यूप-शर-शक्ति योग - नभस योग | Yup Yoga- Nabhasa Yoga | Shakti Yoga- Nabhasa Yoga | Shara Yoga - Nabhasa Yoga

यूप योग लग्न से चतुर्थ भाव अर्थात कुण्डली के पहले चार भावों में सभी ग्रह होने पर बनता है. यह योग शुभ योगों की श्रेणी में आता है. यह योग क्योकि लग्न, भाव, धन भाव, तृ्तीय भाव अर्थात यात्रा भाव व चतुर्थ भाव अर्थात सुख भाव के संयोग से बनता है. इसलिए इस योग के फलस्वरुप व्यक्ति को इन्हीं चारों भावों से मिलने वाले फल प्राप्त होते है. 

यूप योग कैसे बनता है. | How is Yup Yoga Formed 

जब लग्न भाव से चतुर्थ भाव तक सारे ग्रह स्थित हों, तो यूप योग बनता है. इस योग वाला व्यक्ति धार्मिक रुचि वाला होता है. उसे धर्म कर्म विषयों में विशेष रुचि होती है. ऎसे व्यक्ति की धार्मिक यात्रा करने और व्रत, यज्ञ करने में सहज रुचि होती है. समाज सेवा के कार्यो में महत्वपूर्ण योगदान देने के कारण वह अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध होता है. इस योग से युक्त व्यकि को जीवन में सभी सुख - सुविधाएं प्राप्त होती है.  

शर योग - नभस योग | Shara Yoga - Nabhasa Yoga 

यूप योग के बाद अगला योग शर योग है. यूप योग लग्न से चतुर्थ भाव में ग्रहों की स्थिति से बनता है, तो शर योग चतुर्थ भाव से सप्तम भाव के मध्य ग्रह होने पर बनता है. इस योग में शामिल होने वाले भाव चतुर्थ भाव, पंचम भाव, षष्ट भाव व सप्तम् भाव आते है. यह योग व्यक्ति को इन्हीं भावों से संबन्धित फल देता है. 

शर योग कैसे बनता है. | How is Shara Yoga Formed 

कुण्डली में जब चतुर्थ भाव से सप्तम भाव तक सारे ग्रह स्थित होते है. तब शर योग बनता है.  यह योग व्यक्ति को क्रूर बना सकता है. इस योग वाले व्यक्ति को साहस और बल दिखाने वाले कार्य पसन्द होते है. ऎसा व्यक्ति स्वभाव से जोखिम लेने की प्रवृ्ति रखता है. उसमें सामान्य से अधिक उर्जा पाई जाती है. शर योग से युक्त व्यक्ति के लिए सेना और पुलिस से जुडे क्षेत्र कार्य करने के लिए अनुकुल रहते है. 

शक्ति योग - नभस योग | Shakti Yoga- Nabhasa Yoga 

शक्ति योग भी नभस योगों का एक भाग है. नभस का अभिप्राय आकाश है. जिस प्रकार रात्रि में तारें अपनी विभिन्न स्थिति के कारण किसी न किसी आकृ्ति का निर्माण कर रहे होते है, उसी प्रकार कुण्डली में भी विभिन्न भावों में ग्रहों की स्थिति से कोई न कोई आकृ्ति बन रही होती है.  इस प्रकार बनने वाली आकृ्ति ही ज्योतिष शास्त्र में नभस योग कहलाती है. नभस योग कुल 1800 प्रकार के है.  इन्हीं में से एक योग शक्ति योग है. आईये शक्ति को जानते है. 

शक्ति योग कैसे बनता है. | How is Shakti Yoga Formed 

जब कुण्डली में सभी ग्रह सप्तम भाव से दशम भाव के मध्य हों, तोल शक्ति योग बनता है. इस योग की यह विशेषता है, कि यह योग अपने नाम के विपरीत फल देता है. इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति साधारणतया: किसी छोटे पद पर नौकरी करता है. उसे अपनी योग्यता के अनुसार पद प्राप्त करने में समय लगता है.

अगर वह अपना व्यवसाय भी करता है, तो वह भी निम्न स्तर का होता है. इसके कारण उसके जीवन में आर्थिक परेशानियां बनी रहती है. मेहनत के अनुरुप आय प्राप्त न होने के कारण जीवन में आगे जाकर उसमें आलस्य की भावना भी आ सकती है.