठिन ही होता है. आप सिद्धांतों पर चलने वाले व्यक्ति होते हैं.

आप अपने जीवनसाथी के प्रति निष्ठावान रहते हैं और पूर्ण रुप से उसके प्रति समर्पित रहते हैं. आपको समझना अन्य लोगो के लिए कठिन काम होता है क्योकि कुंभ का अर्थ घड़ा होता है, जब तक उसके भीतर तक ना झांका जाए तब तक पता ही नहीं चलता है कि कितना खाली है और कितना भरा हुआ है. इसलिए जो लोग आपके बेहद ही करीब होते हैं वही समझ सकते हैं.

कुंभ लग्न स्थिर लग्न होता है इसलिए आपके जीवन में भी स्थिरता बनी रहती है और आप अपने स्थायी निशान सभी जगह छोड़ते जाते हैं. आप हवा की तरह स्वतंत्र विचार वाले होते हैं, आप बहुत सी इच्छाओ को मन में पालकर रखते हैं. मानवतावादी विचारो वाले तथा मानव कल्याण चाहने वाले होते हैं. आप एक ईमानदार व्यक्ति भी होते हैं.

आपका लग्न वायु तत्व होने से आप सोचते बहुत हैं और गंभीर चिंतन में डूबे रहते हैं. स्वभाव से कुछ शर्मीले भी होते हैं और अपनी बातों को आसानी से किसी से बांटते भी नही हैं.

कुंभ लग्न के लिए शुभ रत्न | Auspicious Gemstones for Aquarius Ascendant

आइए अब आपको कुंभ लग्न के लिए शुभ ग्रहो के बारे में बताने का प्रयास करते हैं. इस लग्न के शनि लग्नेश होकर शुभ होता है. यदि शनि आपकी कुंडली में लग्नेश होकर कमजोर है तब आप नीलम धारण कर सकते है.

यदि आपको नीलम महंगा लगता है तब आप इसकी जगह नीली या लाजवर्त भी पहन सकते हैं. आपके लिए पन्ना व डायमंड भी उपयोगी रत्न है. पन्ना बुध के लिए और शुक्र के लिए डायमंड पहन सकते हैं. आप डायमंड की जगह इसका कोई भी उपरत्न ओपल या जर्कन भी पहन सकते हैं.

कुंभ लग्न के लिए शुभ ग्रह | Auspicious Planets for Aquarius Ascendant

आइए अब आपको कुंभ लग्न के लिए शुभ ग्रहों के बारे में जानकारी देने का प्रयास करते हैं. कुंभ लग्न का स्वामी ग्रह शनि लग्नेश होकर शुभ होता है.

बुध पंचमेश होने से शुभ होता है हालांकि इसकी दूसरी राशि अष्टम भाव में पड़ती है. इसलिए बुध यदि कुंडली में निर्बल है तब शायद शुभ देने में असमर्थ हो सकता है और यदि बुध शुभ स्थिति में है तब यह पंचम भाव से संबंधित शुभ फल प्रदान करेगा.

शुक्र चतुर्थेश व नवमेश होकर योगकारी ग्रह बन जाते हैं. चतुर्थ भाव केन्द्र तो नवम भाव बली त्रिकोण भाव होता है और केन्द्र्/त्रिकोण का संबंध बनने पर ग्रह शुभ हो जाता है.

कुंभ लग्न के लिए अशुभ ग्रह | Inauspicious Planets for Aquarius Ascendant

आइए अंत में कुंभ लग्न के लिए अशुभ ग्रहों की बात करते हैं. कुंभ लग्न के लिए बृहस्पति शुभ नहीं माने जाते हैं. बृहस्पति मारक भाव तथा त्रिषडाय भाव के स्वामी होते हैं. कुंभ लग्न में कर्क राशि छठे भाव में पड़ती है और चंद्रमा इसके स्वामी होते हैं इसलिए चंद्रमा षष्ठेश होकर अशुभ हो जाते हैं.

इस लग्न के लिए सूर्य मारक भाव अर्थात सप्तम भाव के स्वामी बनते हैं हालांकि मारक का दोष लगता नहीं है. इस लग्न के लिए मंगल तीसरे व दशम भाव के स्वामी होते हैं. मंगल की गिनती भी शुभ ग्रहों में नहीं होती है.