एमेथिस्ट । जमुनिया । बिल्लौर । Amethyst | Substitute of Blue Sapphire | Quality of Amethyst | Supernatural Powers of Amethyst

इस उपरत्न को हिन्दी में जमुनिया कहा जाता है. कई स्थानों पर इसे बिल्लौर के नाम से भी जाना जाता है. इसे नीलम रत्न के उपरत्न के रुप में धारण किया जा सकता है. प्रकृति में यह उपरत्न प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. यह उपरत्न रंगहीन अवस्था में पाया जाता है. सबसे बढ़िया श्रेणी का एमेथिस्ट मध्यम से गहरे रंग का माना जाता है. यह अत्यधिक चटकीले रंग में भी पाया जाता है. कई स्थानों पर यह उपरत्न जामुनी रंग में पाया जाता है. इसीलिए इसे जमुनिया कहते हैं. जामुनी रंग के अतिरिक्त यह उपरत्न लालिमा लिए जामुनी रंग में तथा नीली आभा लिए जामुनी रंग में भी पाया जाता है. यह उपरत्न जितना आकर्षक है उतना ही अद्वित्तीय भी माना गया है.

एमेथिस्ट के गुण | Qualities of Amethyst

प्राचीन समय में एक मान्यता के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को नशे की अत्यधिक लत है तब उसे इस उपरत्न से बने कप में शराब पिलानी चाहिए. उसके बाद व्यक्ति की नशा करने की आदत छूट जाएगी. आधुनिक समय में भी यह मान्यता है कि जिस व्यक्ति को नशे की अत्यधिक लत है या अन्य कोई नशे की आदत है तब उसे यह उपरत्न धारण करना चाहिए. इसे धारण करने से सभी प्रकार का नशा दूर होता है. यह उपरत्न लडा़ई के मैदान में सैनिकों का हौंसला बढा़ता है और उनकी रक्षा करता है. कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार यह उपरत्न बुरे विचारों से व्यक्ति को दूर रखता है. व्यापार करने वाले व्यक्तियों को इस उपरत्न को धारण करने से व्यापार को चलाने की चतुरता आती है.

इस उपरत्न को धारण करने वाले व्यक्ति को समाज में सम्मानजनक स्थिति प्राप्त होती है. उसकी मान-प्रतिष्ठा में किसी प्रकार की कमी नहीं आती. धारणकर्त्ता को मानसिक शांति तथा सुख की अनुभूति होती है. पाप तथा घृणा से धारणकर्त्ता का बचाव होता है. पाश्चात्य देशों में एमेथिस्ट की माँग अत्यधिक हैं. उन देशों की महिलाएँ इस उपरत्न को अत्यधिक मात्रा में धारण करती है. उनकी मान्यता है कि इस उपरत्न को पहनने से उनका पति उन्हें हमेशा प्यार करता रहेगा.

एमेथिस्ट के अलौकिक गुण | Extraordinary Qualities of Amethyst

यह उपरत्न सभी की प्रत्येक क्षेत्र में सहायता करता है. इस उपरत्न को गले में धारण करने से साँपों के काटने का भय दूर होता है. व्यक्ति नशे की आदत का त्याग करता है. पेट मे अत्यधिक मात्रा में बनने वाले एसिड को यह उपरत्न नियंत्रित करता है. इन सब के अतिरिक्त इस उपरत्न को मित्रता का उपरत्न कहकर सम्मानित किया गया है. धारणकर्त्ता की मानसिक क्षमताओं और दाएं मस्तिष्क की गतिविधियों में वृद्धि करता है. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में वृद्धि करता है. रक्त को शुद्ध करने में सहायक होता है. सिरदर्द से निजात मिलती है. रक्त में मधुमेह की मात्रा को नियंत्रित करता है. जिन व्यक्तियों को अनिद्रा की समस्या है उन्हें इस उपरत्न को सोने से पहले अपने तकिए के नीचे रखना चाहिए. इससे वह शांतिपूर्वक नींद आएगी. सोने में किसी प्रकार का खलल नहीं होगा. यह उपरत्न धारणकर्त्ता की चोरों से रक्षा करता है.

कौन धारण करे | Who Should Wear Amethyst - Should I Wear Amethyst

जिन व्यक्तियों की कुण्डली में शनि शुभ भावों का स्वामी होकर अशुभ भावों से संबंध बना रहा है, वह इस उपरत्न को धारण कर सकते हैं.

कौन धारण नहीं करे | Who Should Not Wear Amethyst?

एमेथिस्ट उपरत्न को पुखराज, माणिक्य, मोती, मूँगा रत्नों तथा इनके उपरत्नों के साथ धारण नहीं करना चाहिए.

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