Articles in Category Vedic Astrology

यूरेनस का मेष राशि में होने का प्रभाव

जहां वैदिक ज्योतिष में नव ग्रहों का उल्लेख मिलता है उसी प्रकार पाश्चात्य ज्योतिष में तीन ग्रहों का विशेष रुप से उल्लेख मिलता है. यह तीन गर्ह बाहरी ग्रह के रुप में भी जाने जाते हैं. इनके नाम यूरेनस,

जन्म कुंडली में राहु कब देता है शुभ फल

जन्म कुंडली में सभी ग्रह अपने अनुसार शुभ फलों एवं अशुभ फलों को देने में आगे रहते हैं लेकिन जब बात आती है राहु की तो यह एक काफी गंभीर होता है. राहु ग्रह व्यक्ति को सबसे अधिक प्रभावित करने वाला होता

कुंभ राशि में शनि के अस्त होने का प्रभाव

शनि का गोचर या स्थिति जब कुंभ राशि में अस्त होती है तो इसका असर काफी धीमे रुप से मिलने वाले परिणाम के रुप में दिखाई देता है. कुंभ राशि शनि की स्वराशि है ओर यह शनि के स्वामित्व की मूलत्रिकोण राशि भी

अपनी कुंडली से जाने ग्रहों के असर को और दूर करें सारे भ्रम

ज्योतिष के थोड़े से ज्ञान के साथ भी सभी जानते होंगे कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक कुंडली में बारह भाव और नौ ग्रह होते हैं. लेकिन इन भाव और ग्रहों के संबंध को समझ कर ही हम अपनी कुंडली का सही से रहस्य

सूर्य षडबल में अगर मजबूत हो तो क्या होगा उसका असर

किसी भी ग्रह की शक्ति या उसके बल को जानना होता है तो उसे उक्त ग्रह की विभिन्न स्थितियों का विश्लेषण करके जाना जा सकता है. यह विभिन्न पद ग्रह शक्ति के विभिन्न स्रोत हैं जिन्हें षडबल के नाम से जाना

राहु का मीन राशि गोचर 2024 राशियों पर प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार सबसे अधिक कठोर ग्रहों में राहु का नाम भी विशेष रुप से लिया जाता रहा है. राहु, जो लगातार वक्री रहता है और हर डेढ़ साल में राशि परिवर्तन करता है, राहु का असर शनि के समान फल देने वाला

वैदिक ज्योतिष में शुक्र जब अन्य ग्रहों के साथ होता है तो क्यों निर्बल होता है या बली

शुक्र को एक चमकते तारे के रुप में हम सभी जानते हैं. इसकी चमक इतनी है की यह भोर के तारे के रुप में भी जाना जाता है. शुक्र को एक शुभ एवं आकर्षण से युक्त ग्रह माना गया है. शुक्र को प्रेम और भावनाओं का

बुध का अन्य ग्रहों से संबंध क्यों है विशेष

बुध का कुंडली में अस्थित्व जीवन के उन पहलुओं से होता है जो हमें सामाजिक रुप से एवं विश्लेषणात्मक रुप से महत्वपूर्ण बनाते हैं बुध के मित्र ग्रहों में सूर्य और शुक्र का स्थान विशेष रुप से आता है. इसके

आत्मकारक बुध का प्रभाव और उसकी विशेषता

बुध ग्रह का आत्मकारक रुप में होना कुंडली में बुध के द्वारा पड़ने वाले विशेष प्रभावों को दर्शाता है. जैमिनी ज्योतिष अनुसार ग्रहों का विभिन्न कारक रुपों में होना उनके द्वारा मिलने वाले फलों के लिए बेहद

मेष राशि में सूर्य - बृहस्पति का योग और सभी राशियों के लिए उसका फल

सूर्य के साथ बृहस्पति के मेष राशि में गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह का रहता है. यह गोचर कुछ राशि के लिए अच्छे परिणामों को देने वाला होगा ओर कुछ को कमजोर कर देने वाला

मीन राशि में बृहस्पति अस्त होने का प्रभाव

वर्तमान में मीन राशि में स्थित बृहस्पति अब एक बार पुन: गोचर में अस्त होने वाले हैं. बृहस्पति का अस्त होना गोचर एवं आध्यात्मिक दोनों ही पहलुओं से काफी विशेष माना जाता है. गुरु की स्थिति को अत्यंत शुभ

बुध का कुंडली के 12 भाव में गोचर फल

बुध एक ऎसा ग्रह है जो अपनी तेज रफता के साथ चलते हुए गोचर में अपना असर हर राशि पर जल्द से जल्द देने की कोशिश करता है. बुध को राशि चक्र का एक चक्र पूरा करने में लगभग साल का समय लग जाता है यह सूर्य के

मंगल का सभी 12 भावों में गोचर का प्रभाव

मंगल ग्रह का गोचर जन्म कुंडली के जिस भाव में होगा वहां बैठ कर कई तरह के असर दिखाने वाला होता है. मंगल ग्रह प्रत्येक राशि में लगभग 40 दिनों तक गोचर करता है. जन्म के समय चंद्रमा जिस भाव में स्थित होता

सूर्य सिद्धांत : सूर्य गोचर में कब देता है शुभ और शुभ फल

गोचर नियम अनुसर ग्रहों की शुभता एवं अशुभता का प्रभाव जन्म राशि होने वाले ग्रह के गोचर की स्थिति पर निर्भर करता है. सभी ग्रहों की गोचर का फल उनकी इसी स्थिति के अनुसर मिलता है. जन्म कुंडली में कुछ

सूर्य महादशा आपके लग्न पर कैसे डालती है अपना असर

सूर्य महादशा का प्रभाव व्यक्ति के ऊपर एक कम अवधि के लिए पड़ता है. इस दशा के दोरान व्यक्ति आत्मिक रुप से जागरुक बनता है. वह अपने आस पास की स्थिति को अब बहुत अधिक गहराई से देख पाता है. सूर्य आत्मा का

बुध का मीन राशि में गोचर 2024

07 मार्च 2024 को बुध का मीन राशि में गोचर होना तय है. यह विभिन्न राशियों के जातकों के जीवन में बड़े बदलाव ला सकता है. बुध एक व्यक्तिगत ग्रह है जो हमारे व्यक्तित्व का प्रतीक हैं, बुध हमारे व्यवहार को

बुध दोष का असर और निजात के उपाय

ज्योतिष में बुध को बुद्धि और तर्क से संबंधित ग्रह माना गया है. बुध को चंद्र और तारा की संतान एवं श्री विष्णु के भक्त रुप में भी जाना जाता है. ज्योतिष एवं धर्म ग्रंथों में बुध की महिमा बहुत अधिक है.

सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर

सूर्य गोचर समय 13 फरवरी 2023, को होगा इस समय गोचर 09:44 सुबह के समय पर होगा. सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर 13 फरवरी की प्रात:काल में प्रवेश होगा. मकर राशि से निकल कर कुंभ में सूर्य का प्रवेश शनि की

मंगल का कर्क राशि गोचर, पराक्रम और प्रयास में कमी का समय

मंगल का कर्क राशि में प्रवेश विशेष होगा. इस समय मंगल अपनी नीचस्थ राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष में कर्क राशि में मंगल का बल कम हो जाता है. इस स्थान पर मंगल को नीच का मंगल माना गया है. मंगल के इस

सूर्य का मकर राशि में गोचर

सूर्य का मकर राशि में गोचर (14 जनवरी, 2023) सूर्य का मकर राशि में गोचर शुक्रवार 14 जनवरी 2023 को 20:44 बजे होगा. ज्योतिष में, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस समय पर